डायनासोर की वंशज हैं चिडिय़ा/ कोरोना प्रसार : स्कूल बंद नहीं होंगे, एहतियात पर जोर

डायनासोर की ‘थेरापाड’ प्रजाति की वंशज हैं चिडिय़ा

कृष्ण किसलय की विज्ञान के इतिहास की चर्चित पुस्तक ‘सुनो मैं समय हूं’ में है इसकी चर्चा

पहली बार डायनासोर के अंडों से भरे घोसले का जीवाश्म मिला है। चीन के जिआंगक्सी प्रांत के गांझोउ शहर के निकट वन्यजीव वैज्ञानिकों ने डायनासोर की एक प्रजाति ‘थेरोपोड’ के सात करोड़ साल पुराने जीवाश्म के ऐसे अवशेष की खोज की है, जो अपने 24 अंडों के घोसले के ऊपर बैठा हुआ था। देखने में विशाल चिडिय़ा के आकार की इस डायनासोर प्रजाति ‘थेरोपोड’ से ही मौजूदा चिडिय़ा प्रजाति का विकास हुआ। पृथ्वी से करोड़ों साल पहले लुप्त हो चुकी पृथ्वी की यह जीव प्रजाति 6.6 करोड़ साल से 14 करोड़ साल तक पुरानी है। यह खोज यून्नान यूनिवर्सिटी के जीवाश्म विशेषज्ञों ने की है। इस पर शोध रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट के लेखक यून्नान यूनिवर्सिटी के जीव वैज्ञानिक डा. शुनडोंग और सह लेखक डा. लमन्ना (नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, अमेरिका के जीवाश्म विज्ञानी) का मानना कि इस दुर्लभतम खोज से महत्वपूर्ण जैविक सूचनाएं मिलने और इससे सालों-दशकों तक काफी कुछ सीखे जाने की उम्मीद है। पहले वैसे डायनासोर जीवाश्म मिल चुके थे, जो अंडों से भरे घोसले थे। अंडों के अंदर विकसित भ्रूण पहली बार मिला है। प्राप्त डायनासोर जीवाश्म के पेट में एक अधूरी खोपड़ी और गोलाकार पत्थर मिला है। थोरोपाड ने अंडा सेने की प्रक्रिया में था। उसके सात अंडों के अंदर भ्रूण चिडिय़ा के रूप में विकसित हो चुके थे और चूजे निकलने वाले थे कि कोई दुर्घटना हो गई।

‘सुनो मैं समय हूं’ के जीवन खंड में है डायनासोर का विवरण :

नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया से प्रकाशित वरिष्ठ विज्ञान लेखक कृष्ण किसलय की विज्ञान के इतिहास की चर्चित पुस्तक ‘सुनो मैं समय हूं’ में इस प्रजाति के डायनासोर की चर्चा है। इस किताब में जिक्र है कि डायनासोर की पूर्वज प्रजाति से पंखवाली टोरोसोरस प्रजाति पैदा हुई, जो पंख फैला सकती थी, उड़ नहीं सकती थी। पुस्तक ‘सुनो मैं समय हूं’ के जीवन खंड (अनुक्रम-53) में पृथ्वी की सुपर स्टार जीव प्रजाति डायनासोर का विवरण उपलब्ध है। इस किताब में बताया गया है कि 40 किलो से अधिक वजनका पक्षी उड़ नहीं सकता। टोरोसोरस से साइनोसोरस, थोरोपाड, सोरापाड आदि प्रजातियां विकसित हुईं। थोरोपाड खाना को अपनी आंत में पिसने-पचाने के लिए छोटे पत्थरों को निगलते थे।

  • निशान्त राज, प्रबंध संपादक, सोनमाटी फोन 9955622367

बंद नहीं होंगे स्कूल, सख्त एहतियात पर जोर

दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क (समन्वय : निशान्त राज)। महाराष्ट्र समेत देश में कोरोना प्रसार की दूसरी लहर की दस्तक में एक दिन (24 घंटों) में 154 लोगों की मौत ने चिंता बढ़ाई है। दिल्ली में भी कोरोना के मामले बढ़े हैं, मगर महाराष्ट्र में स्थिति ज्यादा खराब है। कोरोना पर बिहार एक बार फिर अलर्ट मोड में है। इस बार स्कूल तो फिलहाल बंद नहींकिए जाएंगे और बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी, मगर सख्त एहतियात पर जोर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिए कोविड-19 से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा में सभी जिलाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए पर्व, उत्सव और आयोजन में सीमित संख्या में ही शामिल होने,कोरोना गाइडलाइन का सख्त पालन और कोरोना टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की बात कही है। उन्होंंने होली पर बिहार आनेवालों की ट्रैवल-हिस्ट्री जानने और आरटीपीसीआर टेस्ट 70 फीसदी करने का निर्देश दिया है।
बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर पकडऩे और नए पाजिटिव मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 05 अप्रैल तक डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी है। छुट्टी पर गए कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया गया है। सिविल सर्जन को अधिक से अधिक लोगों की जांच करने, कन्टोनमेन्ट जोन बनाने और इलाज की पुख्ता तैयारी रखने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बिहार में पटना में सबसे ज्यादा 26 और भागलपुर में 11 लोगों का कोरोना टेस्ट पाजिटिव आया है। दूसरे राज्य में नौकरी करने वाले बिहार वासियों की होली में घर लौटने पर रेल स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड पर कोरोना जांच होगी। अभी तक देश में कोरोना पाजिटिव के मामले की संख्या एक करोड़ 15 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है और एक लाख 59 हजार 370 लोगों की मौत हुई है। जबकि एक करोड़ 10 लाख 83 हजार 679 मरीज अस्पतालों से स्वस्थ होकर अपने-अपने घर जा चुके हैं। अभी देशभर में सक्रिय मरीज की संख्या दो लाख 71 हजार 282 है। देश में कोरोना वायरस के 23.15 करोड़ नमूनों की जांच की गई है और चार करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाया जा चुका है।

बच्चों के प्रति सर्तक हैं स्कूल : राजीव रंजन

कोरोना-प्रसार के फेज-2 के मद्देनजर सरकार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में डेहरी-आन-सोन (रोहतास) के सनबीम पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक राजीव रंजन सिन्हा और प्राचार्य अनुभा सिन्हा ने कहा है कि सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, क्योंकि स्कूलों के कोरोना-प्रसार के पहले फेज में ही बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई बेपटरी हो चुकी है। विद्यार्थियों के पठन-पाठन को कवर करने में समय लगेगा और अभिभावक-स्कूल दोनों स्तरों पर कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। स्कूल कोरोनो को लेकर एहतियात बरतते रहे हैं और निचली कक्षाओं के विद्यार्थियों के प्रति अधिक सतर्क हैं।

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