

पटना-कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में कृषि एवं संबद्ध विषयों में बुनियादी प्रयोगशाला कौशल बढ़ाने पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला बुधवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। इस कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति उप-योजना ( एससी-एसपी ) के तहत किया गया था।
इस अवसर पर डॉ. आशुतोष उपाध्याय, प्रमुख, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृषि अनुसंधान में प्रयोगशाला प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। इस कार्यशाला ने युवा शोधकर्ताओं के लिए अपनी तकनीकी दक्षता को बढ़ाने का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है। संवाद सत्रों और व्यावहारिक प्रशिक्षण से प्रतिभागियों को अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक करियर में लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में डॉ. ए. के. चौधरी, डॉ. शंकर दयाल और डॉ. धीरज कुमार सिंह भी मौजूद रहे। कार्यशाला में बिहार राज्य में स्थित छह संस्थानों एवं कॉलेजों से 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र राज्य से हैं। सत्रों में मृदा प्रयोगशाला तकनीकों और आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशाला तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे प्रतिभागियों को अपने अनुसंधान कौशल को निखारने का अवसर मिला।

समापन सत्र के दौरान, डॉ. रजनी कुमारी ने कार्यशाला रिपोर्ट साझा की, जिसमें प्रमुख उपलब्धियों को साझा किया गया। डॉ. कुमारी शुभा ने समापन कार्यक्रम का समन्वय किया। डॉ. कीर्ति सौरभ ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, जिसमें सभी सहयोगियों के प्रयासों को सराहा गया।
कार्यशाला के सफलतापूर्वक आयोजन में डॉ. प्रदीप कुमार राय, डॉ. ज्योति कुमार, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. पवन जीत, अमरेंद्र कुमार, नूपुर कुमारी, उषा किरण, रवि रंजन, तरुण कुमार व उमेश कुमार मिश्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस कार्यशाला की सफलता ने संस्थान की अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित किया। विदित हो कि उपयुक्त कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया गया।