प्रलय आने में सिर्फ ‘दो मिनटÓ बाकी !

(संपादकीय/विचार : कृष्ण किसलय)। बिगड़ते पर्यावरण को लेकर 184 देशों के 16 हजार वैज्ञानिकों की संस्था पहले ही मानव जाति के नाम अपनी दूसरी चेतावनी जारी कर चुकी है। और अब, ड्ूम्स-डे क्लाक ने अमेरिका व उत्तर कोरिया के बीच तनाव के मद्देनजर दुनिया के परमाणु युद्ध के कगार पर होने का एलार्म दे दिया है कि मानव निर्मित प्रलय के आने में सिर्फ दो मिनट का वक्त बाकी है।
हालांकि आदमी के अस्तित्व के लिए पर्यावरण प्रदूषण आज परमाणु युद्ध से भी बड़ा खतरा बन चुका है, जिसे लेकर वैज्ञानिक लगातार चिंता जताते रहे हैं। संभव है कि परमाणु युद्ध टाला जा सके, मगर पर्यावरण-प्रदूषण का खतरा अटल है जो निरंतर सुरसा की तरह फैलता जा रहा है। बढ़ती आबादी और प्रदूषण के चलते बदल रहा पर्यावरण और गर्म होता मौसम मानव अस्तित्व के मद्देनजर खतरनाक दौर में कदम रख चुका है।

2018 की जनवरी पिछले 117 सालों में देश के इतिहास की सबसे सूखी जनवरी साबित हो चुकी है। देश में मौसम का रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था 1901 में शुरू हुई। तब से जनवरी माह में देश में औसत बारिश 19.2 मिली मीटर होती रही है, जबकि जनवरी में औसतन सिर्फ 2.2 मिली मीटर बारिश हुई। मघेर यानी जनवरी (माघ) की बारिश रबी की फसल, जलस्रोतों के रिचार्ज होने, ग्राउंडवॉटर आदि के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह बारिश प्रदूषण को भी कम करने में अपनी भूमिका का निर्वाह करती है। औद्योगिक प्रदूषण कम नहीं हुआ और जल संरक्षण की गति नहीं बढ़ी तो 2030 तक पेयजल की उपलब्धता 40 फीसदी कम हो जाएगी। बढ़ती आबादी के अनुपात में खाद्यान्न की उपलब्धता का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है।
डूम्ड-डे क्लाक की स्थापना 47 साल पहले सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफेन हाकिंग सहित दुनिया के 15 एटोमिक वैज्ञानिकों ने मानव निर्मित प्रलय की स्थिति को बताने के लिए की है। इस घड़ी की स्थापना के वक्त इसकी सूइयां 11 बजकर 53 मिनट पर टिकाई गई थीं, जिन्हें 22 बार आगे-पीछे किया जा चुका है। अब अमेरिका-कोरिया तनाव के मद्देनजर घड़ी की सूइयां 11 बजकर 58 मिनट पर स्थिर की गई हैं। -कृकि

  • Related Posts

    पत्रकार उपेंद्र कश्यप को मिला डाक्टरेट की मानद उपाधि

    दाउदनगर (औरंगाबाद) कार्यालय प्रतिनिधि। फोर्थ व्यूज व दैनिक जागरण के पत्रकार उपेंद्र कश्यप को ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने, सोन का शोक, आफत में बेजुबान, सड़क सुरक्षा और…

    जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के द्वारा धान परती भूमि प्रबंधन एवं किसानों का सशक्तिकरण

    पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास (प्रोजेक्ट लीडर), डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक-सह-प्रधान अन्वेषक एवं टीम के अन्य…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    डेहरी स्टेशन के विकास को तेज करने की मांग

    दुर्गा पूजा को लेकर शहर में किया गया फ्लैग मार्च

    दुर्गा पूजा को लेकर शहर में किया गया फ्लैग मार्च

    हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने पर जताई खुशी

    हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने पर जताई खुशी

    शहर में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं क्लिनिक का हुआ उद्घाटन

    शहर में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं क्लिनिक का हुआ उद्घाटन

    web story

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धि

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धि