संगोष्ठी : वही लौटाया है जो मुझे मिला; भोजपुरी कला-संस्कृति भारत भूमि की धरोहर

काव्य-गोष्ठी : वही लौटाया है मैंने जो मुझे मिला…

पटना (विशेष प्रतिनिधि)। साहित्यकार-कवि-चित्रकार सिद्धेश्वर ने कहा कि कविता हृदय से निकली हुई शब्दों की रसधार अभिव्यक्ति है। कविता खासियत सरल संप्रेषणीयता है, जो किसी कवि के लिए कठिन कार्यपूर्ण उपलब्धि है। मात्राओं के जोड़-घटाव से छंद की रचना तो हो सकती है, गेयता का प्रवाह तो बढ़ सकता है, मगर उसमें स्वाभाविक-प्राकृतिक प्राण-तत्व की सहजता नहीं होती। वह साहित्यिक संस्था आगमन और भारतीय युवा साहित्यकार परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में पटना में एसके पुरी के खुले मैदान में संयोजित काव्य संध्या के अध्यक्षीय संबोधन में नए कवियों के लिए अपना अनुभव सांझा कर रहे थे।
काव्य पाठ की शुरुआत नेहा नूपुर ने अपनी कविता से की। नवोदित कवि अमरनाथ दूबे ने कविता कितना रहस्यमय है जीवन और मीना कुमारी ने आगमन से मेरा मन हुआ गुलजार कविताओं का पाठ कर माहौल बनाया।

युवा कवयित्री रश्मि अभय का अंदाज-ए-बयां था- उसके सजदे में जो सर झुकाया मैंने, वो खुद को खुदा समझ बैठे ! जर्रा समझा मुझको जमीं का और खुद को आस्मां समझ बैठे !! कवि मधुरेश नारायण ने अपने सुरीले कंठ से कविता का सस्वर पाठ किया- शाम की तन्हाइयों में तुम चले आओ, जाओ कहीं भी दूर मगर लौट के आ जाओ ! शायर शुभचन्द्र सिन्हा ने अपना शेर फरमाया- यहां मिलना-जुलना तो रिवायत है, जरूरी नहीं कि दिल ही मिला रहे। मोहम्मद नसीम अख्तर ने अपने अंदाज में गजल प्रस्तुत की- फूल गुलशन में महकते कम हैं, अब परिंदे भी चहकते कम हैं ! कवयित्री वीणाश्री हेम्ब्रम ने अपना शेर पेश किया- जुंबा पर दर्द और जेहन में कोई ख्याल न रहे, क्यों कब कैसे किसने जैसा कोई सवाल न रहे। और अंत में, सिद्धेश्वर ने अपनी कलाम पेश की- देना-लेना तो खुदा का काम है, दुनिया में बेवजह बदनाम मेरा नाम है ! वही लौटाया है मैंने जो मुझे मिला, जो तेरा है खुदा वही तो मेरा राम है !!

संध्या कविगोष्ठी का संचालन वीणाश्री हेम्ब्रम ने किया और समापन मो. नसीम अख्तर के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
(रिपोर्ट : रूबीना गुप्ता, तस्वीर : वीणाश्री हेम्ब्रम, सिद्धेश्वर)

 

विचार-गोष्ठी : भोजपुरीभाषियों की अस्मिता और भारतभूमि की धरोहर है भोजपुरी कला-संस्कृति

बिक्रमगंज (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। डा. नागेंद्र झा महिला कालेज में भोजपुरी उत्थान को समर्पित संस्था आखर और सर्जना न्यास की ओर से आयोजित भोजपुरी संस्कृति-कला पर विचार गोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए महिला कालेज के प्राचार्य प्रो. अमरेन्द्र मिश्र ने कहा कि भोजपुरी संस्कृति के संरक्षण के बिना भोजपुरी समाज की प्रतिष्ठा नहीं हो सकती। भोजपुरी संस्कृति भारत भूमि की धरोहर है। भोजपुरी अस्मिता पर भोजपुरी भाषियों को स्वाभिमान होना चाहिए। पूर्व बैंक अधिकारी दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भोजपुरी भाषा को संविधान के अंतर्गत में मान्यता देने की मांग उठाई। आखर के सदस्य चिंटू सिंह ने भोजपुरी कला के संरक्षण में सोशल मीडिया के प्रभाव को रेखांकित किया। मुंबई से आए भोजपुरी आंदोलन में सक्रिय कुमार मनीष ने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। सोनू पांडे ने कहा कि भोजपुरी गीतों और सिनेमा में अश्लीलता का सार्वजनिक रूप से विरोध होना चाहिए।
भोजपुरी चित्रकला के प्रोत्साहन और भोजपुरी कला यात्रा के क्षेत्र में होने वाले कार्यों के बारे में रविप्रकाश सूरज ने जानकारी दी। गोष्ठी का संचालन सुनील पांडेय ने किया। आरंभ में आखर और सर्जना न्यास की गतिविधियों के बारे में सर्जना न्यास के अध्यक्ष चित्रकार संजीव सिन्हा ने जानकारी दी। इस अवसर पर महिला कालेज की छात्राओं ज्योति, सुशीला, निधि और सविता ने पारंपरिक भोजपुरी गीत गायन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आखर द्वारा प्रकाशित भोजपुरी स्वाभिमान कैलेंडर 2019 का लोकार्पण भी किया गया और आगत अतिथियों को कैलेंडर दिए गए। कार्यक्रम के अंत में बिक्रमगंज और वाराणसी में भोजपुरी कला यात्रा का आयोजन करने की घोषणा की गई। अंत में सर्जना न्यास के कौशलेश पांडेय ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।
(रिपोर्ट : कौशलेश पांडेय)

सौ युवा साहित्यकार होंगे सम्मानित

पटना (सोनमाटी संवाददाता)। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से 11 अगस्त को सौ युवा साहित्यकारों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया है, जिनमें सौ युवा महिला साहित्यकार होंगी। यह जानकारी बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्वागत महासचिव और युवा कवयित्री लता प्रासर ने दी है। लता प्रासर के अनुसार, इसके लिए 15 जुलाई तक बिहार सम्मेलन के कदमकुआं स्थित कार्यालय में प्रस्तावित युवा रचनकारों की पांच प्रतिनिधि रचनाएं और उनके परचिय के साथ उनकी तस्वीर पहुंच जानी चाहिए।

(व्हाट्सएप सूचना)

Share
  • Related Posts

    कुमार बिंदु की कविता : मेरा ज़मीर

    कुमार बिंदु की कविता : मेरा ज़मीर हर हत्यारे काहर अपराधी काहर आतंकवादी का भीएक भरा- पूरा परिवार होता हैउसकी एक पुश्तैनी जातिऔर उसका एक महान धर्म भी होता हैइसीलिए…

    Share

    कविता : सावन है मुस्कान धरा का

    अरुण दिव्यांश की कविता : सावन है मुस्कान धरा का सावन है मुस्कान धरा का सावन है मुस्कान धरा का, सावन है व्याख्यान धरा का। सावन धरा पल्लवित करता, यह…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    शाहाबाद टूरिज्म सर्किट बनाने की भी हुई मांग, राजनेताओं और बुद्धिजीवों का हुआ जुटान

    शाहाबाद टूरिज्म सर्किट बनाने की भी हुई मांग, राजनेताओं और बुद्धिजीवों का हुआ जुटान

    बिहार के बुनकर कमलेश कुमार राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए चयनित

    बिहार के बुनकर कमलेश कुमार राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए चयनित

    जन सुराज का डेहरी में जनसंवाद कार्यक्रम

    जन सुराज का डेहरी में जनसंवाद कार्यक्रम

    सेंट माइकल्स स्कूल के छात्रों ने जाना कृषि विज्ञान का भविष्य

    सेंट माइकल्स स्कूल के छात्रों ने जाना कृषि विज्ञान का भविष्य