पटना/डेहरी-आन-सोन/सासाराम/औरंगाबाद (सोनमाटी समाचार टीम)। बिहार में इस साल गर्मी अपने प्रचंड अवतार में है और तापमान ऐतिहासिक रिकार्ड पर पहुंच चुका है। आसमान आग बरसा रहा है। पिछले सप्ताह से ही हिट वेब (लू) का तांडव बदस्तूर जारी है। अब तक सैकड़ों लोग लू लगने से असमय मौत के मुंह में समा चुके हैं। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि लू के मद्देनजर गया सहित कई जिलों में धारा-144 लागू करनी पड़ी है और श्रम विभाग को श्रमिकों द्वारा सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक काम नहीं कराए जाने का आदेश जारी करना पड़ा है। सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को 22 जून तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। मौत के सिलसिले के जारी रहने की एक त्रासदी तो यह है कि दाह-संस्कार के लिए लकड़ी कम पडऩे लगी है। गया में प्रशासन की ओर से निषेधाज्ञा जारी कर दोपहर 11 बजे से चार बजे तक खुली जगहों पर सार्वजनिक समागम करने और मजदूरी कराए जाने पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगाया गया। रोहतास जिला में कई इलाकों में जिला प्रशासन के निर्देश पर माइक लगाकर 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलने और एहतियात बरतने का प्रचार कराया गया। मौसम विभाग की माने तो अगले दो-तीन दिनों तक भी प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंकि मानसून का दस्तक अभी बिहार के पड़ोसी राज्य उड़ीसा और झारखंड में भी नहीं हुआ है।
गया जिले में लू का कहर ऐसा हुआ है कि विष्णुपद श्मशान घाट पर पिछले चार दिनों में तीन सौ से अधिक शवों का दाह-संस्कार किया जा चुका है। एक चिता सजती नहीं कि दूसरा शव श्मशान घाट पर पहुंच जाता। कई बार तो विष्णुपद श्मशान घाट पर कफन और लकड़ी बेचने वालों को सोचना पड़ा कि दाह-संस्कार के लिए कहीं लकड़ी और कफन कम न पड़ जाए। मगध मेडिकल कालेज में लू के शिकार दौ मरीज भर्ती थे। औरंगाबाद जिला में लू से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है और यहां के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। सौ से अधिक मरीज भर्ती हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. मंगल पांडेय के औरंगाबाद सदर अस्पताल और मगध मेडिकल कालेज अस्पताल, गया का दौरा करने के बाद दोनों अस्पतालों में आठ-आठ अतिरिक्त डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
रोहतास जिले में भी लू लगने से मौत होने का सिलसिला जारी है। हालांकि यहां स्थिति पड़ोसी औरंगाबाद जिले जैसी नहीं है। डेहरी-आन-सोन और सासाराम में करीब चार दर्जन लोगों की मौत लू लगने के कारण बताई गई है। रोहतास जिला के सिविल सर्जन डा. जनार्दन शर्मा ने आधा दर्जन के ही लू से मौत की आधिकारिक पुष्टि की है। वास्तव में लू को लेकर हर जगह अफरा-तफरी की हालत है और स्थिति मौत के आधिकारिक आंकड़ा से ज्यादा खतरनाक बनी हुई है।
एनएमसीएच में लू के शिकार लोगों का चिकित्सा का बेहतर इंतजाम
राज्यसभा सांसद और नारायण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) के संस्थापक गोपालनारायण सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि जमुहार स्थित उनके अस्पताल में रोहतास और पड़ोसी जिलों औरंगाबाद, अरवल, कैमूर पहुंचने वाले लू के मरीजों के प्रभावकारी इलाज का पुख्ता प्रबंध किया गया है। यहां आए लू पीडि़त मरीज की मौत नहीं हुई है। तत्परता और प्राथमिकता के साथ 24 घंटे आपातकालीन सेवा का इंतजाम किया गया है। उन्होंने एनएमसीएच के चिकित्सकों और स्वास्थ्य सेवा के सभी कर्मियों को मेहनत के साथ आपदा की इस घड़ी में मरीजों की बेहतर सेवा में तत्पर रहने की अपील की है।
क्लिनिक में आपरेशन से प्रसव के बाद युवा महिला की मौत, प्राथमिकी दर्ज
उधर, डेहरी-आन-सोन में महिला की मौत होने के बाद जक्खी बिगहा स्थित बबन मल्टी स्पेशयलिटी हास्पिटल के संचालक एएन मिश्रा और अन्य लोगों के विरुद्ध इलाज में लापरवाही बरतने, पैसा का दोहन करने और अन्य अनियमितता के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस को महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजना पड़ा। औरंगाबाद जिले की निवासी मृतक युवती चंचला देवी को प्रसव के लिए गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ इस अस्पताल (क्लिनिक) में लाया गया था, जहां उसका आपरेशन किया गया। मगर तीन दिन बाद ही युवती की मौत हो गई। युवा महिला की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामला को शांत कराया और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थानाध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह के अनुसार, नामदज और जांच में आने वाले संबंधित अभियुक्तों के विरुद्ध कानून के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, निशांत राज, अवधेशकुमार सिंह, मुकेश प्रसाद सिन्हा)