डालमियानगर (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। समापन में चल रहे रोहतास उद्योगसमूह काम्पलेक्स कर्मियों को सम्मानजनक न्यूनतम पारिश्रमिक भुगतान का आदेश कंपनी जज (पटना हाईकोर्ट) ने दिया है। इसके लिए रोहतास उद्योगसमूह काम्पलेक्स के प्रभारी एआर वर्मा की ओर से कर्मियों की वस्तुस्थिति-परिस्थिति को कंपनी जज के नियंत्राधीन भारत सरकार के कारपोरेट कार्य मंत्रालय (कंपनी रजिस्ट्रार), बिहार के अंतरगत कार्यरत शासकीय परिसमापक हिमांशु शेखर के समक्ष रखा गया था। शासकीय परिसमापक ने मामले को कंपनी जज के सामने रखा, जिसे स्वीकार करते हुए कंपनी जज ने तत्संबंधी आदेश दिया।
1995 में कारखानों को समापन में डाल संपत्ति कंपनी जज से संबद्ध
आजादी से पहले देश के औद्योगिक मानचित्र पर तीसरा स्थान रखने वाला एशिया प्रसिद्ध डालमियानगर स्थित रोहतास इंडस्ट्रीज के कारखानों में 1984 में तालाबंदी कर दी गई थी। रोहतास इंडस्ट्रीज को चलाने का प्रयास सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट के स्तर पर विफल होने के बाद 1995 में कारखानों को समापन में डालकर इसकी संपत्ति को नियमानुसार हाईकोर्ट के कंपनी जज से संबद्ध कर दिया गया। तब से रोहतास इंडस्ट्रीज में बचे रह गए इसकी देख-भाल करने वाले कर्मियों को न्यूनतम पारिश्रमिक का भुगतान हो रहा था। अब कोर्ट (कंपनी जज) ने यहां के समापन कार्य में संलग्न कर्मियों को स्कील्ड और हाई स्कील्ड की श्रेणी में रख कर बिहार सरकार के स्तर पर निर्धारित न्यूनतम वेतन देना मंजूर कर लिया है।
कर्मियो ने किया आभार बैठक का आयोजन
लंबे समय बाद जीवन जीने योग्य न्यूनतम पारिश्रमिक मिलने पर डालमियानगर स्थित रोहतास इंडस्ट्रीज काम्पलेक्स के कर्मियों ने बैठक का आयोजन कर प्रभारी एआर वर्मा, शासकीय समापक हिमांशु शेखर और कंपनी जज के प्रति आभार आभार व्यक्त किया। कर्मचारियों की ओर से एआर वर्मा के प्रति माला पहना कर और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मान प्रकट किया गया। बैठक की अध्यक्षता रोहतास इंडस्ट्रीज के सेवानिवृत स्टाफ एवं सीनियर सिटीजन संगठन के पदाधिकारी गोरखनाथ विमल ने की। बैठक को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त कार्मिक अधिकारी एएन दीक्षित, सेवानिवृत्त्त्त स्टाफ गया प्रसाद शर्मा, राजीवरंजन सिंह, श्रमिक संगठन के पदाधिकारी गिरिजानंदन सिंह, प्रभुदयाल पांडेय और कार्यरत कर्मचारियों में मुद्रिका प्रसाद सिंह, रविमोहन सिन्हा, बलिराम तिवारी, सरोज कुमार सिंह, महात्म दुबे आदि ने रोहतास उद्योगसमूह के चालू रहने और फिर समापन में चले जाने की परिस्थितियों पर प्रकाश डाला।
करीब सौ करोड़ रुपये का हो चुका है भुगतान
अंत में आभार प्रकट करते हुए एआर वर्मा ने कहा कि करीब सौ करोड़ रुपये रोहतास इंडस्ट्रीज के एक हजार से अधिक कर्मचारियों के बकाए का भुगतान बतौर डेविडेन्ट उन्हें और उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों को किया जा चुका है। यह भुगतान जमीन और कबाड़ की बिक्री से आई रकम से किया गया। कुछ दावे और आए हैं, जिनके भुगतान के लिए मामला कोर्ट के संज्ञान में लाया गया है। अन्य भुगतान के बाबत भी पहल जारी है। श्री वर्मा ने बताया कि कंपनी के समापन में जाने के बाद भी कोई तीन सालों तक उन्होंने पटना से दिल्ली तक सांसदों-विधायकों से संपर्क का सघन ध्यानाकर्षण अभियान चलाया था, मगर विशाल रोहतास इंडस्ट्रीज कामप्लेक्स को खोला जाना संभव नहीं हो सका और इसके कारखानों की जमीन, मशीनें उपयोगिता नहीं रह जाने के कारण कबाड़ के भाव बेच दी गईं। अब चंद संख्या में ही रोहतास इंडस्ट्रीज काम्पलेक्स के बचे रह गए कर्मचारी कार्यालय भवन, आवासीय परिसर आदि की देखरेख के लिए कार्यरत हैं।
(रिपोर्ट : निशांत राज, तस्वीर : नौशाद खान)
नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में रैगिंग निषेध कार्यशाला
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में रैगिंग के निषेध पर कार्यशाल का आयोजन आठ अक्टूबर को कालेज सभागार में किया गया है।
यह जानकारी देते हुए कालेज के प्राचार्य डा. विनोद कुमार ने बताया कि देश के उच्चतम न्यायालय का यह निर्देश है कि रैगिंग पर निषेध से संबंधित कार्यशाला का आयोजन सभी उच्च शिक्षण संस्थानों मे आयोजित किए जाए। इस कार्यशाला में रैगिंग की कु-परिपाटी पर और इससे संबंधित दंडात्मक कानून की जानकारी दी जाएगी, ताकि इसे पूरी तरह समाप्त करने के प्रति जागरूकता का वाताïवरण शिक्षण संस्थानों में कायम हो सके।
(रिपोर्ट : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ)