पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में मंगलवार को अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए ‘कृषि एवं गैर-कृषि आदानों के माध्यम से क्षमता निर्माण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला वैज्ञानिकों एवं तकनीकी अधिकारियों की टीम ने महिला किसानों की आय में वृद्धि एवं उनके सशक्तिकरण के लिए प्रदान किए गए आदानों की प्रगति जानने एवं समीक्षा करने के लिए पटना जिले के चांदमारी, लोधीपुर, मखदुमपुर एवं नेउरा गांवों का भ्रमण किया।
सिलाई मशीन की विभिन्न महिला लाभार्थियों ने कौशल वृद्धि एवं पारिवारिक आय में वृद्धि के लिए अपना आभार एवं प्रसन्नता व्यक्त की| उनके जीवन स्तर में बहुत सुधार हुआ। मधु देवी, गायत्री देवी एवं आभा देवी नामक महिला किसानों ने संस्थान के गैर-कृषि हस्तक्षेप (सिलाई मशीन) के माध्यम से उद्यमिता के साथ-साथ इसे अतिरिक्त आय का स्रोत बनाया, जिससे उनके बच्चों की शिक्षा, घरेलू खर्च एवं भविष्य के लिए बचत में मदद मिली।
चांदमारी, लोधीपुर गांव में 20 एवं मखदुमपुर, नेउरा में 15 ग्रामीण महिलाएं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के हस्तक्षेपों से लाभान्वित हुईं। इसके बाद वैज्ञानिक-कृषक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि संबंधी समस्याओं तथा रबी फसल नियोजन पर चर्चा की गई। कृषि और गैर-कृषि हस्तक्षेपों के प्रभाव आकलन ने ग्रामीण महिलाओं को और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। महिलाएं प्रसन्न थीं और उन्होंने संतोष व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. रचना दूबे, डॉ. कुमारी शुभा, डॉ. कीर्ति सौरभ, डॉ. आरती कुमारी, डॉ. सोनका घोष, नुपुर कुमारी और उषा किरण ने किया।
- निशांत राज