क्या नहीं होगा बारातियों का स्वागत?
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के बेटे की शादी पर होगी पूरे देश की नजर, साधारण तरीके से शादी करने का है ऐलान, न नाच-गाना होगा और न बैंड बाजा बजेगा, सचमुच ऐसा ही हुआ तो नजीर होगी यह शादी, समाज के अग्रणी लोग उदाहरण पेश करें तो असरकारी संदेश समाज के नीचले तल तक पहुंचेगा
पटना/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। अगर अपवाद के छोड़ दें और संख्या की दृष्टि से देखें तो दरअसल दहेज की वजह शाही खर्च है। 95 फीसदी लोगों के दहेज की रकम खर्च ही हो जाती है। मगर इस व्यावहारिक खर्च की रकम को लड़की पक्ष से ही पूर्ति करने की चली आ रही सामंती परंपरा के कारण दहेज आज समाज के लिए कोढ़ बन चुका है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष की शादी 03 दिसंबर को है। पटना के राजेंद्र नगर के शाखा मैदान में वैवाहिक कार्यक्रम में दिन में ही होगा। पटना के राजेंद्र नगर के शाखा मैदान में आयोजित विवाह स्थल पर 1500 कुर्सियां लगाई जाएंगी और विवाह समारोह में आने वालों को खाने के लिए सिर्फ प्रसाद मिलेगा।
सुशील मोदी का कहना है कि उन्होंने बेटे की शादी में दहेज लेने से मना कर दिया है। लोगों को भेजे जा रहे निमंत्रण पत्र में भी इस बात की घोषणा की गई है कि इस विवाह में किसी प्रकार का दहेज नहीं लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश में दहेज विरोधी अभियान चला रहे हैं। इस लिहाज से अपने बेटे की शादी में बिहार के उप मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषण। का महत्व काफी बढ़ गया है। सुशील मोदी का कहना है कि शादी साधारण तरीके से होगी। न नाच गाना होगा और न ही बैंड बाजे का इस्तेमाल होगा।