सासाराम (रोहतास)। कार्य-दक्षता निर्माण और जीवन कौशल पर सीबीएसई की ओर से संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल के उमा आडिटोरियम में शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सीबीएसई से संबद्ध रोहतास और अन्य जिलों के 14 विद्यालयों ने प्रतिनिधित्व किया। कार्यशाला का शुभारंभ संतपाल विद्यालय के चेयरमैन डा. एसपी वर्मा, संतपाल स्कूल की प्राचार्य अराधना वर्मा, ज्ञानोदय विद्यालय (पटना) के प्राचार्य डा. हिमांशु कुमार पांडेय और विनय कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। अपने संबोधन में डा. एसपी वर्मा ने कहा कि कार्यशाला से दक्षता का विकास होता है और इसमें बताए गए टिप्स, तकनीक जीवन में सफलता हासिल करने में मददगार बनते हैं। कार्यशाला में शिक्षण-कार्य में उत्पन्न हुई समस्याओं और अनुभवों का आदान-प्रदान होने से सिद्धता को सीखने का मौका मिलता है। शिक्षक स्वयं के और दूसरे शिक्षकों के अवलोकन-पर्यवेक्षण की क्षमता को समझता, ग्रहण करता है और बाद उनका उपयोग-अनुशीलन करता है।
ज्ञानोदय विद्यालय, पटना के प्राचार्य डा. हिमांशु कुमार पांडेय और विनय कुमार गुप्ता ने शिक्षण कला की दक्षता के निर्माण और जीवन कौशल के विभिन्न पक्षों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी समस्या-जिज्ञासा का निदान-समाधान किया। कार्यशाला समापन पर धन्यवाद-ज्ञापन करते हुए संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल की प्राचार्य अराधना वर्मा ने कार्यशाला के सीबीएसई द्वारा आयोजन को उपयोगी प्रयास बताया। संतपाल विद्यालय के शिक्षक सह मीडिया प्रभारी अर्जुन कुमार के अनुसार, कार्यशाला में सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूलों के 44 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार)
विभिन्न क्षेत्रों के पांच प्रतिनिधियों को विष्णु प्रभाकर सम्मान
नई दिल्ली/पटना (सोनमाटी समाचार)। प्रख्यात साहित्यकार विष्णु प्रभाकर के 108वें जन्मदिवस के अवसर पर पटना (बिहार) की युवा कवयित्री लता प्रासर सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पांच व्यक्तियों को विष्णु प्रभाकर सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान दिल्ली में हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के सभागार में हिन्दुस्तानी साहित्य सभा और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान की ओर से संयोजित समारोह में दिया गया। समारोह में नरेश कौशिक, श्वेता सुमन को विष्णु प्रभाकर पत्रकारिता सम्मान, अमिता आर्य को विष्णु प्रभाकर कला सम्मान और कमलजीत सागवान को विष्णु प्रभाकर समाजसेवा सम्मान दिया गया। समारोह में बतौर विशेष अतिथि साप्ताहिक हिन्दुस्तान की पूर्व संपादक प्रद्मश्री शीला झुनझुनवाला, अरुणाचल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. वीके क्वात्रा, मोतीलाल नेहरू कालेज के पूर्व प्राचार्य कवि-पत्रकार राजेन्द्र उपाध्याय, वरिष्ठ गजलकार डा. सुरेश शर्मा, हिन्दी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष विमलेश वर्मा, भाषा वैज्ञानिक डा. विमलेश कांति वर्मा के साथ गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के संयोजक प्रसून लतांत, मंत्री कुसुम शाह, विष्णु प्रभाकर के पुत्र और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल प्रभाकर, अखिल भारतीय मिथिला संघ के सचिव विद्यानंद ठाकुर आदि ने भाग लिया।
इस अवसर पर लता प्रासर की कविता-संग्रह (पुस्तक) कैसा ये बनवास का लोकार्पण भी किया गया। लता प्रासर ने अपने संबोधन में कहा कि वह विष्णु प्रभाकर की पुस्तक आवार मसीहा पढ़कर साहित्य लेखन की ओर प्रवृत्त हुईं और जिंदगी का यह संयोग देखिए कि उसी विष्णु प्रभाकर के नाम पर साहित्य का सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इस सम्मान ने मेरे लेखन को बेहतर बनाने, निरंतर निखारने, परिष्कृत करने की जिम्मेदार बढ़ा दी है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अंजलि सिन्हा, दिल्ली में)