डालमियानगर परिसर की आवासीय कालोनी में सैनिटाइजेशन शुरू
पटना/डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। देश-दुनिया के साथ बिहार में भी कोरोना महाआपदा (कोविड-19) का कहर जारी है। अब तक राज्य में 3006 कोरोना मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 918 के लोग ठीक हो हुए और 15 की मौत हो गई। रोहतास जिला में भी 203 कोरोना मरीजों में एक की मौत हो चुकी है। राज्य में जांच में 126 नए कोरोना मरीज की पुष्टि हुई है, जिनमें 06 रोहतास जिला के हैं।
डालमियानगर रोहतास इंडस्ट्रीज आवासीय कालोनी में कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव हो रहा है। सैनेटाइजेशन का कार्य पटना स्थित शासकीय समापक के निर्देश पर डालमियानगर परिसर के प्रभारी अधिकारी प्रबंधक एआर वर्मा की देख-रेख में 27 मई को आरंभ हुआ। छिड़काव कार्य की शुरुआत नारियल फोडऩे के बाद की गई। इस मौके पर डालमियानगर के पूर्व प्रबंधक और यूनियन नेता एएन दीक्षित, सीआर घोष, गिरिजानंदन सिंह, पुरुषोतम प्रसाद, गया प्रसाद शर्मा आदि और डालमियानगर परिसर में कार्यरत कर्मचारी मुद्रिका सिंह, रविमोहन सिन्हा, श्रीनिवास सिंह, महातम दुबे, भरत पांडेय आदि के अलावा कालोनीवासी प्रो. अजीत सिंह, अध्यापक संजय सिंह, अधिवक्ता विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता बैरिष्टर सिंह, वरिष्ठ महिला एक्टीविस्ट उर्मिला कुशवाहा, कांग्रेस नेता ललित श्रीवास्तव, पारस दुबे आदि उपस्थित थे। प्रथम दिन हनुमान मंदिर परिसर, देवी मंदिर, प्रशासनिक भवन, पंजाब नेशनल बैंक परिसर में छिड़काव किया गया। एआर वर्मा ने सोनमाटीडाटकाम को बताया कि शासकीय समापक द्वारा 400 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइड उपलब्ध कराया गया है और छिड़काव के लिए अग्निशमन विभाग ने संबंधित वाहन मुहैया कराया है। इससे पहले शासकीय समापक के निर्देश पर डालमियानगर कालोनी के पाश्र्ववर्ती निवासी वंचित वर्ग के 500 लोगों के बीच खाद्य, राहत सामग्री का और जीटी रोड पर प्रवासियों को भोजन पैकेट का वितरण का किया गया था।
डा. नवीन नटराजन चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी ने रोहतास जिला इकाई के चिकित्सा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष डा. नवीन नटराजन को बनाया है। डा. नटराजन दूसरी बार चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बनाए गए हैं। डा. नटराजन डेहरी-आन-सोन में बतौर दंत चिकित्सक अपने निजी क्लिनिक में कार्यरत हैं। वह पड़ोस के तिलौथू (रोहतास) के निवासी हैं।
रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज (सोनमाटीडाटकाम), इनपुट : पापिया मित्रा
बिहार का पहला निजी अस्पताल, जिसे मिली कोरोना जांच की जिम्मेदारी : त्रिविक्रमनारायण सिंह
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। बिहार के सीमांत सोनघाटी और पर्वतीय जिला रोहतास के कैमूर पर्वत के पाश्र्व में स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) को कोरोना जांच की अनुमति प्राप्त हुई है। एनएमसीएच राज्य का पहला निजी अस्पताल है, जिसे इस भूमिका की राष्ट्रीय जवाबदेही दी गई है। यह रोहतास जिला और इसके पड़ोसी जिलों औरंगाबाद, कैमूर के साथ झारखंड के पलामू जिले के लिए भी सम्मान की बात है, जहां के लोग अपनी स्वास्थ्य रक्षा के लिए इस अस्पताल पर भरोसा करते हैं। एनएमसीएच को यह दायित्व नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कालिब्रेशन लैबोट्रीज (एनएबीएल) द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पाए जाने के बाद दी गई है।
दो विधियों से होगी कोरोना जांच :
एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने बताया है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की ओर से कोरोना जांच की अनुमति एनएबीएल की मुहर लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई। एनएबीएल देश में प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता का परीक्षण अपने निर्धारित मानक के आधार करने वाला भारत का राष्ट्रीय प्राधिकरण है। एनएमसीएच में कोरोना जांच के लिए टु-नेट और आरटीपीसीआर दोनों तरह की विधियों की मशीन स्थापित की गई हैं।
विदा हुए 22 कोरोना मरीज, अब 112 का उपचार :
एनएमसीएच से दो दिनों में 22 कोरोना मरीजों को छुट्टी दी गई। सभी मरीज देश के अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासी बिहारी हैं। अब इस इस अस्पताल के कोरोना वार्ड में 112 कोरोना पाजिटिव मरीजों का उपचार किया जा रहा है। कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए मरीजों को अस्पताल से संस्थान के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह, सचिव गोविंदनारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, निदेशक (तकनीक) डा. एमएल वर्मा, प्राचार्य डा. एसएन सिन्हा, चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभात कुमार आदि ने आवश्यक निर्देश और राहत सामग्री के साथ विदा किया।
रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह (पीआरओ, एनएमसीएच)