डेहरी-आन-सोन (कार्यालय प्रतिनिधि)। इंडोस्कोपिक आपरेशन विधि से बिना चीर-फाड़ के बवासीर जैसी जटिल समस्या (रोग) का चिकित्सकीय निदान किया गया। जमुहार स्थित नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय (एनएमसीएच) के गैस्ट्रोलोजी विभाग के प्रभारी डा. आसिफ इकबाल ने डेहरी-आन-सोन की सोन अंचल जैसी ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली जगह में पहली बार कर ऐसा दिखाया है। इंडोस्कोपिक आपरेशन में समान्य पारंपरिक सर्जरी की अपेक्षा खर्च भी कम आता है। इंडोस्कोपिक विधि से होने वाले सूक्ष्म आपरेशन की खासियत रह है कि इसमें मरीज को बेहोश करने की जरूरत नहींपड़ती है। कोई टांका भी लगाना नहींपड़ता है। आपरेशन के बाद इंफेक्शन होने तथा मलाशय बाहर निकलने का भी खतरा नहीं है। इसके साथ ही इस विधि से आपरेशन के दूसरे दिन ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।
रक्तस्त्राव से मरीज था परेशान, चार गांठों में से एक में था अल्सर
डा. इकबाल आसिफ के अनुसाार, एक 55 वर्षीय मरीज को बावासीर की शिकायत थी, जिसके मलद्वार से 15 दिनों से रक्तस्त्राव हो रहा था। इस कारण मरीज के शरीर में खून की भी कमी हो गई। उस मरीज की इंडोस्कोपिक जांच में यह पाया गया कि उसके मलद्वार के भीतरी हिस्से में चार गांठ बने हुए हैं और उनमेंं से एक गांठ से अल्सर की वजह से लगातार खून रिस रहा है। सबसे पहले मरीज को इंडोस्कोपिक बैंड लगाकर खून के बहाव को रोका गया। इसके बाद बवासीर की जड़ों को हटाया गया।
(रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
छठव्रतियों को पूजा सामग्री और फल का वितरण
डेहरी-आन-सोन (वरिष्ठ संवाददाता)। शहर के स्टेशन रोड में मालगोदाम मोड़ स्थित युवा किंग कला मंच द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी महान लोकपर्व छठ व्रत पर छठव्रतियों को नारियल, फल आदि प्रसाद एवं पूजा सामग्री का वितरण सैकड़ों की संख्या में पहले अध्र्य की शाम किया गया। युवा किंग कला मंच के सचिव मोहम्मद वारिस अली के अनुसार,1995 से युवा किंग कला परिवार छठ के अवसर पर सजावट, सफाई और प्रसाद वितरण का कार्य कर रहा है, जिसमें अपनी संस्था के सदस्यों के अतिरिक्त शहर के किसी व्यक्ति या घर या प्रतिष्ठान से धन राशि नहींली जाती है। इस वर्ष में यह कार्यक्रम संस्था के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह (पूर्व जिला पार्षद) के नेतृत्व में संस्था की टीम ने किया।