केरल में दस्तक के बाद आगे बढ़ रहा मानसून : आनंद शर्मा
दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटीडाटकाम टीम)। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मानसून की दस्तक केरल के समुद्र तट पर इस बार समय पर हुई। जून-सितंबर के चार महीनों के मानसून के मौमस में इस बार चार फीसदी कम-अधिक वर्षा हो सकती है। मानसून के चार महीनों में देश में औसतन 887 मिलीमीटर बारिश होती है। इस साल भी गर्मी के अपने प्रचंड अवतार में रहने के बाद मानसून के समय पर आने से अब राहत मिलने की संभावना है। इस साल भारत का चूरू (राजस्थान) दुनिया मेंं सबसेे गर्म जगह रही, जहां 26 मई को तापमान 50 डिग्री सेल्सियस था और मौसम का मिजाज तो ऐसा कि मानो सूरज जमीन पर उतर आया हो। उत्तर भारत को प्रचंड गर्मी के साथ लू का भी सामना करना पड़ा। गर्मी का जलजला के मद्देनजर राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित करना पड़ा। हालांकि बिहार में ऐसा नहींहुआ, मगर बिहार में 1700-3700 मेगावाट के बीच रहने वाली बिजली की मांग 5200 मेगावाट पार कर 6000 मेगावाट तक पहुंचने की ओर है। पिछले साल राज्य में गर्मी में बिजली की मांग 5900 मेगावाट हुई थी।
आगे बढ़ रहा है मानसून : भारतीय मौसम विभाग के उप-महानिदेशक आनंद शर्मा के अनुसार, मानसून ठीक-ठाक ढंग से आगे बढ़ रहा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में फैल चुकने के बाद अब यह ओडिशा में सक्रिय होगा। मानसून अगले दो दिनों में बिहार के साथ छत्तीसगढ़, गुजरात के दक्षिणी हिस्सों और मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में भी सक्रिय हो सकता है। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में तो अगले 24 घंटों में बारिश हो सकती है। मगर दिल्ली को मानसून के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। मध्य प्रदेश और फिर उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता और उसके विस्तार की स्थिति के बाद ही दिल्ली के लिए मानसून का आकलन हो सकेगा।
मानसून में कोरोना संक्रमण बढऩे की आशंका :
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मानसून में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं। भारत में कोरोना के 297535 मरीजों में 147194 ठीक हो चुके हैं, जबकि देश में 8603 लोगों की जान जा चुकी है। बिहार में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 37 हो गई और 141 नए संक्रमितों के मिलने के बाद संख्या बढ़कर 6043 हो गई, जिनमें 3316 ठीक हो चुके हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी, मुम्बई के एक शोध अध्ययन के अनुसार, नमी बढऩे पर कोरोना अधिक समय तक जीवित बना रह सकता है। नमी के कारण खांसी या छींक की बूंदों को सूखने में अधिक समय लगता है। यह शोध सिंगापुर, न्यूयार्क, सिडनी, मायामी और लास एंजेल्स में किए गए अध्ययन के आधार पर अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ फिजिक्स के प्री-रिव्यू जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
रोहतास में 279 कोरोना मरीज : बिहार के रोहतास जिला में 12 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि होने के बाद अब तक कोरोना संक्रमणग्रस्त मरीजों की संख्या 279 हो गई है। नए पाए गए मरीजों में 09 डेहरी-आन-सोन के हैं, जो डालमियानगर माडल स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन केेंद्र में रखे गए थे। तीन अन्य जिन मरीजों की पुष्टि जांच में हुई है, उनमें एक संझौली और दो राजपुर के हैं।
पाकिस्तान सीमा से टिड्डी दलों का हमला नया संकट :
उधर, पाकिस्तान सीमा पारकर टिड्डी दलों का हमला नए संकट के रूप में देश में दस्तक दे चुका है। मरूस्थलीय टिड्डियों का दल छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तक आ पहुंचा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब राज्य मई में ही टिड्डी दलों के हमलों की जद में आ चुके हैं। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही राज्यों को सावधान रहने की चेतावनी जारी की जा चुकी है। टिड्डियों की इस विशालकाय मरुस्थलीय प्रजाति की संख्या पर समय रहते काबू नहीं पाया जा सका तो यह खेती के लिए बहुत बड़ा नुकसानदायक साबित होगी। मरुस्थलीय टिड्डियों का करोड़ों की संख्या वाला बड़ा दल एक रात में कई एकड़ हरियाली चट कर सकता है। टिड्डियां दिन में उड़ती रहती हैं और शाम होते ही हरियाली देखकर बसेरा बना लेती हैं। वह प्रजनन कर अपनी संख्या बढ़ाते हुए आगे बढ़ती रहती हैं। वह एक जगह तीन-चार दिन रुकतीं और फिर आगे का रुख कर लेती हैं।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज, दिल्ली में संवादसूत्र : संजय सिन्हा,
इनपुट : कृष्ण किसलय, पापिया मित्रा)