फिजियोथेरेपी : दर्द और दवा से मुक्ति की सिद्ध चिकित्सा पद्धित

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कार्यालय प्रतिनिधि। फिजियोथेरेपी के तहत शरीर की मांसपेशियों, हड्ड़ी के जोड़ों, नसों के दर्द को वैज्ञानिक तरीके से एक्सरसाइज, आधुनिक उपकरणों-मशीनों आदि के माध्यम से मरीज को आराम पहुंचाया जाता है। पिछले कुछ सालों से फिजियोथेरेपी चिकित्सा पद्धति की तकनीक पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाने के मामले में फिजियोथेरेपी कारगर उपाय है। इसकी विभिन्न तकनीक सेहत बनाए रखने के लिए काफी उपयोगी है।
हृदय रोग और प्रसव-काल में भी कारगर
बताया गया कि फिजियोथेरेपी से कमजोर पड़ती मांसपेशियां और नसें मजबूत होती हैं। अब इसकी उपयोगिता हृदय रोग, स्त्रियों के प्रसव-काल और अन्य कई क्रोनिक मर्ज तक में बढ़ गई है। फिजियोथेरेपी योग जैसा प्रभावकारी है, जो मांसपेशियों, हड्ड़ी के जोड़ों और नसों से संबंधित है। यह जानकारी विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में दी गई। कार्यक्रम का संयोजन नारायण पारामेडिकल इंस्टीट्यूट एंड एलायड साइन्सेस द्वारा किया गया।

बिहार में फिजियोथेरेपी चिकित्सा की सुविधा बदहाल
इस मौके पर इस बात की भी चर्चा की गई कि लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं और फिजियोथेरेपिस्ट के पास तभी जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है। यह भी बताया गया कि बिहार में फिजियोथेरेपी काउंसिल का गठन नहींहुआ है और राज्य के सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपी चिकित्सा की सुविधा बेहद बदहाल है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केेंद्रों पर इसकी सेवाएं लगभग हैं ही नहीं। राज्य में अनेक फिजियोथेरेपी क्लिनिक नियमानुसार संचालित नहींहो रहे हैं। अधिसंख्य फिजियोथेरेपी संचालकों के पास कम-से-कम डिप्लोमा का भी प्रमाणपत्र भी नहींहै।

उज्ज्वल भविष्य कर रहा प्रतीक्षा, जरूरत लगन और मेहनत की
आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा ने किया। जैव रसायन विभाग के अध्यक्ष डा. एसएन सिन्हा, हड्डी रोग विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डा. कुमार अंशुमान सिंह, के पीएसएम के एसोसिएट प्रोफेसर डा, अहमद नदीम, एनेस्थिसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. आरबी सिंह ने विभिन्न रोगों में फिजियोथेरेपी की कारगर भूमिका के बारे में अलग-लग जानकारी दी। नारायण पारामेडिकल इंस्टीट्यूट एंड एलायड साइन्सेस के प्राचार्य डा. वाईएम सिंह संस्थान के छात्र-छात्राओं को बताया कि इस क्षेत्र में उज्जवल भविष्य उनकी प्रतीक्षा कर रहा है, जरूरत लगन व मेहनत के साथ निरंतर अध्ययन और अभ्यास करने की है।

रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह (पीआरओ, जीएनएसयू),  इनपुट : निशांत राज

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