डेहरी-आन-सोन-विशेष संवाददाता। रोहतास जिले के जमुहार स्थित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन अभिकरण, आत्मा रोहतास द्वारा संचालित पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम “समेकित पोषक तत्व प्रबंधन ” के अंतर्गत व्याख्यान दिया गया। आत्मा की इस योजना में नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ अरुण शंकर ने कृषि में पोषक तत्वों की महत्ता पर जोर डाला और साथ ही प्रशिक्षुओं को पोषक तत्वों के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। डॉ अरुण शंकर ने किसानों को यह भी बताया कि समेकित पोषक तत्व प्रबंधन की सहायता से किसान भाई अपने खेतों में इस्तेमाल हो रहे जरुरत से ज्यादा रासायनिक खादों का उपयोग न करें। संस्थान के उप निदेशक डॉ प्रशांत बिसेन ने किसानों को संस्थान के कृषि एवं शोध प्रक्षेत्र के ‘डायरेक्ट सीडेड राइस’ (धान की सीधी बुआई) परियोजना वाले खेत का भ्रमण भी करवाया और उन्होंने इस विधि से होने वाले फायदों के बारे में भी किसानों को विस्तार से अवगत करवाया।
धान की सीधी बुआई विधि का इस्तेमाल किसान भाई ऐसे खेतों में कर सकते हैं जहा पानी की उपलब्धता कम हो। डॉ बिसेन ने यह भी बताया की किसान भाई इस विधि का उपयोग करके कम लागत और कम मेहनत में भी धान की अच्छी उपज ले सकते हैं।संस्थान के डॉ धनञ्जय तिवारी ने धान के खेतों में खर पतवार के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी और उन्होंने बताया कि खर पतवार नाशक का छिड़काव जरुरत के हिसाब से दो बार कर सकते हैं।साथ ही उन्होंने ने धान की नर्सरी और धान की सीधी बुआई के खेत में पोषक तत्वों के इस्तेमाल में प्रबंधन पर भी चर्चा की।इस कार्यक्रम में आये हुए किसानों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर ए. पी. सिंह ने किसान भाइयों को खेती में जरुरत से ज्यादा रसायनों के उपयोग से बचने की सलाह दी। इस कार्यक्रमके दौरान संस्थान के डॉ सुधीर कुमार यादव, डॉ सुमित पाल एवं अन्य सहयोगी शिक्षक गण मौजूद रहे।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)