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सवाल : क्यों सोते हैं लोग भूखे, महिलाओं पर आज भी अत्याचार क्यों?

तिलौथू (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में विद्यालय के भू-दाता मधुर सिन्हा की जयंती और विद्यालय के वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम समारोहपूर्वक मनाया गया, जिसमें प्रतीश कुमार, दिव्या कुमारी और राजनंदनी कुमारी के संयुक्त संचालन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक नृत्य-नाटिका और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह का शुभारंभ तिलौथू हाउस (राज-परिवार) के सदस्य भू-दाता स्वर्गीय मधुर सिन्हा के पुत्र एवं देहरादून के एक प्रतिष्ठित कालेज के प्रो. मोहित सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

विद्यालय में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते थे भाई-बहन : मोहित सिन्हा
मोहित सिन्हा ने अपने संबोधन से समारोह के वातावरण को भावविह्वल कर दिया। कहा कि भले ही मैं दिल्ली-देहरादून में रहता हूं, लेकिन मेरा दिल तिलौथू में रहता है। विद्यालय बड़ा या छोटा नहीं होता है। महत्व इस बात का है कि वहां कैसी शिक्षा दी जा रही है? मेरे स्वर्गीय पापा और मेरी दादी ने मुझे बचपन में इसी विद्यालय में पढऩे के लिए भेजा था।

कहा कि मुझे वह दिन याद आता है कि हम भाई-बहन (मैं और महिमा सिन्हा) यहां एक पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ा करते थे। संस्कार मुझे तिलौथू की मिट्टी से मिला है, जो मेरे रग-रग में रचा-बसा हुआ है।

अपने संबोधन में मोहित सिन्हा ने सवाल खड़ा किया कि अभी भी देश में बड़ी संख्या में लोग भूखे क्यों सोते हैं? महिलाओं पर अत्याचार क्यों बदस्तूर जारी है? और, अपने इन सामाजिक सरोकार के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा कि इसके अंत के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के मार्गदर्शक रहे युधिष्ठिर प्रसाद ने की।

आरंभ में अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य जंगलेश प्रसाद चौरसिया ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय सेवा भारती के मुख्य ट्रस्टी गुरुशरण प्रसाद ने शिक्षा के सरोकार पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में तिलौथू हाउस परिवार के सदस्य स्वर्गीय मधुर सिन्हा की पुत्री महिमा सिन्हा, अभिजीत सिन्हा, रंजीत सिन्हा और अन्य गणमान्य अतिथियों में भाजपा प्रखंड अध्यक्ष विनोद कुशवाहा, पूर्व मुखिया जगनारायण सिंह, देवनंदन प्रसाद, सुमेर सिंह, नंदकेश्वर प्रसाद, मथुरा सिंह, उमेश शुक्ला उपस्थित थे।

(रिपोर्ट व तस्वीर : डा. अनिलकुमार सिंह)

 

संतपाल स्कूल की रंगोली प्रतियोगिता मेें उकेरे गए पेड़ संरक्षण, धार्मिक उत्सव

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल और किड्स प्ले स्कूल के विद्यार्थियों के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया, जिसमें विद्यालय के पहले वर्ग से बारहवें वर्ग तक के ढाई सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और पेड़ संरक्षण, धार्मिक उत्सव के प्रतीकों आदि को रंग-विरंगे अंदाज में उकेरा।

प्रतियोगिता के दो समूहों में वर्ग-एक से चौथी तक और पांचवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

वर्ग चतुर्थ (अ) की अयाना सिंह, अरमान सूद, अहाना शर्मा, आशना, शोभा द्वारा बनाया गया सेव ट्री और वर्ग-प्रथम (स) की श्रेया, आरूषि, शुभम् राज, अशी कुमारी द्वारा बनाई गई रंगोली को प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। वर्ग चतुर्थ (ब) के छात्र अविनाश, रित्विक वर्मा, अंकित, ऋषभ, हर्षित और वर्ग द्वितीय (स) के स्वप्नील, विद्या, शिवेंद्र, राज वैभव, समृद्धि द्वारा बनाई गई रंगोली को द्वितीय, कक्षा तृतीय (ब) की समृद्धि सावन, मुकेश कुमार, सत्यम मिश्र, अन्मया आर्या, अभिजीत राज और कक्षा चतुर्थ (स) की छात्रा शैली आनंद, प्राची, राजलक्ष्मी, आमना, नैंसी द्वारा बनाई गई रंगोली को तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया।
रंगोली प्रतियोगिता का संयोजन विद्यालय के प्रबंधक रोहित वर्मा और रेनू पांडेय, निभा तिवारी, शैटरडे सेन गुप्ता, अर्जुन कुमार आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने किया। आरंभ में विद्यालय के अध्यक्ष डाा. एसपी वर्मा ने बताया कि रंगोली भारत में प्राचीन काल से सांस्कृतिक परंपरा और लोककला का अभिन्न हिस्सा रही है, जिसे शुभ और धार्मिक उत्सवों पर बनाया जाता है। विद्यालय की सचिव वीणा वर्मा और प्राचार्या आराधना वर्मा ने रंगोली को सजावट, सुमंगल का प्रतीक बताते हुए इसके प्रयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।

(रिपोर्ट व तस्वीर : अर्जुन कुमार, मीडिया प्रभारी, संतपाल)

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