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भारत में महंगा होगा डीजल-पेट्रोल

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) ने  तेल उत्पादन में कटौती को 2018 के अंत तक जारी रखने का फैसला लिया। इस कदम का उद्देश्य लगातार गिर रही क्रूड ऑइल की कीमतों को रोकना है। इसका सीधा मतलब यह है कि क्रूड ऑइल की कीमतें आने वाले समय में लगातार बढ़ सकती हैं। भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर इसका असर निश्चित तौर पर देखने को मिल सकता है।
14 सदस्यीय ओपेक नॉन-ओपेक मेंबर देशों के साथ संयुक्त रूप से प्रॉडक्शन कट को लेकर बैठक करने जा रहा है। नॉन ओपेक देशों का नेतृत्व रूस करेगा। रूस ने इसी साल ओपेक देशों के साथ मिलकर प्रॉडक्शन कट किया था। वह खराब दौर से गुजर रहे अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑइल मार्केट को घाटे से उबारने के लिए लगातार प्रॉडक्शन कट की वकालत कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑइल की कीमत प्रति बैरल 60 डॉलर से ज्यादा पहुंच चुकी है। प्रॉडक्शन कट करने की डील में अमेरिका शामिल नहीं है। रूस को यह डर सता रहा है कि कहीं प्रॉडक्शन कट के कारण तेल की बढ़ी डिमांड को पूरा करने के लिए अमेरिका अपने यहां उत्पादन बढ़ा न दे। इंटरनैशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों को नियंत्रित करने की यह कोशिश कितनी सफल होती है यह ओपेक मेंबर कंट्रीज और नॉन ओपेक मेंबर कंट्रीज के रवैये पर पूरी तरह से निर्भर करेगा। अगर दोनों पार्टियां इस मामले में आम सहमति बनाने में कामयाब होती हैं तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ना तय है। opec said to agree extended oil supply cut for full 2018

फाइल फोटो

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