नई दिल्ली/पटना/सासाराम (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत को कोविड-19 विषाणु की रोकथाम वाला टीका इस वर्ष के अंत तक मिल जाएगा। भारत में कोविड-19 के तीन टीके विकास के विभिन्न स्तर पर हैं, जिनमें से दोदेश में ही बनाए गए हैं। दुनिया में कोरोना संक्रमण के प्रथम मरीज की पुष्टिके बाद गुजरे आठ महीनों में 2.41 करोड़ से अधिक लोग इससे संक्रमित हुए, 82 हजार अधिक मौत हुई और 1.66 करोड़ से अधिक ठीक हो गए। भारत में करीब 3.5 लाख लोग संक्रमित हुए, 60 हजार से अधिक मौत हुई और 25 लाख ठीक हुए। भारत में सबसे अधिक कोरोना मरीजों वाले 10 राज्यों में बिहार भी शामिल है, जहां करीब 1.27 लाख लोग संक्रमित हुए, एक लाख से अधिक ठीक हो गए और 653 मौत हुई। कोविड-19 से उबर चुके लोगों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो ऊपरी तौर पर ठीक तो हो चुके हैं, मगर वास्तव में स्वास्थ्य के कई स्तर पर ठीक नहीं हो सके हैं। जाहिर है कि ऐसे लोगों के लिए कोविड-19 से पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानी अभी भी जान का जोखिम बनी हुई हैं।
भारत में दो टीकों की ट्रायल दूसरे चरण में :
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोविड-19 के दो स्वदेशी टीकों के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा होकर दूसरे चरण में पहुंच चुका है। इनमें से एक टीका भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर और दूसरा टीका भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला लिमिटेड ने तैयार किया है। जायडस कैडिला कोरोना की वैक्सीन (जायकोवी-डी) का पहले चरण की क्लीनिकल ट्रायल हानिरहित और सहनीय रही है। भारत बायोटेक द्वारा तैयार कोरोना की वैक्सीन (कोवैक्सीन) के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल पटना, दिल्ली, भुवनेश्वर, चंडीगढ़ सहित 11 अस्पतालों में पूरा हो चुका है। दिल्ली एम्स में इसका ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल बाकी रह गया है। देश में सबसे पहले भारत बायोटेक ने ही बिहार के एम्स (पटना) में ट्रायल शुरू की थी। उधर, आईसीएमआर भारत तथा विदेशों में कोविड-19 के टीके से संबंधित जानकारी देने के लिए पोर्टल बना रहा है, जिसके अगले हफ्ते से शुरू हो जाने की उम्मीद है। इस पोर्टल पर अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी होगी। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख डा. समीरन पांडा के अनुसार, पोर्टल पर सारी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी।
सभी देशों को मिलकर करना होगा काम : विश्व स्वास्थ्य संगठन
हालांकि अंतरराष्ट्रीय अध्ययन अभी पूर्ण नहींहुआ है, जारी है। फिर आरंभिक निष्कर्ष में यह बताया गया है कि कोरोना नेगेटिव हो चुके लोगों में तीन-चौथाई को सांस लेने की दिक्कत, हृदय, लीवर, किडनी की परेशानी, अत्यधिक थकान, कमजोरी, लीवर, किडनी और इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी का सामना करना पड़ रहा है। कोविड संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए लोगों का एक प्रतिनिधिममंडल पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डा. एडनाम टेड्रास से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बाबत मिला था। इसके बाद डा. एडनाम टेड्रास ने सारे देशों के साथ इस दिशा में मिलकर काम करने की बात कही है।
जांच : 15 हजार में मिले 42 सौ मरीज, ठीक हुए 3671, 32 मौत
सासाराम (रोहतास) से प्राप्त संवाद के अनुसार, बिहार के इस सीमांत जिले में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या करीब 42 सौ हो चुकी है, जिनमें 3671 ठीक हो गए। संक्रमित हुए मरीजों में 32 की मौत हुई। कोरोना के सक्रिय 446 मरीजों में 316 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि गंभीर स्थिति वाले जिला सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केेंद्रों पर रखे गए हैं। रोहतास के सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार के अनुसार, हर रोज प्रखंड स्तर पर करीब दो हजार जांच नमूने लिए जा रहे हंै। अब तक करीब 15 हजार से अधिक संदिग्ध लोगों की जांच की गई है।
इनपुट : निशांत राज, पापिया मित्रा, संपादन : कृष्ण किसलय