सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है   Click to listen highlighted text! सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है
शिक्षासमाचारसोन अंचल

शिक्षकों पर समाज और राष्ट्र निर्माण का बड़ा दायित्व

शिक्षक समुदाय अब गंभीरता से चिंतन करे कि मूल्यों में गिरावट क्यों

: सुरेशकुमार गुप्ता

गुणवत्ता और मूल्यों के संयोग से ही बेहतर समाज का निर्माण संभव

: आनंद प्रकाश

 

दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष संवाददाता। बिहार के सोन अंचल के ग्रामीण क्षेत्र के लिए एजुकेशनल हब के रूप में उभर रहे दाउदनगर के शुकबाजार स्थित विद्या निकेतन परिसर में शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान-सह आशीष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने गुरुओं को उपहार देकर सम्मान प्रकट किया और शिक्षकों ने अपने विचार रखकर बच्चों को आशीष दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्या निकेतन विद्यालय समूह के सीएमडी सुरेशकुमार गुप्ता, सीईओ आनन्द प्रकाश, डिप्टी सीईओ विद्या सागर, प्रशासक संदीप कुमार, प्राचार्य सरयू प्रसाद और लेखक-पत्रकार उपेंद्र कश्यप ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का आरंभ विद्या की अधिष्ठात्री सरस्वती और भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्रों पर माल्यार्पण से हुआ।

एक प्रोफेशनल होने के नाते शिक्षकों का दायित्व अधिक
अपने संबोधन में विद्या निकेतन स्कूल समूह के अध्यक्ष-सह-प्रबध निदेशक सुरेशकुमार गुप्ता ने कहा कि अब समय आ गया है, शिक्षकों को इस मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन करना चाहिए कि शिक्षक समुदाय के मूल्यों में गिरावट क्यों आ रही है? हालांकि समाज के हर वर्ग के मूल्यों में क्षरण है और शिक्षक  समाज का ही हिस्सा है। फिर भी एक प्रोफेशनल होने के नाते शिक्षकों का दायित्व अधिक है, क्योंकि वह राष्ट्र और समाज का निर्माता है। अपने आचरण और प्रयत्नों से समाज की नई पीढ़ी को संस्कारवान, ज्ञानवान और जिम्मेदार नागरिक समूह के रूप में तैयार करने की एक बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की है, जिसके लिए उन्हें अपनी सतत कोशिश जारी रखनी चाहिए।

नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने का कार्य भी शिक्षण संस्थान और शिक्षकों का
विद्या निकेतन विद्यालय समूह के मुख्य कार्य अधिकारी आनंद प्रकाश ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान का पहला कार्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का है। मगर इसके साथ ही नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने का कार्य भी शिक्षण संस्थान और उसके शिक्षकों का है। गुणवत्ता और मूल्यों के संयोग से ही बेहतर समाज का निर्माण संभव होता है। इसके लिए समाज के अन्य वर्ग को भी आगे आना होगा और शिक्षक समुदाय के साथ खड़ा होना होगा।

गुरु करते हैं बच्चों के व्यक्तितव का सृजन
सेवानिवृत शिक्षक अवधेश उपाध्याय ने कहा कि गुरु बच्चों को अपने परिवृत्त में रखकर उनके व्यक्तितव का सृजन करते हैं। इस कारण से ही गुरु को ब्रह्मा कहा गया हैं। गुरु भी ब्रह्मा की तरह मनुष्य और मनुष्यता के सृजन का कार्य करते हैं। समृद्धि ट्रस्ट की सचिव मालती देवी और विद्या निकेतन विद्यालय समूह के चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया।

शिक्षकों को दिए गए उपहार, छात्र-छात्राओं को भी किया गया पुरस्कृत
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षकों को उपहार दिए गए और शिक्षकों ने बच्चों को आशीर्वचन दिए। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न तरह की सरस प्रस्तुतियां दीं। बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर का रिस्पेक्टिव अवार्ड आदित्य कुमार (कक्षा 9) और प्रतिभा कुमारी (कक्षा 7-बी) को दिया गया। डा. राधाकृष्णन सम्मान विद्यालय के शिक्षण कार्य में सर्वाधिक उपस्थिति के लिए विद्यालय की शिक्षिका सुमन कुमारी को दिया गया, जो एक साल की कार्यावधि में मात्र एक दिन ही अनुपस्थित हुई थीं। कार्यक्रम सचांलन प्रिंसी कुमारी और ब्यूटी कुमारी ने संयुक्त रूप से किया।

(रिपोर्ट : उपेंद्र कश्यप,  तस्वीर : निशांत राज)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Click to listen highlighted text!