पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजगीर स्थित प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय की धरोहर देखी। इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर शामिल थे।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है। यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएँ मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा! लेकिन, किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है। हमने अपने आयुर्वेद को भी पूरे विश्व के साथ साझा किया है। आज आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन के एक स्रोत के रूप में देखा जा रहा है।
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी। कभी यह दुनियाभर के विद्वानों के लिए आकर्षण का केंद्र था। यह ऐतिहासिक संस्थान आठ शताब्दियों तक फला-फूला, जब तक 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने इसे नष्ट नहीं कर दिया। 2016 में इस जगह को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘विश्व धरोहर स्थल‘ घोषित किया गया था।
1,749 करोड़ रुपये की लागत से बने इस नए परिसर में दो अकैडमिक ब्लॉक हैं। इनमें 40 क्ला्सरूम हैं। यहां लगभग 1900 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। नए परिसर में 300 सीटों की क्षमता वाले दो ऑडिटोरियम और लगभग 550 छात्रों के रहने के लिए एक छात्रावास भी है। इसके अलावा परिसर में एक अंतरराष्ट्रीभय केंद्र, 2000 लोगों की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर, एक फैकल्टी क्लब और एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी कई अन्य सुविधाएं भी हैं।
यह स्थल एक प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र हुआ करता था। यहां स्तूप, मंदिर और विहार जैसे कई प्राचीन ढांचे मौजूद हैं। इस उद्घाटन कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चैधरी और विजय सिन्हा, नालंदा यूनिवर्सिटी के वीसी, प्रोफेसर्स, स्टूडेंट्स तथा अन्य प्रतिनिधि सहित 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए।
रिपोर्ट: पीआईबी (पटना), इनपुटः निशांत राज