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कोरोना : एक लाख से अधिक संक्रमित, 3243 मौत, दमदार तैयारी की दरकार/ एनएमसीएच में आपरेशन आरंभ/ सोनकला केेंद्र बांटेगा नाश्ता-पानी

फिर भी भारत में मौत की संख्या विकसित देशों से कम

दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी टीम)। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की संख्या एक लाख पार कर 01,06,732 पर पहुंची और मौत की संख्या तीन हजार पार कर 3,243 पहुंच गई। थोड़ी राहत की बात है कि संसाधनों की सीमा के बावजूद भारत में मौत की संख्या विकसित देशों से कम है। हालांकि मौत के मामले में गरीबी, बेरोजगारी और साफ.-सफाई के मानक पर भारत सहित पिछड़े दक्षिण एशिया के सभी देश पश्चिमी दुनिया के अमीर समाज से कहीं बेहतर स्थिति में हैं। संक्रमितों में भारत में 3.3 फीसदी, पाकिस्तान में 2.2 फीसदी, बांग्लादेश में 1.5 फीसदी और श्रीलंका में महज एक फीसदी की मौत हुई। इन देशों के लोगों को बचपन में इतने टीके पड़ चुके होते हैं कि शरीर की प्रतिरोध शक्ति बढ़ जाती है। पश्चिम के देशों में टीबी, मलेरिया जैसी बीमारी नहीं होने से वहां टीके नहीं लगाए जाते। फिर भी भारत को तैयारी अभी उस दौर को ध्यान में रखकर करनी है, जब कोरोना के प्रकोप का विस्तार अपने चरम रूप में हो सकता है, क्योंकि संक्रमितों की संख्या दो महीनों (64 दिन) में 100 से एक लाख तक पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि भारत में प्रति लाख आबादी पर कोरोना वायरस संक्रमण की संख्या 7.1 है, जबकि वैश्विक आंकड़ा प्रति लाख आबादी पर 60 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस से 45,25,497 संक्रमितों का औसत प्रतिशत दुनिया की आबादी के हिसाब से प्रति एक लाख आबादी पर 60 है। भारत में प्रति लाख आबादी पर कोविड-19 से मौत की संख्या 0.2 फीसदी के करीब है। जबकि दुनिया का आंकड़ा प्रति लाख आबादी पर 4.1 फीसदी है।
कोविड-19 जांच में बहुत पीछे है भारत :
दुनिया में अब तक 3,11,847 मौत हुई है। अमेरिका में 87,180 मौत (एक लाख पर 26.6), ब्रिटेन में 34,636 मौत (एक लाख पर 52.1), इटली में 31,908 मौत (एक लाख पर 52.8), फ्रांस में 28,059 मौत (एक लाख पर 41.9) और स्पेन में 27,650 मौत (एक लाख पर 59.2) हुई है। ये आंकड़े 20 मई तक के हैं। भारत में 24,25,742 रक्त-नमूनों की कोविड-19 जांच हुई है। देश में जनवरी में केवल एक प्रयोगशाला में कोविड-19 की जांच की व्यवस्था थी। आज 385 सरकारी और 158 निजी प्रयोगशालाओं में जांच हो रही हैं। इनमें केंद्र सरकार, सरकारी मेडिकल कालेज, निजी मेडिकल कालेज और निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं शामिल हैं। वल्र्डरोमीटर्स के अनुसार, भारत कोविड-19 जांच की संख्या के हिसाब से अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, स्पेन और ब्रिटेन के बाद दुनिया में सातवें स्थान पर है, मगर प्रति दस लाख आबादी पर जांच में बहुत पीछे (139वें स्थान पर) है।
4.5 लाख आए, अभी 08 लाख आएंगे :
बिहार में कोरोना से 10वीं मौत हो चुकी है। यहां कोरोना संक्रमण बाहर से आए प्रवासियों में अधिक है। राज्य में 1615 संक्रमितों में 571 स्वस्थ होकर अस्पताल से घर चले गए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली से आए 1362 लोगों की 835 जांच में 218 पाजिटिव पाए गए। यह आंकड़ा 26 प्रतिशत है। प्रवासी श्रमिकों में पश्चिम बंगाल से आने वालों में 12 प्रतिशत, महाराष्ट्र से आने वालों में 11 प्रतिशत और हरियाणा से लौटने वालों में नौ प्रतिशत पाजिटिव पाए गए। मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। अभी 26 मई तक 505 ट्रेन प्रवासी श्रमिकों को लेकर राज्य के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचेंगी। दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और दक्षिण भारत सहित 18 राज्यों से प्रवासी बिहारी आ आ रहे हैं। अब तक लगभग साढ़े चार लाख प्रवासी की घर वापसी हुई है। 08 लाख के आने की संभावना है। ट्रेन से आने वालों को स्टेशन से ही बसों से उनके जिला मुख्यालयों तक भेजा जा रहा है, जहां उनका प्रखंड क्वारंटाइन केेंद्र में रहना अनिवार्य है। इसके लिए राज्य में 4500 बसों की सेवाएं ली गई हैं।

पांच दिन नाश्ता-पानी बांटेगा सोन कला केेंद्र

भले ही प्रवासी श्रमिकों को सैकड़ों रेलगाडिय़ों के जरिये निशुल्क बिहार लाए जाने का इंतजाम किया गया हो, मगर सुदूर दूसरे प्रदेशों से अपने वतन के लिए पैदल ही चला श्रमिकों का कारवां बड़ी संख्या में हर रोज जीटी रोड से गुजर रहा है। अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं जगह-जगह उन्हें नाश्ता का पैकेट, पानी, मास्क, सैनिटाइजर आदि वितरण करने का कार्य रही हैं। सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केेंद्र ने भी 21 मई की सुबह से अगले पांच दिन तक जीटी रोड पर गुजरने वाले श्रमिकों के कारवां के बीच पूड़ी-सब्जी का पैकेट और पानी की बोतल वितरित करने का फैसला लिया है। हलवाई द्वारा पूड़ी-सब्जी बनाने और पैकेट में भरने का इंतजाम संस्था के शंकर लाज स्थित कार्यालय मेें किया गया है। संस्था के अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव ने बताया कि वितरण के मुद्दे पर हुई बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष जीवन प्रकाश, उपाध्यक्ष अरुण शर्मा, सचिव सत्येंद्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष राजीव सिंह, अमूल्य सिन्हा, पिंटू दिलवाले, वीरेंद्र कुमार आदि के साथ सलाहकार पारसनाथ सिंह ने भी भाग लिया। इस कार्य के लिए संस्था के संरक्षक मोहिनी इंटरप्राइजेज के संचालक उदय शंकर ने रसोईगैस की मदद की है। संरक्षक डा. एसबी प्रसाद और राजीवरंजन कुमार ने भी अग्रिम सहायता दी है।

सड़क दुर्घटना में क्षतिग्रस्त पांव की हुई सर्जरी

जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) में ओपीडी के आरंभ होते ही सड़क दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए पांव की सफल सर्जरी की गई। रोहतास जिला के पांजर गांव के रामाशीष पासवान 14 मई को सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिनका पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। सासाराम और वाराणसी के अस्पतालों में इलाज कराया। मगर बहुत अधिक खर्च के कारण आपरेशन नहींकरा सके। कोरोना के खतरे के कारण दो महीने से बंद एनएमसीएच के ओपीडी के खुलने की जानकारी हुई तो वह इलाज के लिए आए। हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डा. कुमार अंशुमान के नेतृत्व में डा. विकास कुमार, डा. अविनाश द्विवेदी, डा, कुमार वैभव, डा. हृदय कुमार, डा. प्रकाश की टीम ने उनका सफल आपरेशन किया।

रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह (पीआरओ, एनएमसीएच), इनपुट : निशांत राज, पापिया मित्रा
(संपादन : कृष्ण किसलय)

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