आयुष्मान भारत : सरकार से निशुल्क इलाज के लिए एनएमसीएच सूचीबद्ध
डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कार्यालय संवाददाता। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में स्थापित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल (एनएमसीएच) को भारत सरकार की जन-आरोग्य कार्यक्रम के ध्वजवाहक योजना आयुष्मान भारत के लिए बिहार सरकार ने सूचीबद्ध कर लिया है। पटना सचिवालय में इस आशय के बिहार सरकार और एनएमसीएच के बीच संबंधित एमओयू (म्युचुल आफ अंडर स्टैंडिंग) पर एनएमसीएच के प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर हो चुके हैं। इस अवसर पर एनएमसीएच के सचिव गोविन्दनारायण सिंह और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। अब कुछ दिनों बाद आयुष्मान योजना के तहत गोल्डेन कार्डधारक मरीजों का इलाज एनएमसीएच में शुरू हो जाएगा।
सीमांत बिहार में रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में एनएमसीएच का अस्पताल ही विविध और विस्तृत आधुनिक चिकित्सा संसाधन से लैस है। यह इस इलाके का एकमात्र सबसे बड़ा अस्पताल है। एनएमसीएच के सभी विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद हैं और विशेष आधुनिक चिकित्सा उपकरण हैं। इसके अस्पताल में विभिन्न तरह के मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड हैं। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनएमसीएच में आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सा कराने से संबंधित अधिसूचना और दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया है। इस योजना के तहत एनएमसीएच के अस्पताल में देश के किसी भी हिस्से के योजना के कार्डधारक मरीज चिकित्सा सेवा का निशुल्क लाभ उठा सकते हैं।
इलाज के विभिन्न सुपर स्पेशलिटी विभागों हृदय रोगों के लिए कार्डियोलाजी, तंत्रिका-तंत्र के रोगों के लिए न्यूरोलाजी, मूत्राशय संबंधी बीमारी के लिए यूरोनोलाजी, गैस के लक्षण वाले पेट के रोगों के लिए गैसट्रोलाजी आदि के कारण गोपालनारायणसिंह विश्वविद्यालय परिसर के अंतर्गत कार्यरत एनएमसीएच ने अपनी विश्वसनीय चिकित्सा और बेहतर चिकित्सकीय संधासन के जरिये सौ किलोमीटर से अधिक दायरे में अपना भरोसा स्थापित कर लिया है। एनएमसीएच उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बिहार के गया के बीच इलाज और स्वास्थ्य की गारंटी का एक भरोसोमंद केेंद्र है। एनएमसीएच में डायलिसिस और कैथलैब की अतिरिक्त विशेष व्यवस्था है। यहां जांच के एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासोनोग्राफी के साथ अन्य तरह की प्रामाणिक जांच-शालाएं हैं। यहां के ब्लड बैंक में सभी रक्तसमूह के मरीजों के लिए खून के साथ प्लेटलेट (रक्त कोशिका) और प्लाज्मा (रक्त द्रव) की भी व्यवस्था है। इसके अस्पताल में सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हुए गंभीर मरीजों के लिए अलग वार्ड, चिकित्सक, चिकित्सा संसाधन की 24 घंटा सेवा उपलब्ध है।
(रिपोर्ट : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)