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मैनेजरियल एक्सीलेंस : कोमल व्यवहार उत्पादकता-वृद्धि का सबसे प्रभावकारी गुरुमंत्र

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कार्यालय संवाददाता। बिहार के ग्राम्यांचल में स्थापित जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के परिसर में नारायण एकेडमी आफ मैनेजरियल एक्सीलेन्स के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतर्गत व्यवहार में बदलाव से उत्पादकता-वृद्धि विषय पर संयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आईआईटी (धनबाद) के प्रो. (डा.) प्रमोद पाठक ने कहा कि किसी भी संस्थान के उसके प्रबंधन का कोमल व्यवहार ही उस संस्थान की उत्पादकता-वृद्धि का एक मुख्य उपक्रम होता है। गलतियों पर दंड दिए जाने के बजाय सुधार की नीति से किसी भी संस्थान के मानव संसाधन को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है और अपेक्षित परिणाम प्राप्त किया जा सकता है।
तनावरहित वातावरण की उत्पादकता सबसे बेहतर
प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन की संगोष्ठी (तनाव रहित जीवन विषय) को संबोधित करते हुए विभिन्न तरह के कार्य-क्षेत्रों से संबंधित दर्जनों उदाहरणों के जरिये अपनी बात प्रभावकारी ढंग से रखते हुए बतौर मुख्य प्रशिक्षक प्रो. प्रमोद पाठक ने बताया कि तनावरहित वातावरण में ही उत्पादकता सबसे बेहतर होती है। उन्होंने कहा कि तनाव उपलब्धियों के लिए किए जाने वाले प्रयासों के घर्षण का प्रतिफल होता है, जिसे कई उपायों से दूर किया जा सकता है। जीवन और जगत में तनाव खत्म नहींहोने वाला तत्व है, मगर इसके असर को न्यूनतम बनाया जा सकता है।

तनावरहित वातावरण हर संस्थान की प्राथमिकता
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन-सत्र को गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा व सचिव गोविन्दनारायण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हर संस्थान के प्रबंधन के लिए यह बात प्राथमिकता में होनी चाहिए कि संस्थान में तनावरहित, बेहतर वातावरण मुहैया हो और समय-परिस्थिति-आवश्यकता के अनुरूप इसके लिए निरंतर प्रयासरत भी रहना चाहिए। गोविन्दनारायण सिंह ने कार्यशाल के मुख्य प्रशिक्षक प्रो. (डा.) प्रमोद पाठक को अंगवस्त्र, स्मृतिचिह्नï भेंटकर विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान प्रकट किया और धन्यवाद-ज्ञापन किया।
प्रशिक्षण कार्यशाल में सभी संस्थानों के कर्मियों ने भाग लिया
प्रशिक्षण कार्यशाला को एनटीपीसी के डीजीएम एमपी मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संबोधित किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. राधेश्याम जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक डा. आलोक प्रताप सिंह, नारायण स्कूल आफ ला के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह, फार्मेसी कालेज के प्रभारी प्राचार्य भुवनेश्वरदत्त त्रिपाठी, नर्सिंग कालेज के प्रभारी प्राचार्य नीतेश कुमार, नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के महाप्रबंधक (संचालन) उपेन्द्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह, लेखा विभाग के प्रभारी रवि चंद्रा के साथ विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न संस्थानों के सभी विभागों के अध्यापक, स्टाफ ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के संयोजन में प्रबंधन संस्थान (नाारायण एकेडमी आफ मैनेजरियल एक्सीलेन्स) के प्राध्यापकों डा. आलोक कुमार, डा. अभिषेक श्रीवास्तव, डा. अनिल कुमार गोप, प्रो. किशनजी, प्रो. कुमुद रंजन, प्रो. निखिल निशांत, प्रो. कुमारी पम्मी ने अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाह किया।

(तस्वीर व रिपोर्ट : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)

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