कोरोना का कहर जारी, औरैया दुर्घटना में घर लौट रहे 24 प्रवासियों की मौत
लोग आशान्वित हैं कि लाकडाउन-तीन के बाद 18 मई से जिंदगी पहले जैसी पटरी पर होगी और धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी। मगर तीन लाकडाउन में कोरोना-चेन तोडऩे के प्रयास के बावजूद कोविड-19 का लगातार जारी कहर बेहद परेशान करने वाला है। देश में कोरोना पीडि़तों की संख्या 82885 पहुंच चुकी है, जिनमें 28304 ठीक हो घर गए मगर 2591 को जान गंवानी पड़ी। इनके अलावा सैकड़ों की जान लाकडाउन में मची अफरा-तफरी के कारण भी गई। रेल दुर्घटना के बाद अब प्रवासी मजदूरों से भरे ट्रक के दूसरे ट्रक से टकराने से 15 मई की सुबह उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में 24 की मौत हो गई है। कई राज्य सरकारों की इच्छा सभी प्रतिबंधों को मई के अंत तक जारी रखने की है, ताकि इस बीच राज्यों में लौट रहे प्रवासियों से कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सके। बिहार में चार मई से अब तक करीब ढाई लाख लोग आए हैं, जिनमें से 358 प्रवासी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। पूर्व-मध्य रेल (मुजफ्फरपुर, बिहार) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, 16 मई को भी 35 श्रमिक विशेष रेलगाडिय़ों से अलग-अलग स्टेशन पर विभिन्न राज्यों से 65 हजार प्रवासियों की घर वापसी होगी, जिन्हें 21 दिन के लिए क्वारंटाइन केेंद्रों पर रखा जाएगा।
हत्यारों ने सिर में मारी गोली : लाकडाउन में भी अपराधियों का हौसला बुलंद है। रोहतास जिला के डिहरी प्रखंड के पप्पू यादव की हत्या के बाद दिनारा प्रखंड में एक और युवा राजद नेता मनोज यादव की हत्या सिर में ही गोली मार कर दी गई। पुलिस के मुताबिक मनोज यादव रात में घर से बाइक से निकले थे। मोबाइल के बंद बताने पर परिवार वालों ने ढूंढा तो उनका शव रोड किनारे पड़ा मिला। मनोज यादव का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटा तेजप्रताप यादव से बढिय़ा राजनीतिक संबंध था।
वीरा पूनम निकल पड़ीं अब कर्तव्य-पथ पर :
डेहरी-आन-सोन के पाश्वर्ती चकन्हवा ग्रामपंचायत (डिहरी प्रखंड) की मुखिया पूनम देवी पति की मौत के दो हफ्ते बाद ही घर में दो नन्हें बच्चों को छोड़ अपने कर्तव्य-पथ पर निकल पड़ी हैं। अपराधियों ने इनके बालू कारोबारी पति पप्पू यादव के सिर में गोली मार दी थी, जिनकी मुत्यु एक मई को इलाज के दौरान हो गई। कोरोना संकट में अपने इलाके के दो बड़े काम की जरूरत से इन्हें घर से निकलना पड़ा है, पहला कि घर-घर मास्क, साबुन पहुंचाना है और दूसरा कि सबका राशन कार्ड बनाया जाना है। यह उनके लिए राजनीतिक सरोकार के मद्देनजर ग्रामीण जनता, मतदाताओं से जुड़ाव बनाए रखने का और उनकी मानसिक जरूरत पूर्ति का अवसर भी है। वह इस बीच वह जरूरतमंदों की भरसक मदद भी कर रही हैं। उनका हौसला ऐसा है, जैसे वह गरीब और समाज की सेवा में अपने को खपा-तपा कर अपने जीवन के सबसे दुख को भुला देना चाहती हैं, पति के समाजसेवा के संकल्प को बुलंदी की परवान चढ़ाना चाहती हैं।
राशन कार्ड के आवेदन 20 तक होंगे स्वीकार :
अब छूटे हुए परिवारों का राशन कार्ड के लिए आवेदन-पत्र 20 मई तक स्वीकार करते हुए नियमानुसार जांच कर निष्पादन का निर्देश दिया गया है। बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से 08 मई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत यह निर्देश जारी किया गया था कि छूटे हुए परिवारों के राशन कार्ड के लिए आवेदन 15 मई तक स्वीकार किए जाएंगे। खाद्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल और जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बालामुरूगन डी की ओर से सभी जिलाधिकारियों, जिला आपूर्ति पदाधिकारियों, अनुमंडलाधिकारियों, जिला परियोजनों प्रबंधकों को नए निर्देश के कार्यान्वयन का कार्यालय आदेश 15 मई को भेजा जा चुका है। निर्देशानुसार जीविका समूह को घर-घर जाकर राशन कार्ड का आवेदन भरवाना है।
विद्यालय खुलेंगे, मगर नहीं आएंगे विद्यार्थी :
पटना के आयुक्त संजय अग्रवाल ने सभी स्कूलों, कोचिंग संस्थानों को खोलने का आदेश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में शिक्षक सोशल डिस्टेन्स (शारीरिक दूरी) का पालन करते हुए शिक्षण-कार्य करेंगे, मगर किसी भी हालत में विद्यार्थियों के स्कूल में आने की अनुमति नहींहै। विद्यार्थी घरों से ही आनलाइन क्लास करेंगे। शिक्षण संस्थान पाठ्य-सामग्री विद्यार्थियों को व्हाट्सएप, ई-मेल, वेबपोर्टल पर आनलाइन उपलब्ध कराएंगे। रोहतास जिला में संतपाल सीनियर सेकेेंड्री स्कूल (सासाराम), सनबीम स्कूल, जेआरएस स्कूल (डेहरी-आन-सोन) आदि, औरंगाबाद जिला के दाउदनगर में विद्या निकेतन, विवेकानंद मिशन स्कूल आदि ने स्थिति को भांपकर आनलाइन पढ़ाई पहले ही शुरू कर दी है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : सोनमाटी टीम पटना, डेहरी-आन-सोन, सासाराम में)
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