कोरोना-काल/कहानी त्रासदी और सेवा की : चिकित्सक अग्रणी भूमिका में, एनएमसीएच बना स्वास्थ्य धुरी, समाजसेवियों-कारोबारियों ने बांटे इमदाद









डेहरी-आन-सोन/सासाराम (रोहतास)/दाउदनगर (औरंगाबाद) सोनमाटी टीम। कोराना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सवा दो महीनों के लाकडाउन (पूर्णबंदी) से गुजरने के बाद अब सशर्त अन-लाक होने से सड़क, बाजार, चौक-चौराहे, सार्वजनिक-धर्म स्थल की चहल-पहल लौटने लगी है। समझा जा रहा है कि धीरे-धीरे सभी निषेध क्षेत्र खत्म हो जाएंगे और स्कूल परिसरों में भी विद्यार्थियों के लिए आवागमन की अनुमति हो जाएगी। चिंताजनक स्थिति यह है कि बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 35 हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या नए 243 मरीज मिलने के बाद 5583 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य के सोन नद अंचल के रोहतास जिला में एक कोरोना मरीज की मौत के बाद औरंगाबाद जिला में भी एक मरीज की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या रोहतास जिला में 269 और औरंगाबाद जिला में 95 हो गई। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू चार चरणों की पू्र्णबंदी (लाकडाउन) के कारण रोहतास और औरंगाबाद के आम लोगों, खासकर अल्प आय वाले और श्रमिक वर्ग को अभाव, संकट और त्रासदी के अनेक बदकिस्मत मंजरों से गुजरना पड़ा है। कोरोना काल की जहरीली डंक तो कई परिवारों के लिए ताजिंदगी दर्द की सिहरन बनी रहेगी।

अनेक-अनेक लोगों, संस्थाओं ने की इमदाद की नुमाइंदगी :

(चिकित्सकीय व्यस्तता और सामाजिक सरोकार के बीच संवेदनशील पारिवारिक जिम्मेदारी का भी निर्वाह : वयोवृद्ध पत्नी प्राटिसिया हालेन बोस का ख्याल रखते वरिष्ठ सर्जन डा. सुनील बोस। लाकडाउन पूर्व की फाइल फोटो)

बेशक, समाज के कमजोर तबके को भूख की सांसत और बीमारी की आफत ज्यादा झेलनी पड़ी, मगर इसमें शक नहीं कि समाज के सामर्थ्यवानों ने आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद की। मानवता-सेवा के कार्य में अनेक-अनेक लोगों ने व्यक्तिगत और अनेक-अनेक संस्थाओं ने सामूहिक स्तर पर इमदादफरीक जैसी नुमाइंदगी की। मददगारों में लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय, ग्रामपंचायत के निर्वाचित जन प्रतिनिधि भी सक्रिय रहे। डेहरी-आन-सोन के वरिष्ठ चिकित्सक कोरोना-काल की लाकडाउन अवधि में जरूरतमंदों की चिकित्सा-सेवा के साथ संभव आर्थिक सहायता और राज्य-राष्ट्रीय आपदा-कोष में योगदान करते हुए इस दिशा में सक्रिय स्थानीय संस्थाओं की टीम-स्प्रिट के प्रेरक की भूमिका में भी रहे। इनमें सर्जन डा. सुनील बोस, बाल रोग विशेषज्ञ डा. हरि भूषण, आंख-कान-गला रोग विशेषज्ञ डा. अवध बिहारी सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. गीता सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. रागिनी सिन्हा, डा. राघवेंद्रदेव सिंह, सर्जन डा. संजय सिंह, मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डा. उदय कुमार सिन्हा, हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसबी प्रसाद, दंत चिकित्सक डा. श्यामबिहारी प्रसाद, डा. निर्मल कुमार, डा. ओमप्रकाश लाल, डा. प्रभा अग्रवाल, डा. राजीव कुमार सिंह आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। डा एसबी प्रसाद के प्रसाद हर्ट क्लिनिक द्वारा संकटमोचन स्वास्थ्य सहायता केेंद्र का संचालन जरूरतमंद बीपीएल मरीजों के लिए सोन कला केेंद्र की सामूहिक सक्रियता से किया गया, जिसमें चिकित्सकीय सलाह के साथ संभव जांच, दवा की व्यवस्था भी यथा निशुल्क की गई। पिता-पुत्र डा. एबी सिंह, डा. अमिताभ सिंह ने तो आपदाकोष में 72 हजार रुपये देते हुए सर्वसमाज से भी योगदान का आह्वान किया।

चिकित्सा के साथ संवेदनशील भूमिका में एनएमसीएच :

(अस्पताल परिसर से विदा करते समय एनएमसीएच के संस्थापक अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह)

बिहार के सोन अंचल और दक्षिणी सीमांत जिलों के लिए नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) कोरोना-काल में श्रेष्ठ स्वास्थ्य धुरी बना। यह राज्य आपदा प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग की ओर से आधिकारिक विशाल सुरक्षित क्वारंटाइन केेंद्र और कोविड-19 के इलाज का विशिष्ट अस्पताल बना, जहां भर्ती हुए सैकड़ों कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौटे। सिर्फ एक मरीज की मृत्यु हुई। ठीक हुए मरीजों को अस्पताल परिसर से विदा करते समय एनएमसीएच के संस्थापक अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह के साथ एनएमसीएच के सचिव गोविंदनारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह, तकनीकी निदेशक डा. एमएल वर्मा, प्राचार्य डा. एसएन सिन्हा, चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभात कुमार, कोविड-19 चिकित्सा प्रभारी डा. मुकेश कुमार, महाप्रबंधक (संचालन) उपेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी अधीक्षक (परिचारिका) शशांक कुमार सिंह आदि की मौजूदगी अस्पताल प्रबंधन की संवेदनशील भूमिका का परिचायक बनी। गोपालनारायण सिंह ने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक माह का सासंद वेतन एक लाख रुपये, सांसदनिधि से एक करोड़ रुपये के साथ विश्वविद्यालय (जेएनएसयू) के कर्मचारियों के एकदिन के वेतन का महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कारपोरेट कारोबार में सामाजिक दायित्व की बेहतर नजीर :

(मोहिनी समूह के प्रबंध निदेशक उदय शंकर और मीना शंकर)

डेहरी-आन-सोन की रसोई गैस आपूर्ति की अग्रणी एजेंसी मोहिनी इंटरप्राइजेज ने कोरोना आपदा में प्रधानमंत्री आपदाकोष में एक लाख एक हजार पांच रुपये देकर स्थानीय कारपोरेट कारोबार के सामाजिक दायित्व निर्वाह का अग्रणी नजीर पेश की। उदय शंकर (प्रबंध निदेशक) के नेतृत्व में मोहिनी समूह के उपक्रमों मोहिनी इलेक्ट्रानिक्स (मीना शंकर), ब्राइट स्माइल (डा. अभिषेक सिद्धार्थ), सिद्धार्थ ला-चैंबर्स (पुनीत सिद्धार्थ) भी कोरोना-काल में सहायता पहुंचाने में सक्रिय रहे। डेहरी-आन-सोन में सोन कला केन्द्र, चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट, सोनघाटी पुरातत्व परिषद, डेहरी चेस क्लब, टीम इंडिया बैडमिंटन क्लब आदि संस्थाओं ने कोरोना संकट में सामाजिक दायित्व के प्रति अग्रणी सक्रियता का परिचय दिया। सोन कला केेंद्र के अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यकारी अध्यक्ष जीवन प्रकाश, उपाध्यक्ष अरुण शर्मा, सुनील शरद, सचिव निशांत राज, कोषाध्यक्ष राजीव सिंह, सह-कोषाध्यक्ष नंदकुमार सिंह, उपसचिव सुशील सिंह ओम, सत्येन्द्र गुप्ता, चंद्रगुप्त मेहरा पारस प्रसाद, अनिल पाठक, रामनारायण सिंह आदि ने कड़ी धूप में प्रवासी श्रमिकों के भोजन-पानी के वितरण की कार-सेवा हाईवे पर किया, जिसमें संरक्षक सत्यनारायण सिंह यादव और संरक्षक राजीव रंजन कुमार (सनबीम स्कूल) भी शामिल हुए।

विभिन्न संस्थाएं रहीं राहत-सेवा में सक्रिय :

(सोन कला केेंद्र के अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव के नेतृत्व में हाईवे पर भोजन-पानी वितरण)

चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के राहत-कार्य में संस्थापक ट्रस्टी डा. रागिनी सिन्हा, अध्यक्ष डा. उदय कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष राजीवरंजन कुमार, सनबीम स्कूल की प्राचार्य अनुभा सिन्हा, संवेदना न्यूरो साइक्रिटिक सेंटर की निदेशक डा. मालिनी राय आदि ने समाज के जरूरतमंदों के लिए नगद रकम, खाद्यन्न का प्रबंध किया। ट्रस्ट के राहत वितरण कार्य में ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार, उपाध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव, प्रो. रणधीर सिन्हा, विकास सिन्हा, महासचिव बरमेश्वर नाथ, संयुक्त सचिव आलोक श्रीवास्तव, सहसचिव सुनील सिन्हा, सह कोषाध्यक्ष श्रवण कुमार अटल, संगठन सचिव ओमप्रकाश सिन्हा, नवीन सिन्हा, कृष्णवल्लभ सहाय सक्रिय रहे। राहत कार्य में कायस्थ महासभा के जयंत वर्मा, मनोरंजन सिन्हा आदि भी सक्रिय रहे। डालमियानगर आवासीय कालोनी में और जीटीरोड पर रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के पटना स्थित परिसमापक हिमांशु शेखर की पहल पर प्रभारी प्रबंधक एआर वर्मा के नेतृत्व में राहत-सेवा में प्रो. अजीत सिंह, सीआर घोष, एएन दीक्षित, गिरिजा नंदन सिंह, गया प्रसाद शर्मा, मुद्रिका सिंह, रवि मोहन सिन्हा, महात्म दुबे, उर्मिला कुशवाहा, ललित श्रीवास्तव आदि सक्रिय, शमिल रहे। जबकि महिला नेतृत्व वाली संस्था आरंभ एक पहल प्रगति की ओर द्वारा अध्यक्ष प्रीति श्रीवास्तव, सचिव नीता सिन्हा, अरुणा दुबे, अर्चना मिश्रा, सोनी सिन्हा आदि की टीम ने नागरिक सहयोग से राहत सामग्री के वितरण का कार्य किया।

संस्थागत और व्यक्ति दोनों स्तरों पर सहयोग :

(जीटीरोड पर रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के प्रभारी प्रबंधक
एआर वर्मा के नेतृत्व में राहत-सेवा)

डेहरी-आन-सोन में प्रो. अशोक कुमार सिंह (प्राचार्य महिला कालेज), अरुण कुमार गुप्ता (कारपोरेट कंसलटेंट), सोनघाटी पुरातत्व परिषद के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद सरावगी, उपाध्यक्ष भूपेंद्रनारायण सिंह, संयुक्त सचिव अवधेश कुमार सिंह, संतोष कुमार गुप्ता (उर्वशी होटल), गुलजार फिरदौसी (अटैची सेंटर), प्रदीप सरावगी (कला निकेतन), कामधेनु कन्फेक्शनरीज एंड स्वीट्स के अरविंद गुप्ता, अरुण गुप्ता, जितेंद्रपाल सिंह (गुरुनानक इलेक्ट्रानिक्स), श्याम ज्वेलर्स के सुधीर कुमार, सुमीत कुमार, सुरेंद्र चौरसिया (विकास लाज), डीके पांडेय (प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक), राजेशकुमार सिंह (प्रबंधक, बजाज एलियांज), श्यामसुंदर अग्रवाल (तिरूपति), पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद सिंह, सच्चिदानंद प्रसाद (लक्ष्मी ज्वेलर्स), बैजनाथ प्रसाद (शिव शक्ति प्लाई), नंदलाल गुप्ता (शिल्पी), राजकिशोर (बचपन से पचपन), सत्येंद्र चमडिय़ा (अमर ज्योति), सज्जन अग्रवाल (देवाशं फैशन), अर्जुन केसरी, रिंकू, सोनी, मैरिन इंजीनियर संजीव कुमार बंटी, डा. सीके आनंद, डा. नवीन नटराज, डा. ओम आनंद, डा. अरविंद कुमार, उमाशंकर पांडेय (अधिवक्ता), प्रदीप सिंह (अधिवक्ता), ब्रजमोहन सिंह (पूर्व प्रबंधक, पीएनबी) आदि भी जरूरतमंदों की मदद के सहभागी बने। जबकि चैंबर्स आफ कामर्स (अध्यक्ष बबल कश्यप), इंडियन बुलियन ज्वेलर्स (निदेशक धीरज कश्यप), मध्यदेशीय वैश्य महासभा (जिला अध्यक्ष सुरेश प्रसाद गुप्ता), मारवाड़ी युवामंच (संरक्षक ओमप्रकाश केजरीवाल), आध्यात्मिक सत्संग (रतनलाल शर्मा, अमृत जोशी, राज इलेक्ट्रिक), मां शिला होटल (सोनू सिंह, नीतू सिंह, अकोढ़ी), मातृभंडार, बालाजी ट्रेडर्स आदि ने संस्थागत मदद की।

वर्मा एजुकेशनल ट्रस्ट ने आरंभ में ही की पहल :

(राहत कार्य में सक्रिय चकहनवा ग्रामपंचायत, डेहरी प्रखंड की मुखिया पूनम यादव)

सासाराम में वर्मा एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा ने ट्रस्ट के संस्थानों संतपाल स्कूल, सिद्धेश्वर पब्लिक स्कूल, सिद्धेश्वर कालेज आफ टीचर्स एजुकेशन के जरिये संस्थागत, व्यक्तिगत स्तर पर संभव सहायता समाज के जरूरतमंदों को मुहैया करा सामाजिक दायित्व निर्वाह का उल्लेख योग्य कार्य किया। डा. एसपी वर्मा की पहल पर लाकडाउन आरंभ होते ही राहत शुरू हुई। रेडक्रास सोसाइटी की टीम ने जिला सचिव राहुल वर्मा की अगुआई में, लायंस क्लब और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की टीम ने अध्यक्ष रोहित वर्मा के नेतृत्व में, राजीव गुप्ता की अगुआई में संत निरंकारी मंडल ने, बाल विद्या मंदिर, मानवाधिकार एसोसिएशन ने नवीन सिन्हा, डा. प्रवीण कुमार सिन्हा के संयुक्त नेतृत्व में और ने भी राहत के सामाजिक दायित्व का कार्य किया। लाकडाउन-1 शुरू होते ही सासाराम में लायन्स क्लब के पूर्व जिलापाल डा. एसपी वर्मा की पहल पर अनुमंडलाधिकारी से कोरोना के मद्देनजर शहर में बनाए गए सभी सुरक्षा पोस्ट के प्रशासन-पुलिस कर्मियों के लिए 21 दिन चाय-बिस्कुट, नाश्ता-भोजन पहुंचाने की अनुमति ली गई और सासाराम लायंस क्लब के अध्यक्ष रोहित वर्मा, सचिव अभिषेक कुमार राय, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा के साथ क्लब की टीम राहत-सेवा में जुट गई। जबकि रेडक्रास सोसाइटी की टीम में रोहतास जिला के मानद सचिव राहुल वर्मा, नागेंद्र कुमार, गौतम कुमार, अतुल कुमार, मनोज सिन्हा आदि ने प्रवासी श्रमिको के लिए राहत-कार्य चलाया। फग्गुमल गुरुद्वारा संगत का लंगर तो 75 दिनों तक चला। संझौली में उप-प्रमुख डा. मधु उपाध्याय ने कोरोना पर व्हाट्सएप महिला ग्रुप बनाकर जागृति कार्य किया। चकहनवा ग्रामपंचायत (डेहरी प्रखंड) की मुखिया पूनम यादव ने पति की हत्या की गम को दो हफ्ते बाद तिलांजलि देकर अपने क्षेत्र में राहत कार्य में सक्रिय हो गई। रोलोसपा की प्रदेश सचिव सीमा कुशवाहा ने वंचितों की व्यक्तिगत स्तर पर मदद के लिए घूम-घूम कर भीक्षाटन किया। तिलौथू में रणजीत सिन्हा (तिलौथू हाउस), डा. यूएस मिश्र (जगजीवन सेनाटोरियम) आदि ने भी जरूरतमंदों की मदद कर सामाजिक दायित्व का राहत-सेवा कार्य किया।

दाउदनगर में विद्यानिकेतन सहित कई संस्थाएं सक्रिय :

(राहत-सेवा में आनंद प्रकाश और विद्या सागर के साथ अन्य)

दाउदनगर (औरंगाबाद) में कोरोना-काल में विद्या निकेतन विद्यालयसमूह (निदेशक सुरेश प्रसाद गुप्ता), विवेकानंद विद्यालयसमूह (निदेशक डा. शंभुशरण सिंह), गोपालबाबू सेवा समिति (राजेंद्र प्रसाद सर्राफ, अलंकार ज्वेलर्स), सेवासदन समूह आदि ने जागरूकता अभियान के साथ राहत-सेवा का भी कार्य किया। कोरोना से बचाव जागरुकता और मास्क वितरण का अभियान विद्या निकेतन विद्यालयसमूह के मुख्य कार्याधिकारी आनंद प्रकाश के नेतृत्व में सबसे पहले शुरू हुआ। प्रशासन, थाना से अनुमति लेकर विद्या निकेतन विद्यालयसमूह के सीईओ आनंद प्रकाश, डिप्टी सीईओ विद्या सागर, सलाहकार (तकनीक) विनय प्रकाश, विद्यालयों के प्राचार्य सूरज मोहन लाल दास (संस्कार विद्या), सरयू प्रसाद (विद्यानिकेतन), मोजाफिर आलम (किड्स वल्र्ड), सुमित कुमार सोनी, अमित कुमार आदि की टीम ने भोजन-पानी वितरण का कार्य किया। आनंद प्रकाश ने अपने इलाके में मानवता-सेवा के इस कार्य के लिए समय, श्रम और आर्थिक योगदान के साथ कोरोना-युद्ध लडऩे का जो सामाजिक उपक्रम किया, उसके लिए उन्हें गुजरात मुख्यालय वाली संस्था एकता मंच की ओर से कोरोना योद्धा सम्मान प्रदान किया गया। एकता मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष उषाबेन पटेल और राज्य पदाधिकारियों के हस्ताक्षर से जारी प्रशस्ति-पत्र में बताया गया है कि आनंद प्रकाश ने कोरोना-काल में पारिवारिक दायित्व के साथ अपने अग्रणी सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन किया है।





(डेहरी-आन-सोन, दाउदनगर में भूपेंद्रनारायण सिंह, उपेन्द्र कश्यप, निशांत राज और सासाराम में अर्जुन कुमार। इनपुट : कृष्ण किसलय, पापिया मित्रा।)

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