ठंड बढऩे से कोरोना वृद्धि की आशंका/ पूर्व सैनिक रेफरल अस्पताल बना एनएमसीएच/ तीन पुस्तकों का विमोचन

तापमान गिरा, बढ़ी कोरोना वृद्धि की आशंक

दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन (कार्यालय प्रतिनिधि)। अचनाक सर्दी बढ़ चुकी है। सांस के जरिये फैलने वाले कोविड-19 का वायरस सर्दी के मौसम में ज्यादा प्रसारित होने की आशंका है, क्योंकि तापमान गिरने पर सर्दी-जुकाम के साथ अन्य वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। दवा आने तक कोरोना से मुकाबला के लिए मास्क ही वैक्सीन है। इसके अलावाा हाथ नहींमिलाना और सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल बचाव का बेहतर तरीका है। मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में गया में न्यूनतम तापमान सबसे कम 7.4 डिग्री सेल्सियस और राजधानी पटना में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान और नीचे जाने की संभावना है। बिहार में उत्तर-पश्चिम हवा चलने से तापमान में अचानक दो डिग्री की गिरावट आई है। डेहरी-आन-सोन में तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। उधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो पिछले 14 सालों में नवम्बर महीने का सबसे कम तापमान था। सफदरजंग, पालम मौसम वेधशाला सहित कुछ हिस्सों में तो न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस भी दर्ज किया गया। जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 7.4 डिग्री सेल्सियस चला गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है। ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की आशंका है। वाराणसी में मौसम सर्द हो गया है।

एनएमसीएच अब पूर्व सैनिकों का भी सेवा प्रदाता : एमडी

डेहरी-आन-सोन (विशेष संवाददाता)। जमुहार स्थित नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एनएमसीएच) अब पूर्व सैनिकों का भी सेवा प्रदाता बन गया है। भारतीय सेना के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार की अधिकृत समिति ने इसके लिए अपनी स्वीकृत सूची में एनएमसीएच को जोड़ लिया है। राज्य के किसी भी जिला का निवासी पूर्व सैनिक स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर एनएमसीएच में उपलब्ध सभी तरही की सुविधा और चिकित्सा का लाभ निशुल्क प्राप्त कर सकेंगे। बिहार के सभी 19 पाली-क्लिनिकों से जुड़े पूर्व सैनिकों के लिए एनएमसीएच को रेफरल अस्पताल घोषित किया गया है। बीमार होने वाले राज्य के पूर्व सैनिक उपचार के लिए चुनिंदा शहरों के अस्पताल जाते रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को कठिनाई का सामना करना पड़ता रहा है। एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने जानकारी दी कि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करने वाले ईसीएचएस की ओर से एनएमसीएच को रेफरल अस्पताल बनाने से संबंधित पत्र प्राप्त हो चुका है। उनकी ओर से सभी विभागों के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का निर्देश जारी किया जा चुका है।

हजारों सालों से साहित्य ही करता रहा मनुष्यता का निर्माण

डा. नंदकिशोर तिवारी (दायें)

सासाराम (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। रोहतास जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में सासाराम स्थित निराला साहित्य मंदिर में पुस्तक विमोचन समारोह में तीन पुस्तकें डा. सत्यनारायण उपाध्याय का शोध प्रबंध सूर साहित्य में ग्रामीण जीवन एवं संस्कृति, शिवशंकर अविराम का कविता संग्रह पैमाना और बाबी चंदन का जासूसी कहानी संग्रह हत्यारा कौन लोकार्पित की गईं। तीनों पुस्तकों का प्रकाशन किशोर विद्या निकेतन (वाराणसी) ने किया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समालोचक डा. नंदकिशोर तिवारी ने की। डा. तिवारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की अविरल धारा हजारों वर्षों से अविच्छिन्न रूप से जारी रही है। साहित्य के बिना जीवन नहीं है और न ही साहित्य के बिना मनुष्यता का निर्माण हो सकता है। कहा भी गया है कि साहित्य के बिना मनुष्य पूंछ बिहीन पशु है। जीवन में अगर मानवीयता है तो साहित्य के कारण ही है। आज जहां विज्ञान की जरूरत है, वही साहित्य की भी जरूरत है। बच्चों के लिए तो साहित्य अति आवश्यक है। स्थानीय इतिहासकार डा. श्यामसुंदर तिवारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति सर्वप्राचीन है। भारत भूमि से ही भाषा और साहित्य का प्रसार पूरी दुनिया में हुआ।
पुस्तक लेखकों ने बताया : पुस्तक सूर साहित्य में ग्रामीण जीवन एवं संस्कृति के लेखक डा. सत्यनारायण उपाध्याय ने कहा सूर साहित्य श्रीकृष्ण के जीवन और ग्रामीण पृष्ठभूमि पर ही आधारित है। श्रीकृष्ण के जीवन को समझने के लिए ब्रज की धूलि को माथे लगाना होगा। कविता संग्रह पैमाना के कवि शिवशंकर अविराम ने कहा कि पैमाने का अर्थ है नापना। मापन दो संस्कृतियों का हो सकता है, दो व्यक्तित्व का हो सकता है, दो सामानों का हो सकता है। कौन अच्छा है और कौन बुरा, यह पैमाने पर ही कसा जाता है। हत्यारा कौन के लेखक बाबी चंदन ने कहा कि वैसे तो मैंने कई कहानियां लिखीं और मंचन किया है। लेकिन मैं हत्यारा कौन को अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति मानता हूं, जिमें अंत तक सस्पेंस (संशय) और थ्रील (रोमांच) आरंभ से अंत तक बरकरार रहता है।
कवि-गोष्ठी भी हुई : इस अवसर पर कविगोष्ठी भी हुई। आरंभ में निराला की सरस्वती वंदना का और विमोचित काव्य संग्रह पैमाना की कई पंक्तियों का गायन वंदना गुप्ता और कन्हैया साहू द्वारा किया गया। कवि गोष्ठी में बेताब अहमद बेताब (सासाराम), विद्याशंकर विद्यार्थी (रामगढ़, झारखंड), शोभनाथ लाल घायल, अभिषेक कुमार अभ्यागत (डेहरी-आन-सोन), शंभूनाथ दुबे शैल ने काव्य पाठ किया। पुस्तक विमोचन में अनेक सुधी श्रोता, विद्वान, शिक्षाविद, साहित्य साधक उपस्थित थे। कार्यक्रम के एकदम आरंभ में गोस्वामी तुलसीदास और स्वामी शिवानंदजी तीर्थ के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। फिर दीप प्रज्ज्वलन हुआ।

प्रस्तुति : डा. एसएस तिवारी

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