महादान है जीवन-रक्षा के लिए खून देना : सांसद
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एनएमसीएच) के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह ने कहा कि रक्तदान महादान है। किसी और की जिंदगी बचाने के लिए अपना खून देने से बड़ा कोई भी दान दुनिया में नहीं है। जब संसार में जीवन जीने के लिए ही सारा जद्दोजहद है, तब रक्तदान कर जीवन-रक्षा के पवित्र उपक्रम का हिस्सा बनना तो सबसे पुण्यदायी, सर्वाधिक आत्मिक सुख देने वाला कार्य है। किसी एक के खून से किसी दूसरे की जान बचती है तो इससे बड़ा पुण्यकार्य कुछ और भला कैसे हो सकता है? श्री सिंह ने कहा कि समाज में अभी भी रक्तदान के प्रति लोगों में तरह-तरह के भ्रम हैं, जिस कारण अपेक्षित रक्तदान नहीं हो पाता है। आज आवश्यकता रक्तदान के प्रति जागरुक होने की, दूसरों को प्रेरित करने की और अधिक-से-अधिक खून देने की है। श्री सिंह ने ये बातें जमुहार स्थित एनएमसीएच परिसर में अंतरराष्ट्रीय रक्तदाता महाकुंभ के उद्घाटन-सत्र को संबोधित करते हुए कही। यह उल्लेखनीय है बिहार में पहली बार रक्तदाताओं का अंतरराष्ट्रीय स्तरीय रक्तदाता-महाकुंभ का आयोजन एनएमसीएच में किया गया है, जिसमें देश के साथ विदेश के भी एक सौ से अधिक रक्तदाताओं ने भाग लिया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रोफेसर एमएल वर्मा ने कहा कि देश भर में दुर्घटना और अन्य मामलों के इलाज में जितनी मात्रा में खून की आवश्यकता होती है, उसकी आधा मात्रा की पूर्ति ही रक्तदान से हो पाती है। चूंकि खून किसी कारखाना में नहींबनाया जा सकता, इसलिए रक्तदाताओं की संख्या में वृद्धि करने का अभियान मानवता की सेवा का एक सबसे बड़ा सत्कार्य है। समारोह में बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी के उप निदेशक आलोक कुमार और बिहार राज्य रक्त आधान परिषद के निदेशक डा. अभय कुमार ने भी अपने संबोधन में अधिक-अधिक संख्या में भाग लेकर अधिक-से-अधिक मात्रा में रक्तदान का आह्वान किया। कार्यक्रम में भाग लेने आईं रक्तदान संस्थाओं की ओर से स्वैच्छिक स्तर होने वाले कार्यों, अनुभवों, सफलताओं के बारे में बताया और फिल्म प्रदर्शन के जरिये लोगों को जानकारी दी। इंडिया ग्लोबल सेलिब्रिटी तुलसी कुमारी और उनकी टीम के सौजन्य से कैंसर रोग जागरुकता से संबंधित एक लघु नाट्य प्रस्तुति दी गई, जो प्रभावकारी और प्रेरक थी। गुजरात, पंजाब और नेपाल के रक्तदाता संस्थान (सोसाइटी) के प्रतिनिधियों ने इस आयोजन के लिए सांसद गोपालनारायण सिंह को प्रतीकचिन्ह भेंटकर आभार प्रकट किया। दो दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदाता महाकुंभ का आयोजन एनएमसीएच के सहयोग से बिहार सरकार की संस्था एसबीटीसी और पथ-प्रदर्शक (औरंगाबाद) की ओर से किया गया है।
(रिपोर्ट : भूपेंद्रनारायण सिंह पीआरओ, एनएमसीएच, तस्वीर : निशांत राज)
जनवरी में होगा चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल : सुरेश गुप्ता
दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष प्रतिनिधि। तीन दिवसीय इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल 04 से 06 जनवरी को संस्कार विद्या परिसर में होगा। यह घोषणा संस्कार विद्या विद्यालय समूह के सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता ने इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल-2020 (बिहार) का पोस्टर रिलीज किए जाने के अवसर पर कही। उन्होंने यह बताया कि दाउदनगर जैसे आंचलिक क्षेत्र में पहली बार इस तरह का आयोजन होने जा रहा है और बिहार का यह पहला आयोजन है, जो देश के भविष्य यानी बच्चों को समर्पित है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2000 के पोस्टर को सुरेश गुप्ता के साथ विद्यालय समूह के सीईओ आनंद प्रकाश, उप सीईओ विद्या सागर, पुरातत्वविद डा. अनंत आशुतोष द्विवेदी, डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माता-निर्देशक धर्मवीर भारती, पत्रकार-लेखक उपेंद्र कश्यप, संस्कार विद्या के प्राचार्य सूर्यमोहन लाल और समारोह समन्वयक पीके प्रकाश ने सामूहिक तौर पर रिलीज किया।
विद्या निकेतन विद्यालय समूह के सीईओ आनंद प्रकाश ने बताया कि उनके विद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ उनके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के उपक्रम भी किए जाते हैं। फिल्म अपनी बात कहने और सामूहिक आकांक्षा को अभिव्यक्त करने का एक प्रभावकारी माध्यम है, जिसमें समाज की प्राय: अधिसंख्य कलाएं समाहित होती हैं। विद्या निकेतन ने बच्चों को प्रेरित करने वाली फिल्मों का निर्माण भी किया है और फिल्म कला-तकनीक की जानकारी देने वाली कार्यशाला का भी आयोजन किया है। संस्कार विद्या के विद्यार्थी राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट चाइल्ड ऐक्टर के पुरस्कार पा चुके हैं। विद्यालय समूह के उप सीईओ विद्या सागर ने बताया कि फिल्म समारोह के आयोजन के लिए 30 सदस्यों की टीम बनाई गई है। फिल्मोत्सव के संयोजक और धर्मवीर फिल्म एंड टीवी प्रोडक्शन के निदेशक डा. धर्मवीर भारती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का उद्देश्य परफार्मिंग आर्ट (फिल्म) के माध्यम से बच्चों की समस्यों और संभावनाओं को प्रकाश में लाना है। इसमें बाल मजदूरी, बाल यौन शोषण, गृह कलह, मानसिक उत्पीडऩ, कुपोषण, लिंग भेद-भाव, रंग-रूप भेदभाव, समुचित शिक्षा आदि विषयों पर केेंद्रित फिल्में प्रदर्शित होंगी। इस समारोह में कई नामचीन अभिनेता, अभिनेत्री, निदेशक, निर्माता, लेखक भाग लेंगे।
(रिपोर्ट : धर्मवीर भारती, तस्वीर : रणवीर कुमार)