साइब्र क्राइम का शिकार हुआ संगीत शिक्षक
सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता अर्जुन कुमार। सासाराम में साइबर क्राइम और फ्राड कर बैंक खातों से फर्जी तरीके से रकम निकाल लेने के कई मामलों के बाद अब रोहतास जिला के डालमियानगर स्थित माडल स्कूल केसंगीत शिक्षक संजय श्रीवास्तव के जालसाजी का शिकार होने का मामला सामने आया है। इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि भारतीय स्टेट बैंक की डालमियानगर शाखा जाकर आधार को डी-लिंक कराए जाने के बावजूद बैंक खाते में मौजूद आखिरी रकम भी निकाल ली गई। संगीत शिक्षक संजय श्रीवास्तव के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के कस्टमर सर्विस प्वाइंट से आधार पेमेन्ट सिस्टम के जरिये 11 मई 2020 से 2 जनवरी 2021 तक कुल नौ बार में 29300 रुपये की फर्जी निकासी उनके खाता से की गई। बैंक खाता से रकम निकलने की जानकारी 30 दिसम्बर 2020 को हुई, जब उनके मोबाइल फोन पर 10 हजार रुपये की एकमुश्त निकासी का बैंक संदेश (मैसेज) प्राप्त हुआ। कोविड-19 काल में पासबुक अपडेट नहींहोने से उन्हें छह महीनों से जारी फर्जीवाड़ा की भनक नहींलग सकी। मैसेज आने के बाद संजय श्रीवास्तव ने डालमियानगर बैंक शाखा पहुंचकर शाखा प्रबंधक को सूचना दी और खाता से अपना आधार भी अन-लिंक कराया।
सवाल : क्या बैंक में भी सुरक्षित नहीं है रकम?
संजय श्रीवास्तव ने सवाल खड़ा किया है कि जब उन्होंने 31 दिसम्बर 2020 को अपने आधार को बैंक खाता से अन-लिंक करा दिया, तब उनके खाता से बैंक नियम की अनिवार्यता के तहत रखी गई आखिरी रकम 3800 रुपये भी 2 जनवरी 2021 को कैसे निकाल गई? उन्होंने इसमें किसी बैंककर्मी से कस्टमर सर्विस प्वाइंट चलाने वाले की मिली-भगत का आरोप लगाया है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की कार्यप्रणाली और शाखा प्रबंधक के रुखा व्यवहार पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि जब साइबर अपराधी अंगूठे का क्लोन बनाकर रकम निकाल लेता है, तब बैंक में रखी गई रकम कैसे सुरक्षित मानी जाए? संजय श्रीवास्तव के लिखित आवेदन के आधार पर 2 जनवरी 2021 को डालमियानगर थाना में भारतीय दंडविधान की धाराओं 420 और 79 के तहत कांड संख्या 02/२०२१ दर्ज किया गया है। संजय श्रीवास्तव ने इसकी सूचना पुलिस के आनलाइन साइबर सेल को और आरबीआई की पटना वेबसाइट पर भी दी है।
टैक्स माफी से शिक्षा को सकारात्मक दिशा : डा. एसपी वर्मा
सासाराम (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने राज्य सरकार द्वारा मार्च 2020 से मार्च 2021 तक के बिहार के सभी व्यावसायिक वाहनों का कर माफ करने की घोषणा का स्वागत किया है। पासवा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डा. एसपी वर्मा ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा है कि यह निर्णय बिहार में शिक्षा को सकारात्मक दिशा में ले जाएगी। डा. वर्मा ने सरकार के निर्देश पर बंद रखे गए निजी विद्यालयों के मार्च 2020 से मार्च 2021 तक का बिजली बिल माफ करने की अपील की है। कहा कि पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद के नेतृत्व में संगठन का संघर्ष अपने अंजाम तक पहुचा। बताया कि यदि किसी विद्यालय ने वाहन टैक्स जमा कर भी दिया है तो जमा की गई रकम अगले महीनों के टैक्स के लिए समायोजित कर दी जाएगी।
बिजली बिल भी माफ कर राहत दे सरकार : रोहित वर्मा
पासवा के रोहतास जिला अध्यक्ष रोहित वर्मा ने कहा है कि सरकार के फैसला से निजी विद्यालयों को थोड़ी राहत मिली है। अब विद्युत बिल के प्रति भी सरकार रुख नरम हो जाए तो विद्यालय संचालक कोविड-19 की मार का दर्द भूल पठन-पाठन में फिर से पूरी ऊर्जा से लग जाएंगे। पासवा की रोहतास जिला इकाई के उपाध्यक्ष सुभाष कुशवाहा, सचिव समरेंद्र समीर, सह सचिव संग्राम कांत, महामंत्री अनिल कुमार शर्मा, सुनील कुमार, संजय त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष कुमार विकास प्रकाश, संयोजक धनेन्द्र कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी दुर्गेश पटेल और प्रखंड इकाई अध्यक्षों अरविंद भारती (डिहरी), दिनेश्वर तिवारी (चेनारी), अजय सिंह (नासरीगंज), सुनील कुमार (काराकाट), अनिता देवी (बिक्रमगंज), यमुना चौधरी (राजपुर), सत्येंद्र कुमार (दिनारा), तेज नारायण पटेल (सासाराम), श्यामसुंदर सिंह (संझौली), अजित पटेल (करगहर), शिवयश पाल (सूर्यपुरा), विश्वजीत कुमार (दावथ), चंदन राय (शिवसागर), मनोज सिंह (तिलौथू), अशोक पाल (अकोढ़ी गोला) आदि ने टैक्स माफ किए जाने के सरकार के फैसला के प्रति आभार व्यक्त किया है।
जीएनएसयू के आईटी विद्यार्थियों को पेड इन्टर्नशीप
डेहरी-आन-सोन (रोहातास)-विशेष संवाददाता। जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के प्रबंध शिक्षा संकाय में सूचना प्रौद्योगिकी के विभागाध्यक्ष डा. अभिषेक श्रीवास्तव के अनुसार, बीसीए के अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को वाराणसी के आईटी स्किल्स एंड साल्यूशंस में पेड इन्टर्नशीप प्राप्त हुआ है, जो आरक्षण, विवाह, कैब, वीडियो आदि के प्रबंधन से संबंधित आनलाइन सेवा और साफ्टवेयर पर काम कर रहे हैं। डा. श्रीवास्तव के अनुसार, पारिश्रमिक भुगतान के आधार पर इन्टर्नशीप इस बात का संकेत है कि आईटी क्षेत्र में विभिन्न उपयोगिता के लिए विशेषज्ञता और दक्षता की बाजार में मांग है। इसके अलावा इससे यह भी सिद्ध हुआ है कि जीएनएसयू में ऐसी स्किल दक्षता की पर्याप्त क्षमता है। उन्होंने बताया कि जीएनएसयू में तीन वर्षीय बीसीए पाठ्यक्रम और दो वर्षीय एमएससीआईटी पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है।