उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि प्रबंधन

पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास (प्रोजेक्ट लीडर) एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार (परियोजना समन्वयक) के तत्वाधान में गया जिले में चलाई जा रही उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि प्रबंधन परियोजना का मुख्य उद्देश्य धान-परती भूमि में फसल सघनता को बढ़ाना एवं किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस संबंध में शुक्रवार को गया जिले के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक ग्राम में दलहन एवं तिलहन के प्रक्षेत्र में संस्थान से आए राम कुमार मीना, तकनीशियन, सौरभ प्रताप सिंह, एस.आर.एफ. एवं श्रीकांत चौबे, प्रक्षेत्र सहयोगी ने किसानों के साथ सीधा संवाद किया और किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, जैसे चना (जीएमजी-2207), सरसों (आरएच-761) और अरहर (एपीएल-203) की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी। किसानों को 2% यूरिया या डी.ए.पी. घोल का पत्तियों पर छिड़काव करने की तकनीक भी बताई गई, जिससे फसलों की गुणवत्ता और उपज में सुधार होता है।

सौरभ प्रताप सिंह ने बताया कि 2% यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव (फोलियर एप्लिकेशन) महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पौधों को तुरन्त नाइट्रोजन उपलब्ध कराता है, जो उनकी वृद्धि और विकास में सहायक होता है। नाइट्रोजन की आपूर्ति के लिए यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव पौधों को नाइट्रोजन जल्दी उपलब्ध कराता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता बढ़ती है और उपज में सुधार होता है। सूखा सहनशीलता में वृद्धि अवृष्टि की स्थिति में पौधों को नाइट्रोजन की कमी होती है, जो फोलियर एप्लिकेशन से पूरी होती है, जिससे पौधे सूखा सहनशील बनते हैं और उपज में गिरावट कम होती है। इसके अलावा, कीरिन का उपयोग जैविक कीटनाशक के रूप में तिलहनों और दलहनों में कीट-व्याधि नियंत्रण के लिए किया जाता है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।

श्रीकांत चौबे ने किसानों को बताया कि मृदा सर्वेक्षण और मृदा सैंपलिंग की अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि यह किसानों को उनकी मिट्टी की वास्तविक स्थिति और पोषक तत्वों की आवश्यकता का आकलन करने में मदद करता है। मृदा सैंपलिंग से यह पता चलता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश आदि) की कमी है, जिससे किसानों को उचित उर्वरकों का चयन और उपयोग करने में मदद मिलती है। मृदा परीक्षण के आधार पर किसानों को यह जानकारी मिलती है कि उन्हें किस मात्रा में और किस प्रकार के उर्वरकों की आवश्यकता है, जिससे उर्वरकों की बर्बादी कम होती है और फसल की उपज में वृद्धि होती है।

राम कुमार मीना ने किसानों से जल संरक्षण और सूखा सहनशीलता के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि मृदा सैंपलिंग से यह भी पता चलता है कि मिट्टी की जल धारण क्षमता कैसी है, जिससे किसान सूखा या अधिक वर्षा के दौरान बेहतर जल प्रबंधन कर सकते हैं। सही मृदा परीक्षण के माध्यम से किसान जरूरत से ज्यादा उर्वरक या रसायनों का उपयोग करने से बच सकते हैं, जिससे उत्पादन लागत कम होती है। मृदा के पोषक तत्वों की सही पहचान के बाद, किसानों को उपयुक्त कृषि विधियों का पालन करने में मदद मिलती है, जिससे फसल की वृद्धि बेहतर होती है और उत्पादन बढ़ता है।इस प्रकार, मृदा सैंपलिंग वृष्टि आधारित कृषि में किसानों के लिए लाभकारी है, क्योंकि यह उन्हें उनके खेतों की सटीक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है, जिससे किसानों को मिट्टी की पोषक तत्वों की स्थिति का आकलन करने में मदद मिलती है। धान के अवशेषों का प्रबंधन मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार करता है, जिससे आगामी फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कार्यक्रम में लगभग 25 किसानों ने भाग लिया, जिसमें प्रगतिशील किसान आशीष कुमार और रविंद्र यादव ने धान-परती भूमि प्रबंधन की विधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, गया का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Share
  • Related Posts

    महिला शक्ति से बदल रही है बिहार की राजनीति

    बिहार की राजनीति इस बार अलग रंग में दिखाई दे रही है। वर्षों से यहाँ चुनावी बहसें जाति और समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती रही थीं, लेकिन अब हवा बदल चुकी…

    Share

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। जन सुराज प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं डेहरी विधानसभा के संभावित प्रत्याशी अभिषेक सांकृत ने मंगलवार को डेहरी में प्रेस वार्ता आयोजित कर कई अहम मुद्दों पर अपनी…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    महिला शक्ति से बदल रही है बिहार की राजनीति

    महिला शक्ति से बदल रही है बिहार की राजनीति

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का सफल समापन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का सफल समापन

    एनडीए को मिलेगा भारी जनसमर्थन, महागठबंधन होगा साफ : कुशवाहा

    एनडीए को मिलेगा भारी जनसमर्थन, महागठबंधन होगा साफ : कुशवाहा

    पाली-डालमियानगर में षष्ठी पर मां दुर्गा के पट खुले, श्रद्धालु पहुंचे दर्शन को

    पाली-डालमियानगर में षष्ठी पर मां दुर्गा के पट खुले, श्रद्धालु पहुंचे दर्शन को

    विधानसभा चुनाव 2025: डेहरी और औरंगाबाद प्रशासन की संयुक्त बैठक, कड़े सुरक्षा प्रबंध पर सहमति

    विधानसभा चुनाव 2025: डेहरी और औरंगाबाद प्रशासन की संयुक्त बैठक, कड़े सुरक्षा प्रबंध पर सहमति