ईमानदारी-नैतिकता की पराकाष्ठा थे लालबहादुर शास्त्री

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)- पिंकी कुमारी। भूतपूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जीवनी लेखकों डा. महावीर अधिकारी (साप्ताहिक करंट के संपादक) और चंद्रिका प्रसाद श्रीवास्तव (निजी सचिव रहे आईएएस अधिकारी) की पुस्तकों के आधार पर सोनघाटी पुरातत्व परिषद, बिहार के सचिव अवधेश कुमार सिंह का कहना है कि उनकी जिंदगी खुली किताब की तरह थी, वह न तो पैसा छोड़ गए थे और न ही घर या जमीन-जायदाद। मरने के बाद उनके बैंक एकाउंट में 365 रुपये 35 पैसे थे। स्कूल-कालेज के दिनों में पैसे के अभाव में वह लंबी दूरी पैदल ही तय करते थे। कई बार तो गंगा पार कराने के लिए नाव के पैसे नहीं होने पर तैर कर ही नदी पार की थी। समाजसुधार की भावना ऐसी कि काशी विद्यापीठ से शास्त्री की डिग्री (उपाधि) पाने के बाद जातिसूचक श्रीवास्तव हटाकर शास्त्री रख लिया। इसके पश्चात् शास्त्री शब्द लालबहादुर के नाम का पर्याय ही बन गया।
प्रधानमंत्री रहते हुए एक बार बिहार के कुछ लोगों को प्रधानमंत्री आवास पर मिलने का समय दिया था, मगर एक खास विदेशी मेहमान के स्वागत के कार्यक्रम के कारण आवास पर पहुंचने में देर हो गई। बिहारी दल इंतजार के बाद निराश होकर लौट गया। घर आने पर शास्त्रीजी खुद बस स्टाप पहुंचे और उस दल को प्रधानमंत्री आवास ले आए। बहुत कम लोगों को पता है कि शास्त्रीजी देश के प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबारों के संपादकीय पृष्ठ के स्तंभ लेखक भी थे। कामराज योजना के तहत 1963 में नेहरू मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने के बाद सिर्फ सांसद रह गए तो 500 रुपये के वेतन से घर का खर्च नहीं चल पाता था। तब सुप्रसिद्ध पत्रकार कुलदीप नैयर ने लेखक सिंडीकेट बनाकर उन्हें अखबारों में लिखने के लिए मनाया। कुलदीप नैयर उनके प्रेस सलाहकार के रूप में उनकी मृत्यु के समय ताशकंद में मौजूद थे।
1965 भारत-पाक युद्ध  के बाद शास्त्रीजी ने नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और जय जवान-जय किसान का नारा दिया। इससे भारत की जनता का मनोबल बढ़ा और सारा देश एकजुट हो गया।

लालबहादुर शास्त्री के साथ पत्नी ललिता शास्त्री
Share
  • Related Posts

    जन सुराज का डेहरी में जनसंवाद कार्यक्रम

    डेहरी-आन-सोन ( रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। Share

    Share

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। हस्तशिल्प के संवर्धन एवं विकास हेतु भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन संचालित हस्तशिल्प सेवा केंद्र, पटना के तत्वावधान में शुक्रवार से तीन दिवसीय कार्यशाला…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    जन सुराज का डेहरी में जनसंवाद कार्यक्रम

    जन सुराज का डेहरी में जनसंवाद कार्यक्रम

    सेंट माइकल्स स्कूल के छात्रों ने जाना कृषि विज्ञान का भविष्य

    सेंट माइकल्स स्कूल के छात्रों ने जाना कृषि विज्ञान का भविष्य

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह