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राज्यसमाचार

सांसद ने कहा प्रवासियों की जिम्मेदारी सरकार की / लाकडाउन प्रावधान का पालन करें प्रतिष्ठान / स्कूल एसोसिएशन ने मांगा राहत पैकेज

कल-करखाना बंद होते जाने के कारण ही बनना पड़ा प्रवासी

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। बिहार में दो जिला छोड़ रोहतास सहित 36 जिले कोरोना की चपेट में हैं। राज्य के 574 कोरोना संक्रमितों में 267 ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं। रोहतास जिला में भी 54 कोरोना मरीजों में 34 ठीक हुए हैं। सभी मरीज जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच में भर्ती किए गए। यहां लाए गए पांच कोरोना मरीजों को मगध मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (गया) और नालंदा मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (पटना) में इलाज के लिए भेज दिया गया, जबकि अन्य सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीज एनएमसीएच में हैं। इस कोरोना आपदा की घड़ी में लाकडाउन होने के कारण स्वाभाविक तौर पर घर लौटने वाले बिहार के प्रवासी श्रमिकों को बड़ी समस्या के रूप में देखा जाने लगा है। प्रति व्यक्ति जोत (खेत) कम होने, प्रति व्यक्ति आय कम होने और कल-कारखानों के धीरे-धीरे बंद होते जाने के कारण अपेक्षाकृत आय के लिए राज्य के श्रमिकों को बाहर जाकर कमाना और प्रवासी बनना पड़ा है।

प्रवासी बिहारी हमारे, उनकी जिम्मेदारी हमारी : गोपालनारायण सिंह

(सांसद गोपालनारायण सिंह)

जमुहार स्थित एनएमसीएच के संस्थापक अध्यक्ष और भाजपा के राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह ने कहा है कि बिहार राज्य की सरकारें तीन-चार दशकों से बड़ी संख्या में राज्यवासियों खासकर, श्रमिक वर्ग की रोजी-रोटी की समस्या दूर करने की भूमिका में बहुत पीछे रही हैं। कोरोना महाआपदा के दौरान बिहार का व्यवहार अपने ही प्रवासी श्रमिकों के प्रति तिरस्कारपूर्ण है। आपदा की घड़ी में तिरस्कार अच्छा नहीं, क्योंकि वे अपने राज्य के हैं, अपने ही हैं। सवाल है कि हम सरकार क्यों चला रहे हैं, हम क्यों भाग रहे हैं अपनी जिम्मेदारी से और कब तक भागेंगे? सरकार की, सरकार में शामिल भाजपा सहित सभी दलों की संयुक्त जवाबदेही है। बिहार के बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाए तो खतरा नहींहै। गोपालनारायण सिंह ने जीएनएसयू / एनएमसीएच के व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड वीडियो के जरिये यह जानकारी दी है कि एनएमसीएच में लगभग सभी तरह की चिकित्सा, जांच और कोरोना उपचार की बेहतर व्यवस्था है। कोरोना की चिकित्सा के मामले में बिहार सरकार और एनएमसीएच का यह संयुक्त प्रयास है कि एनएमसीएच में पाजिटिव केस स्थिर बने हुए हैं या फिर निगेटिव होने की ओर बढ़ रहे हैं। रोहतास जिला, शाहाबाद प्रक्षेत्र के जिलों और पड़ोसी औरंगाबाद जिला के लिए भी एनएमसीएच चिकित्सा का बेहतर परिसर हैं। बिहार के अनेक बड़े चिकित्सालयों से बेहतर व्यवस्था यहां है। सभी चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ एनएमसीएच परिसर में ही रहते हैं। चिकित्सकीय टीम की कोई समस्या यहां नहीं है। एनएमसीएच का संचालन करते हुए मानवता के नाते जरूरतमंदों की मदद हमारी व्यक्तिगत-सामाजिक जवाबदेही भी है।

(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेन्द्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)

दुकानों-प्रतिष्ठानों की जारी रहेगी कोरोना से जंग : बबल कश्यप/टिंकू कश्यप

(बबल कश्यप)

डेहरी-डालमियानगर चैम्बर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष अमित कश्यप बबल और बिहार इंडियन बुलियन ज्वेलर्स के निदेशक धीरज कश्यप टिंकू ने पांच तरह के दुकान-प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति देने के लिए सरकार और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है। दोनों युवा कारोबारी नेतृत्वकर्ताओं ने दुकानदारों से कोरोना के मद्देनजर लाकडाउन के प्रावधान का पूरी तरह पालन करने की अपील की है। अपने फेसबुक एकाउंट पर अपलोड वीडियो में बबल कश्यप ने कहा है कि कोरोना से हमारी जंग अभी खत्म नहींहुई है। रोहतास जिला रेड जोन में शामिल है, इसलिए यहां अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोरोना से लड़ाई वैसे ही जारी रहेगी, जैसीकि दुकानों के बंद रहने के दौरान जारी थी। सबके लिए मास्क के उपयोग पर बल देते हुए बबल कश्यप ने कहा है कि मास्क बिना लगाए ग्राहकों को दुकान के भीतर नहींआने दें और ग्राहकों के लिए भी मास्क की संभव व्यवस्था करें। दुकान के आगे एक लाइन लक्ष्मणरेखा की तरह होनी चाहिए, ताकि वहां से शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) का पालन कर ग्राहक दुकान में कर सकेें। लाकडाउन के गाइडलाइन का पालन ही कोराना से जंग में सफलता बनेगी और व्यवसाय के लिए यही श्रेयस्कर है।

(रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज)

प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा, भारी संकट में हैं निजी विद्यालय

(सैयद समाइल अहमद, डा. एसपी वर्मा, रोहित वर्मा)

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद समाइल अहमद ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को पत्र लिखकर देश के लाखों निजी विद्यालयों को राहत पैकेज देने की मांग की है। अधिसंख्य स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है। लाकडाउन की अवधि में किराये के भवन में चलने वाले निजी विद्यालयों को सरकार किराया और बिजली बिल के राहत पैकेज उपलब्ध कराए, क्योंकि विभिन्न परीक्षओं आदि के लिए निजी विद्यालय अपना भवन, फर्नीचर, बिजली आदि सरकारों को निशुल्क उपलब्ध कराते रहे हैं।
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के बिहार प्रदेश महामंत्री डा. एसपी वर्मा ने कहा है कि दो महीनों से विद्यालय बंद होने से वित्तीय संकट से जूझने के बावजूद संचालकों ने टीचिंग, नन-टीचिंग स्टाफ का वेतन समय पर दिया है। वित्तीय बोझ बढऩे से स्कूलों की आर्थिक कमर टूट जाएगी। मजबूरन विद्यालय बंद करने की नौबत भी आ सकती है। रोहतास जिला अध्यक्ष रोहित वर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इस संकट की घड़ी में निजी विद्यालयों को राहत प्रदान करने की दिशा में गंभीरता और मानवीय दृष्टि से विचार कर त्वरित समुचित फैसला लेना चाहिए, क्योंकि कार्यरत शिक्षकों, गैर शिक्षकों के बेरोजगारों के समूह में शामिल होने की आशंका पैदा हो गई है।

(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार, मीडिया प्रभारी, प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन)

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