पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिकों ने डीएसटी सीड द्वारा वित्तपोषित परियोजना के तहत अनुसूचित जाति समुदाय की आजीविका में सतत् सुधार हेतु नवादा जिला के मेसकौर ब्लॉक के अकरी पाण्डे बिघा गाँव और सिरदला ब्लॉक के जन्धोल गाँव में किसानों के लिए “धान प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम” का आयोजन किया। किसानों को राजेंद्र श्वेता, स्वर्ण श्रेया, स्वर्ण पूर्वी 2, स्वर्ण समृद्धि और स्वर्ण उन्नत धान के बारे मे विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में कुल 50 किसान उपस्थित रहे।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार सिंह ने कृषि में आधुनिक तकनीक की महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की एवं कृषि तकनीक द्वारा जीविकोपार्जन में बढ़ोतरी के बारे में बताया। पौध प्रजनन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार ने स्वर्ण श्रेया, स्वर्ण पूर्वी 2, स्वर्ण समृद्धि और स्वर्ण उन्नत किस्म के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि स्वर्ण श्रेया 110-120 दिन की फसल है। इसकी उपज बहुत ही अच्छी है और इसको अगले साल बीज के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने धान से जुड़ी सभी समस्याओं पर जैसे रोग प्रबंधन, धान के रखरखाव तथा उत्तम किस्म के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में किसानों को अरहर, मूंगफली, सरसों और गेहूं लगाने की विधि बताई गई और साथ ही, पूरी प्रक्रिया में किन-किन चीजों का ध्यान रखना है, इसकी भी विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में संस्थान के परियोजना सहयोगी रोहित कुमार एवं गांव के सभी किसान उपस्थित रहे।
- निशांत राज