मजबूत होगा रौनियारों का राष्ट्रीय मंच

– एक सदी पुरानी देश की पंजीकृत संस्था है अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा
– इतिहास प्रसिद्ध भारत के अंतिम विक्रमादित्य हेमू के वंशज हैं रौनियार वैश्य
– कालपी, ग्वालियर, आगरा, दिल्ली सहित 22 युद्धों के विजेता थे हेमचंद्र
– बिहार में है अधिक आबादी और रोहतास जिले में डेहरी-आन-सोन में

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-सोनमाटी समाचार। देश में करीब तीन करोड़ रौनियारों की आबादी है, जिनमें सबसे अधिक बिहार में हैं और बिहार के जिलों में इनकी सबसे अधिक संख्या रोहतास जिले में है। इनकी मगर आज वे शिक्षा व नौकरी, राजनीतिक वर्चस्व और सामाजिक हैसियतके लिहाज से समाज का पिछड़ा तबका बन गए हैं, जबकि वे मध्यकाल में समाज के अग्रणी हिस्से थे। इस बात का उदाहरण हेमू (हेमचंद्र) हैं, जो भारत के बादशाह के सेनापति थे। इससे जाहिर है कि क्षत्रिय रहे इस समाज के लोगों को तीन-चार सदियों में अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए छोटे-छोटे कारोबार को अपनाना पड़ा है। जबकि बिहार में आरक्षण का लाभ उठाकर तेली, कानू आदि पिछड़ी जातियों के लोगों ने अपेक्षाकृत अपनी बेहतर सामाजिक-राजनीतिक हैसियत बना ली है। यह बात अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा के संरक्षक मंडल के वरिष्ठ सदस्य नंदलाल गुप्ता  (निदेशक, शिल्पी) ने कही।

राष्ट्रीय संगठन की कार्यकारिणी का गठन 7 व 8 अप्रैल को

नंददलाल गुप्ता के मुताबिक, उनकी जाति का संगठन देश में एक सदी पुरानी पंजीकृत राष्ट्रीय संस्था है। फिर भी इस जाति-बिरादरी की अनेक समस्याएं कायम हैं। अब इस संस्था को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत बनाने की दिशा में इसके संरक्षक मंडल के सदस्य जुटे हुए हैं। रौनियार बहुल राज्यों में दौरा कर आजीवन सदस्य बनाने का अभियान जारी है। आजीवन सदस्य ही इस महासभा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष का चयन सर्वानुमति से 7 व 8 अप्रैल को करेंगे। नंदलाल गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस राष्ट्रीय संगठन की कार्यकारिणी का गठन पांच साल पर किया जाता है, जिसकी अवधि पिछले साल पूरी हो चुकी है। फिलहाल पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार गुप्ता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के योग्य उम्मीदवार के रूप में सामने हैं। अन्य उम्मीदवारों के भी सामने आने की संभावना है। कार्यकारिणी का गठन सर्वानुमति से होगा।

शेरशाह की सेना मेें सैनिक के रूप में भर्ती हुए, सेनापति के पद तक पहुंचे
रौनियार वैश्य पर शोध करने वाले कानुपर के मसाला निर्माता (नंदन ब्रांड) आनंदकुमार गुप्ता का कहना है कि रौनियारों के एक पुरखा हेमू भारत के अंतिम विक्रमादित्य थे, जिन पर रामजीदास सूरी और फैयाह सुनामी ने ऐतिहासिक उपन्यास (हेमचंद्र विक्रमादित्य) लिखा। इससे जाहिर है कि पांच सदी पहले तक रौनियारों की ताकत शीर्ष राष्ट्रीय सत्ता तक थी। हेमू (हेमचंद्र) की योग्यता यह थी कि वह शेरशाह की सेना मेें सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे और सेनापति के पद तक पहुंचे थे। यह उपलब्धि इस बात का सबूत है कि रौनियारों में सघन श्रम करने का माद्दा है और श्रेष्ठ श्रेणी की प्रतिभा भी है।

अपने नाम का चलाया सिक्का

आनंदकुमार गुप्ता ने  बताया कि हेमचंद्र कालपी, ग्वालियर, आगरा, दिल्ली सहित 22 युद्धों के विजेता थे। दिल्ली के शासक सरदी बेग को तुगलकाबाद (दिल्ली) के मैदान में हराने के बाद 7 अक्टूबर 1556 को हेमू का राज्याभिषेक हुआ, जहां उसने विक्रमादित्य की उपाधि ग्रहण की थी और अपने नाम का सिक्का चलाया था। हालांकि वह 6 नवम्बर 1556 में पानीपत के मैदान में अकबर से हुए युद्ध में दुर्घटनावश (आंख के किनारे तीर लग जाने के कारण) वह हार गए। राहुल सांकृत्यायन जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विद्वान ने हेमचंद्र उर्फ हेमू को रौनियार वैश्य जाति का ही माना है।

  • Related Posts

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। शराब के नशे में चूर बदमाशों ने सोमवार की रात एक आर्मी जवान को चाकू से गोद-गोद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसे गंभीर…

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    सासाराम (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। शहरवासियों को बिजली बिल जमा करने में पसीने छूट रहे हैं। बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है यह…

    One thought on “मजबूत होगा रौनियारों का राष्ट्रीय मंच

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    धान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

    धान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

    महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास जरूरी

    महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास जरूरी

    जीएनएसयू में शुरू हुआ नारायण केयर संकाय

    जीएनएसयू में शुरू हुआ नारायण केयर संकाय

    मिठाई दुकानों पर की गई छापेमारी, मचा हड़कंप, लिए गए नमूने

    मिठाई दुकानों पर की गई छापेमारी, मचा हड़कंप, लिए गए नमूने