कानपुर (विशेष संवाददाता)। हिन्दी में राजनीतिक विषय पर है थ्रिलर फिल्म है- है तुझे सलाम इंडिया। यह अवनीश कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत भी है। यह फिल्म अवनीश कुमार द्वारा लिखा गया और उन्हीं के द्वारा निर्देशित भी किया गया है। इस फिल्म के निर्माता अरबाज भट्ट हैं। फिल्म के लीड रोल में पूर्व बिगबॉस प्रतियोगी आर्य बब्बर और एजाज खान हैं।
निर्देशक अवनीश कुमार का कहना है कि इस फिल्म में भारतीय राजनीति और मौजूदा समाज के संदर्भ में संप्रभुता, समाजवाद, धर्म निरपेक्षता, लोकतांत्रिक गणराज्य की वास्तविक छवि को प्रतिबिंबित करने का प्रयास किया जाएगा।
300 करोड़ की कमाई वाली फिल्म संजू
फिल्म संजू इस साल की पद्मावत के बाद दूसरी फिल्म है, जिसने बाक्स आफिस पर तीन सौ करोड़ रुपये की कमाई की है। इससे पहले तीन सौ करोड़ से अधिक की कमाई करने वाली फिल्मों में दंगल, टाइगर जिंदा है, पीके, सुलतान, बजरंगी भाई जान के नाम शामिल रहे हैं। संजू देश में करीब चार हजार और विदेशों में करीब 1300 स्क्रीन पर रिलीज की गई। फिल्म को देखते वक्त कई बार यह भ्रम होता है कि स्क्रीन पर संजय दत्त की भूमिका में रणबीर कपूर है या खुद संजय दत्त ही हैं। रणबीर के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक साबित होगी। परेश रावल ने बतौर सुनील दत्त जबरदस्त ऐक्टिंग की है और बाप-बेटे की इमोशनल रिलेशनशिप को खूबसूरत अंदाज में साकार किया है। नरगिस के रोल में मनीषा कोइराला भी बेहतरीन हैं। संजय दत्त की बीवी मान्यता के रोल में दीया मिर्जा और राइटर विनी के रोल में अनुष्का शर्मा ने भी बेहतर किरदार निभाया है। फिल्म का संगीत खूबसूरती से पिरोया गया है।
फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है। संजय दत्त (रणबीर कपूर) एक फिल्मी लेखक से अपनी बायोग्रफी लिखवाता है। संजय और मान्यता चाहते हैं कि उसकी लाइफ का सच सामने आए और दुनिया उसे आतंकवादी ना समझे। इसी दौरान संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट से जेल की सजा होती है। तनाव में संजय आत्महत्या की कोशिश करता है। वह नहीं चाहता है कि कोई उसके बच्चों को आतंकवादी का बच्चा कहे। तब उसकी वाइफ मान्यता दत्त (दीया मिर्जा) उसकी मुलाकात एक बड़ी लेखक विनी (अनुष्का शर्मा) से कराती है। विनी को संजय अपनी कहानी सुना पाता, इससे पहले संजय का पुराना दोस्त जुबिन (जिम सरभ) उससे संजय की बुराई करता है। तब संजय उसे जुबिन समेत अपने अजीज दोस्त कमलेश (विकी कौशल) की कहानी सुनाता है। वह उसे बताता है कि किस तरह उनके दोस्त जुबिन ने उसे ड्रग्स की दुनिया से रूबरू कराया और किस तरह दूसरे दोस्त कमलेश ने उसे उस अंधेरी दुनिया से बाहर निकाला। किस तरह उनके पिता सुनील दत्त (परेश रावल) ने हर परेशानी सह कर भी उसका साथ नहीं छोड़ा। वह आखिरी दम तक भी उन्हें शुक्रिया नहीं कह पाया। किस तरह उनकी मां नरगिस (मनीषा कोइराला) ने मरने के बाद भी उसका साथ नहीं छोड़ा और मुश्किल समय में प्रेरणा बन कर साथ रहीं।
(रिपोर्ट व तस्वीर : आकांक्षा सक्सेना)
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