(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : उपेन्द्र कुशवाहा ने अंतत: मान लिया नीतीश कुमार का नेतृत्व

-0 प्रसंगवश 0-
उपेन्द्र कुशवाहा ने अंतत: मान लिया नीतीश कुमार का नेतृत्व
-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनमाटी)

क्षेत्रीय राजनीतिक दल रालोसपा बनाकर पिछले आठ सालों से बिहार और फिर केेंद्र में भी सियासत करने वाले उपेन्द्र कुशवाहा ने अंतत: नीतीश कुमार को नेता मान लिया और अपनी पार्टी का विलय नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में कर दिया। नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में जदयू में प्रतिष्ठा दी है। अपने को मुख्यमंत्री का चेहरा मानने वाले उपेन्द्र कुशवाहा ने 11 फीसदी (कुशवाहा) को ढाई फीसदी (कुर्मी)का पिछलग्गू बनने के मुद्दे की राजनीति के जरिये हर प्रयोग किया, मगर बहुत सफलता नहींमिली। दो बार वैसा रिस्क लिया, जैसा आम तौर पर राजनेता नहींलेते हैं। पहली बार 2013 में राज्यसभा की सदस्यता त्याग अपनी पार्टी बनाई और नीतीश कुमार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। दूसरी बार 2019 में बड़ी पार्टी भाजपा से नाता तोड़ केेंद्रीय पद से इस्तीफा दे लोकसभा चुनाव में चुनौती दी। फिर भी विफल रहे।
भागलपुर दंगा के बाद बिहार में कांग्रेस अपनी ताकत खो चुकी है और चारा घोटाला में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव चुनाव लडऩे से अयोग्य हो चुके हैं। इस हालात में भाजपा के प्रबल समर्थन से नवम्बर 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में परिस्थिति की सरकार बनी। नैतिकता और नीति की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार द्वारा कम विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद स्वीकार करना कहींसे अनैतिक नहींहै, क्योंकि वह एनडीए में हैं और उन्हें एनडीए ने मुख्यमंत्री बनाया है। एनडीए ने मतदान से पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर रखा था। बीस वर्ष पहले 2000 में नीतीश कुमार परिस्थिति के ही मुख्यमंत्री बने थे, जब राजद की राबड़ी देवी (लालू प्रसाद यादव की पत्नी) को सत्ता में आने से रोकने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब नीतीश कुमार संख्या बल में तीसरी नंबर की समता पार्टी के नेता थे। 2000 में भाजपा के 67 विधायक और समता पार्टी के 34 विधायक थे। उस समय जदयू (21 विधायक) अलग था। जदयू में समता पार्टी का विलयबाद में हुआ। 2000 के बाद चुनाव में भाजपा विधायक संख्या बल में कमजोर और नीतीश मजबूत होते गए। मगर नवम्बर 2020 में ऐसा नहींहुआ।
17वींबिहार विधानसभा के लिए जनादेश में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू तीसरे स्थान पर है, जिसके पास अब 45 विधायक और भाजपा के 75 विधायक हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार की घटती लोकप्रियता के मद्देनजर प्रधानमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेताओं को कहना पड़ा कि जदयू को कम सीटें मिलने पर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। जनता ने नीतीश कुमार सरकार के विकास, भ्रष्टाचार निषेध, पारदर्शी शासन और शराबबंदी के दावा को भ्रामक माना। जनता में संदेश यही है कि नीतीश कुमार 15 सालों से लालू प्रसाद यादव का भय दिखाकर सवर्ण मतों का मनोवैज्ञानिक दोहन करते रहे हैं। नीतीशकुमार अपनी अंतिम चुनावसभा में कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है।
१९९० में सोमनाथ से अयोध्या जा रहे रामजन्मभूमि रथ रोक और लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर बिहार की राजनीति के हीरो बने लालू प्रसाद यादव की विरासत को रोकने के लिए मजबूत बनने तक भाजपा के पास फिलहाल नीतीश कुमार ही एकमात्र चेहरा हैं। नीतीश कुमार ने सिद्ध भी किया है कि वह सूबे की सियासत की जरूरत-पूर्ति की अपरिहार्यता हैं। मगर बिहार की जनता के सामने तो सवाल यही है कि सुशासन, भ्रष्टाचार, शराबबंदी और विकास की कसौटी पर नीतीश कुमार अपनी सातवींसरकार को भाजपा के सहयोग से कितना बेहतर सिद्ध कर पाते हैं? बहरहाल, नीतीश कुमार की रणनीति 2024 के लिए है तो उपेन्द्र कुशवाहा का जोड़-तोड़ 2025 के लिए है।

संपर्क : सोनमाटी-प्रेस गली, जोड़ा मंदिर, न्यू एरिया, डालमियानगर-821305, जिला रोहतास (बिहार)
फोन 9523154607, 9708778136

Share
  • Related Posts

    टीबीटी 2024 अवार्ड के लिए नौ शिक्षकों को किया गया चयन

    दाउदनगर (औरंगाबाद ) कार्यालय प्रतिनिधि। जिले के सरकारी स्कूलों के नौ शिक्षकों का द बिहार टीचर्स-हिस्ट्री मेकर्स टीबीटी के द्वारा राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए चयन किया गया है।…

    Share

    अनुश्रवण समिति की बैठक में राशन वितरण की समीक्षा

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) -कार्यालय प्रतिनिधि।  अनुमंडल सभागार में अनुश्रवण समिति की बैठक  शुक्रवार को एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई।  जिसमें राशन कार्ड बनाने व राशन के सुचारु रूप…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    पटना पुस्तक महोत्सव में कवि शंभू शिखर ने अपनी कविता से लोगों को गुदगुदाया

    एक दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम सह पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

    एक दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम सह पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

    गार्गी रोहतास की मुख्य समन्वयक नूतन कुमारी को आईपीएस विकास वैभव ने किया सम्मानित।

    गार्गी रोहतास की मुख्य समन्वयक नूतन कुमारी को आईपीएस विकास वैभव ने किया सम्मानित।

    डब्ल्यूजेएआई के पांचवें संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व उसकी क़ानूनी सीमाएं पर चर्चा

    डब्ल्यूजेएआई के पांचवें संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व उसकी क़ानूनी सीमाएं पर चर्चा