बदलती जलवायु में पूर्वी भारत के किसानों के लिए धान की सीधी बुवाई तकनीक है कारगर: डॉ. गैरी एटलिन

पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, वाशिंगटन, अमेरिका के वैज्ञानिकों की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिकों की टीम के साथ मंगलवार को धान की सीधी बुवाई तकनीक विषय पर एक संवाद बैठक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. गैरी एटलिन, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी, बीएमजीएफ-इंडिया ने अपने संबोधन में सीधी बुवाई वाली धान में खरपतवार प्रबंधन के लिए प्रतिरोधी किस्मों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने संस्थान में धान प्रजनन कार्यक्रम के लिए जीनोमिक प्रेडिक्शन तकनीक के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. एटलिन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के साथ सहयोग के सार्थक परिणामों की सराहना की।
डॉ. संकल्प भोसले, अनुसंधान प्रमुख-उत्पाद विकास एवं किस्म विकास, आईआरआरआई, फिलीपींस ने संस्थान के साथ अनुसंधान कार्य के दौरान विकसित की गई 11 जलवायु अनुकूल धान की किस्मों के विकास पर खुशी जाहिर की और किसानों द्वारा इन्हें अपनाए जाने पर जोर दिया।
इससे पहले संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने सभी विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों और किस्म विकास और कृषि प्रबंधन पद्धतियों के माध्यम से धान अनुसंधान की दिशा में इसके प्रयासों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने आईआरआरआई, फिलीपींस के सहयोग से संस्थान में धान प्रजनन के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाने का प्रस्ताव रखा।
डॉ. संतोष कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पौध प्रजनन और धान प्रजनन कार्यक्रम के टीम लीडर ने कार्यक्रम की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया और चर्चा के दौरान प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कई प्रश्नों के उत्तर भी दिए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना वर्ष 2011 से अपने धान प्रजनन कार्यक्रम में आईआरआरआई के साथ कार्य कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 11 जलवायु अनुकूल धान की किस्में विकसित हुई हैं। इनमें से कुछ किस्में जैसे स्वर्ण श्रेया, स्वर्ण समृद्धि, स्वर्ण शक्ति पूर्वी भारतीय राज्यों के कृषक समुदायों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।


इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें बीएमजीएफ-इंडिया की ओर से डॉ. श्रीवल्ली कृष्णन, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी, किशोर राव, वरिष्ठ सलाहकार, एवं राधिका ढांड, सलाहकार, बीएमजीएफ सहित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस से डॉ. विकास कुमार सिंह, क्षेत्रीय प्रजनन प्रमुख, डॉ. शलभ दीक्षित, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्लांट ब्रीडर, डॉ. अमेलिया हेनरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. जे दामिनन प्लैटन, वैज्ञानिक, डॉ. स्वाति नायक, वैज्ञानिक, मिग्नॉन ए. नतिविदाद, सहायक वैज्ञानिक शामिल थे। टीम ने संस्थान और सबजपुरा स्थित पौध अनुसंधान फार्म का भी भ्रमण किया तथा धान की सीधी बुवाई और आईआरआरआई, फिलीपींस द्वारा प्रायोजित प्लांट डायरेक्ट परियोजना पर चल रहे धान के प्रायोगिक परीक्षणों की सराहना की। डॉ. सोनका घोष, वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

Share
  • Related Posts

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। हस्तशिल्प के संवर्धन एवं विकास हेतु भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन संचालित हस्तशिल्प सेवा केंद्र, पटना के तत्वावधान में शुक्रवार से तीन दिवसीय कार्यशाला…

    Share

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अंतर्गत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र, मानपुर, गयाजी द्वारा संयुक्त रूप से…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह

    कृषि अनुसंधान परिसर की तीन दिवसीय बैठक संपन्न, नीतियों पर की गई विस्तृत चर्चा

    कृषि अनुसंधान परिसर की तीन दिवसीय बैठक संपन्न, नीतियों पर की गई विस्तृत चर्चा

    जीएनएसयू में आयोजित हुआ अभिमुखीकरण कार्यक्रम

    जीएनएसयू में आयोजित हुआ अभिमुखीकरण कार्यक्रम