डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। राज्य में कोरोना वायरस का कहर काबू से बाहर होता जा रहा है। कोरोना पीडि़तों की संख्या २१०० पार कर चुकी है। कोरोना संक्रमण और लाकडाउन की वजह से सरकारी सहायता से स्कूलों में चलने वाला मध्याह्न भोजन योजना बंद है। इसके बदले स्कूल के बच्चों के बैंक खाते में राशि दी जा रही है। कई स्कूलों को क्वारंटाइन केेंद्र के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जिसमें ठहराए गए लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। बिहार शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों के मध्याह्न भोजन योजना की खाद्यान्न सामग्री का उपयोग क्वारंटाइन केेंद्र में रहने वाले प्रवासी मजदूरों के भोजन में करने का आदेश दिया है। खाद्यान की पूर्ति जिला प्रशासन के जरिए विद्यालय को की जाएगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन) क्वारंटाइन केेंद्रों पर उपलब्ध कराए गए खाद्यान की प्राप्ति का रिकार्ड अपने कार्यालय में दर्ज करेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्वारंटाइन केेंद्रों पर सीधे संपर्क कर वहां ठहरे प्रवासी श्रमिकों की सेहत और सुविधा (भोजन, पानी) का जायजा लिया है।
संस्थाओं द्वारा राहत जारी :
विभिन्न संस्थाओं द्वारा जगह-जगह मुख्य सड़कों पर आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत सामग्री (भोजन, पानी, मास्क, साबुन आदि) का वितरण यथासामर्थय किया जा रहा है। सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केेंद्र के सदस्य भी पांच दिवसीय राहत वितरण कार्यक्रम के तहत सुबह जीटी रोड पर मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का अनुशासन लागू करते हुए अपनी सेवा दे रहे हैं। संस्था के अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव के अनुसार, सदस्य और इच्छुक स्वयंसेवी सुबह ०६ बजे शंकर लाज स्थित संस्था कार्यालय में आते हैं, जहां भोजन के पैकेट की पैकिंग की जाती है। पूड़ी-सब्जी आदि बनाने के लिए पांच दिन के लिए हलुवाई की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम संरक्षकों-सदस्यों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी से वार्ता करेगा चंैबर्स आफ कामर्स :
डिहरी चैंबर्स आफ कामर्स ने शहर की दुकानों को खोले जाने के लिए जिलाधिकारी से मिलकर वार्ता करने और दुकानदारों के हित में जारी आदेश पर पुनर्विचार के लिए आग्रह करने का फैसला लिया है। यह फैसला चैंबर्स आफ कामर्स की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई टेली-मीटिंग में किया गया। टेली-मीटिंग की अध्यक्षता चैंबर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष बबल कश्यप ने की और संचालन सचिव संतोष सिंह, कोषाध्यक्ष सौरभ कश्यप ने किया। बबल कश्यप ने बताया है कि दुकानें खुलने पर दुकानदारों के अलावा दुकानों पर परोक्ष-अपरोक्ष रूप से जुड़े और आश्रितों को रोजी-रोजगार मिलता है। दो महीनों की बंदी से डेहरी-आन-सोन के व्यवसायी अब भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। जबकि पड़ोसी शहरों सासाराम और औरंगाबाद के बाजार खोल दिए गए हैं।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)