केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर का किसानों से सीधा संवाद, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने का किया आह्वान

पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के तत्वावधान में संचालित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दसवें दिन भी बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों में यह अभियान वैज्ञानिक ऊर्जा, संस्थागत समन्वय और किसानों की सक्रिय भागीदारी के साथ आयोजित किया गया।इस अवसर पर वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच कर किसानों से सीधा संवाद किया और उन्हें उन्नत एवं टिकाऊ कृषि तकनीकों की जानकारी दी। किसानों ने भी अपनी समस्याओं को खुलकर रखा, जिनका समाधान तत्काल मौके पर सुझाया गया। वैज्ञानिकों ने किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकारों की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी और उनके लाभ उठाने की प्रक्रिया, धान एवं अरहर की उच्च उत्पादकता वाली कम अवधि की किस्मों की पहचान एवं उनकी वैज्ञानिक खेती विधियाँ, बीज उपचार तथा खरीफ फसलों के लिए उन्नत प्रबंधन तकनीकें, जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु पलवार एवं सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के प्रयोग, समेकित कृषि प्रणाली के लाभों – जैसे आय के विविध स्रोत और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण की जानकारी प्रदान की। वार्तालाप के दौरान किसानों ने बताया कि सामुदायिक बोरवेल कई स्थानों पर खराब स्थिति में हैं, जिससे सिंचाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। धान के खेतों में नागदोन और परथेनियम जैसे खरपतवारों की अत्यधिक वृद्धि फसल उत्पादकता में कमी ला रही है। नीलगाय और जंगली सूअरों द्वारा फसलों को भारी नुकसान पहुँच रहा है।

इसके अतिरिक्त, कई क्षेत्रों में कस्टम हायरिंग सेंटर उपलब्ध नहीं हैं, जिससे कृषि यंत्रों की समय पर उपलब्धता नहीं हो पाती। इन समस्याओं पर कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने यथोचित समाधान सुझाए और किसानों को जागरूक किया। इस अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, सरैया, मुजफ्फरपुर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें श्री रामनाथ ठाकुर, माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार; श्रीमती वीणा देवी, माननीया सांसद, वैशाली, श्री अशोक कुमार सिंह, माननीय विधायक, पारू विधानसभा; पद्मश्री श्रीमती राजकुमारी देवी (किसान चाची), डॉ. पी.एस. पांडेय, माननीय कुलपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा; डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना; डॉ. बिकाश दास, निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र तथा डॉ. डी. वी. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी, पटना; डॉ. मयंक राय, निदेशक (प्रसार शिक्षा), डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा एवं श्री सुधीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी ने भाग लिया। इन गणमान्य अतिथियों ने किसानों से सीधा संवाद किया, सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी, और वैज्ञानिक खेती की दिशा में प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में किसानों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति और संवाद की सराहना की गई।

माननीय रामनाथ ठाकुर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हर किसान तक आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी पहुँचे, यही हमारा प्रयास है, ताकि उनकी उपज और आय दोनों बढ़ें। किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, इसलिए उनकी खुशहाली ही हमारी प्रगति है। उन्होंने वैज्ञानिक सलाह अपनाने, पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि को अपनाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में कुछ प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के उपरांत केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों के साथ पोखरैरा गाँव का दौरा किया, जहाँ उन्होंने किसानों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का अवलोकन किया और जलवायु-अनुकूल कृषि तकनीकों पर विशेष चर्चा की।

इस अभियान का समन्वयन कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV, पटना एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा किया जा रहा है। दोनों संस्थानों के नेतृत्व में सभी सहभागी संस्थानों की टीमें गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही हैं। अभियान की सबसे विशिष्ट बात यह रही कि इसमें पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय पर विशेष बल दिया गया, जिससे किसान पर्यावरण के अनुकूल, लाभकारी और दीर्घकालिक कृषि रणनीतियों को अपना सकें। कार्यक्रम में महिलाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति ने इसे और अधिक प्रभावशाली बना दिया।

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