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जिन्ना का पाक बनाना चाहते हैं इमरान खान

-सोनमाटी समाचार-

पाकिस्तान मेंं 25 जुलाई को हुए नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के लिए आम चुनाव में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को सबसे ज्यादा सीटों पर विजय हासिल हुई है। पाकिस्तानी जनता ने आतंकियों को आईना दिखा दिया।पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के चुनाव में आतंकी और प्रतिबंधित समूहों को उनकी ओर से व्यापक अभियान चलाने के बावजूद करारी हार मिली है। पाकिस्तानी जनता ने आतंकियों को आईना दिखा दिया। चुनाव में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की भद पिटी है, जिसके सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए। पाकिस्तान के लगभग सभी बड़े राजनेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं लेकिन इमरान की छवि बेदाग रही है। इसके चलते पाकिस्तान की जनता उनकी ओर आकर्षित हुई। पाकिस्तान की जनता न सिर्फ करप्शन से बल्कि वंशवाद से भी छुटकारा पाना चाहती थी। इमरान खान की असल परीक्षा अब शुरू होने वाली है। उन पर सेना का दबाव नवाज शरीफ से ज्यादा रहेगा। इमरान खान आधुनिक पाकिस्तान का चेहरा हैं और वे सभी इलाकों-कौमों के नेता है। देखने की बात है कि वह भारत समेत बाकी दुनिया से किस तरह के रिश्ते बनाते हैं।

पाकिस्तान में चुनाव के नतीजे आने के बाद पाक की जनता को संबोधित करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान नियाजी ने कहा कि क्षेत्र की खुशहाली के लिए जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती हो। अगर हम क्षेत्र में गरीबी कम करना चाहते हैं तो हमें एक-दूसरे से कारोबार बढ़ाना चाहिए। वह कायदेआजम मोहम्मद अली जिन्ना के सपनों का पाकिस्तान बनाना चाहते हैं। पाक ऐसा मुल्क बने, जैसा हमारे लीडर मोहम्मद अली जिन्ना ने सोचा था। वह ऐसी रियासत चाहते हैं जहां गरीब भूखे न मरें। मजदूर, गरीब किसान और कमजोर तबके के लिए नीतियां बनेंगी। मेरी सरकार पहली होगी, जो किसी के खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई नहीं करेगी। सरकारी संस्थाएं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगी। कानून सबके लिए बराबर होगा।

अलापा कश्मीर राग और कहा, भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा
इमरान खान ने भी दूसरे पाक नेताओं की तरह कश्मीर राग अलापा और कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है। पिछले 30 वर्षों में कश्मीरियों ने काफी कुछ सहा है। भारत और पाक को टेबल पर बैठकर मसलों को सुलझाना चाहिए। भारत अगर एक कदम आगे बढ़ता है तो हम दो कदम बढऩे के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे भारत का हाथ है। दहशतगर्दी के बावजूद बलूचिस्तान के लोगों ने वोट दिया। भारत की मीडिया में मुझे ऐसे पेश किया जाता रहा, जैसे मैं बॉलिवुड फिल्मों का विलेन हूं। मैं वो पाकिस्तानी हूं, जो क्रिकेट को लेकर पूरा भारत घूम चुका है। मैं पॉलिटिक्स में इसलिए आया था कि मुल्क नीचे आते दिखने लगा था।

किया ऐलान,  पीएम हाउस में स्कूल चलाएंगे और गवर्नर हाउस में होटल
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के 45 फीसदी बच्चे बीमारियों से ग्रसित हैं। 2.5 करोड़ पाक बच्चे स्कूलों से दूर हैं। प्रसव के दौरान मौतें होती हैं। साफ पीने का पानी नहीं है। किसी मुल्क की पहचान इससे होती है कि उसका कमजोर और गरीब तबका कैसे रहता है?
पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम सादगी से रहेंगे और अपने ऊपर खर्च कम से कम करेंगे। विदेशी दौरों पर बेवजह खर्च नहीं करेंगे। लोगों के टैक्स के पैसे को बचाएंगे और उसका सही जगह इस्तेमाल होगा। उन्होंने ऐलान किया कि पीएम हाउस में स्कूल चलाए जाएंगे। गवर्नर हाउस में होटल बनाए जाएंगे। पाकिस्तान पर भारी भरकम कर्ज है।

चाहते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध
विदेश नीति पर बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाक को अमन और चैन की जरूरत है। विदेशी निवेश का न आना पाक के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। विदेश में बसे पाकिस्तानियों से निवेश मांगेगे। हम चाहते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध हो। चीन के साथ संबंध और मजबूत हों। 30 साल में 70 फीसदी लोगों को चीन ने गरीबी से निकाला है। इमरान खान ने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के लोगों ने दुनिया में सबसे ज्यादा तकलीफ उठाई है। अफगानिस्तान में अमन होगा तो पाक में भी शांति होगी। वह चाहते हैं कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच खुली सीमा हो। अमेरिका के साथ ऐसे संबंध चाहते हैं कि दोनों देशों को लाभ हो।
आतंकी समूहों को मिली करारी हार
पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के चुनाव में आतंकी और प्रतिबंधित समूहों को उनकी ओर से व्यापक अभियान चलाने के बावजूद करारी हार मिली है। इन समूहों के उम्मीदवारों को एक सीट भी नसीब नहीं हुई है। चुनाव में पाकिस्तान में बड़ी संख्या में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों के भाग लेने के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ भारत और दुनिया में भी चिंता पैदा हो गई थी।

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पिटी भद
चुनाव में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की भद पिटी है। हाफिज सईद से संबंधित मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग ने मान्यता देने से इनकार कर दिया तो अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक नाम से पार्टी बनाकर हाफिज सईद ने अपने कई उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर सरगोढा की एनए-91 सीट से खड़ा हुआ था। यह लोकसभा (नेशनल असेंबली) क्षेत्र जमात-उद दावा नेता का पैतृक शहर है। सईद का दामाद खालिद वलीद पीपी-167 सीट से खड़ा था।
कट्टरपंथी और प्रतिबंधित समूहों से संसदीय या प्रांतीय विधानसभा चुनाव में मौलाना मुहम्मद अहमद लुधियानवी समेत कुछेक उम्मीदवार ही ठीक-ठाक वोट हासिल कर सके हैं। लुधियानवी का नाम प्रतिबंधित सूची से हटा लिया गया था। लुधियानवी को 45000 से ज्यादा वोट मिले, लेकिन जीत से दूर रहे। सुन्नी साम्प्रदायिक समूह तहरीक-ए-लब्बाइक पाकिस्तान (टीएलपी) ने 100 से ज्यादा प्रत्याशी खड़े किए थे, लेकिन कोई भी जीत के नजदीक नहीं पहुंच पाया। सबसे बड़े धार्मिक समूह मुताहिद मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने व्यापक प्रचार अभियान चलाया था। इसके बावजूद वह नेशनल असेंबली की महज आठ सीटों पर आगे रही है।

इमरान खान : ऑलराउंडर क्रिकेटर से सियासत के शिखर तक 

इमरान खान नियाजी का जन्म ५ अक्टूबर १९५२ को लाहौर में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई लाहौर में हुई लेकिन बाद की पढ़ाई इंग्लैंड में पूरी हुई। १९७५ में इमरान ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के केबल कॉलेज से दर्शनशास्त्र, राजनीति और इकनॉमिक्स में ग्रैजुएशन किया। इमरान की मां शौकत खानम बुर्की परिवार से आती थीं, जिन्होंने पाकिस्तान को कई मशहूर खिलाड़ी दिए। 16 साल की उम्र में उनका क्रिकेट करियर शुरू हुआ। 1982 में इमरान खान पाकिस्तान टीम के कप्तान बन गए। इमरान के रिवर्स स्विंग की ख्याति जगप्रसिद्ध हुई, उनकी पहचान ऑलराउंडर के तौर भी हुई। 1987  में उनके नेतृत्व में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इमरान ने संन्यास की घोषणा कर दी, लेकिन पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक के आग्रह पर वापस लौटे। उनके नेतृत्व में पाकिस्तान ने 1992 में क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता। 25 मार्च 1992 को इमरान ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला। इमरान खान ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।

1995 में इमरान ने ब्रिटिश जर्नलिस्ट जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ निकाह किया। 2004  में तलाक हो गया। 2014  में इमरान खान ने दूसरी शादी की। टीवी ऐंकर रेहम खान इमरान की दूसरी बेगम बनीं। रेहम खान ने मात्र 10 महीने चल पाई अपनी शादी के दौरान इमरान खान पर यौन शोषण के आरोप लगाए और एक किताब लिखी, जिसमें इमरान को लेकर तमाम खुलासों का दावा किया। इमरान खान ने फरवरी 2018 में तीसरी शादी बुशरा मानिका से की। बुशरा मानिका इमरान की धार्मिक गुरु मानी जाती थीं। बुशरा ने इमरान से शादी से पहले ही कहा था कि उनके प्रधानमंत्री बनने के लिए तीसरी शादी जरूरी है। धार्मिक गुरु बुशरा की भविष्यवाणी इमरान की पत्नी बनने के बाद सही साबित होने जा रही है।

इमरान खान का राजनीतिक सफर

1996 में तहरीक-ए-इंसाफ नाम की पार्टी बनाने से शुरू हुआ। 1997 में वह अपना पहला चुनाव हार गए। फिर उन्होंने 2002 का चुनाव लड़ा। उनकी पार्टी की तरफ से बस उन्हें ही जीत मिली। नवंबर 2007 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ ने आपातकाल की घोषणा की तो इमरान को भी जेल जाना पड़ा। इमरान खान ने 2008 के चुनावों का बहिष्कार किया। 2013  में ‘नया पाकिस्तान’ का नारा दिया। पाकिस्तान के ताकतवर राजनीतिक शरीफ और भुट्टो परिवारों के खिलाफ आक्रामक प्रचार किया। पनामा लीक्स में नाम आने पर इमरान के निशाने पर नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पीएमएल नवाज रही।

(सोनमाटी समाचार, इनपुट : निशांत राज)

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