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शासकीय समापक का डालमियानगर में कंपनी बनाने का आह्वान, अनुभवी संचालक को सौंपा जाएगा माडल स्कूल परिसर, दी गई राहत-सेवा की जानकारी

आगे भी यथासमय होगा राहत-सेवा कार्य : हिमांशु शेखर

(शासकीय समापक हिमांशु शेखर, डा. अंशुमान, प्रभारी प्रबंधक एआर वर्मा। तस्वीर : चंद्रगुप्त मेहरा)
पटना/डालमियानगर (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार के कंपनी रजिस्ट्रार और शासकीय समापक हिमांशु शेखर ने डालमियानगर वासियों से रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स परिसर में उत्पादक कंपनी की स्थापना का आह्वान करते हुए कहा कि अगर यहां के लोग इस दिशा में सामूहिक पहल करते हैं तो वह हर संभव तकनीकी मदद के साथ उनका पक्ष पटना हाईकोर्ट कंपनी जज के समक्ष रखेंगे। हिमांशु शेखर ने यह बात रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स प्रबंधन की ओर से प्रशासनिक भवन (जेनरल आफिस) में आयोजित राहत वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया, देश, प्रदेश कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है और इसके लिए पुरजोर कोशिश हो रही है कि कोरोना संक्रमण से पैदा हुई महामारी (कोविड-19) के सामुदायिक-प्रसार पर अंकुश लग सके। जब तक कोरोना संक्रमण से बचने की दवा की ईजाद नहीं हो जाती, तब तक शारीरिक दूरी और मास्क प्रयोग की जीवनशैली ही इससे बचाव का बेहतर उपाय है। उन्होंने कहा कि रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स प्रबंधन आगे भी समय-समय पर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के मद्देनजर निरुपायों-असहायों के लिए राहत कार्यक्रम चलाता रहेगा।

डा. अंशुमान ने बताई कोरोना संक्रमण की वस्तुस्थिति :

नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अंशुमान ने कोरोना वायरस की जैविक वस्तुस्थिति, इससे बचाव और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रभाव के बारे में बताया। बताया कि भारतवासी की शारीरिक प्रतिरोध की क्षमता साल में मौसम के चार बार बदलने और दशकों से जारी टीकाकरण अभियान की वजह से यूरोप वासियों के मुकाबले अधिक बेहतर है, इसलिए भारत में खासकर बिहार में कोरान संक्रमितों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। हमारे देश में संक्रमितों में 03 फीसदी की ही मौत हुई, जबकि दूसरे देशों खासकर संसाधन संपन्न यूरोप में मृत्युदर अधिक रही है। उन्होंने बताया कि जमुहार (डेहरी-आन-सोन) स्थित एनएमसीएच में कोविड-19 के इलाज के लिए 200 बिस्तरों का अलग अस्पताल (चिकित्सा संभाग) बनाया गया है और प्रति दिन 150 कोरोना जांच की क्षमता वाली प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

एआर वर्मा ने दी राहत सेवाओं की जानकारी :

रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के स्थानीय प्रभारी प्रबंधक एआर वर्मा ने कहा कि कांप्लेक्स के कार्यरत कर्मचारियों ने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत डालमियानगर की आवासीय कालोनियों और इसके पाश्र्ववर्ती बस्तियों के असहाय जरूरतमंद परिवारों के लिए खाद्यन्न सामग्री और बचाव सामग्री के वितरण का कार्य अपनी सीमा में अभियान चलाकर किया। नेशनल हाइवे पर भी कई दिन प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन-पानी और बचाव सामग्री वितरण का सेवा-कार्य किया गया। उन्होंने राहत सामग्री वितरण की विस्तार से जानकारी देते हुए यह बताया कि कोरोना से बचाव के लिए रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स प्रबंधन की ओर से डालमियानगर आवासीय कालोनियों का सैनिटाइजेशन कराया गया।

कृष्ण किसलय ने भेंट की पुस्तक सुनो मैं समय हूं :

(नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा प्रकाशित पुस्तक सुनो मैं समय हूं को भेंट करते विज्ञान लेखक कृष्ण किसलय)

शासकीय समापक से रोहतास इंडस्ट्रीज के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एएन दीक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय सिंह, बैरिस्टर सिंह आदि ने हाई कोर्ट कंपनी जज के समक्ष डालमियानगर के भावी निर्माण की दृष्टि से प्रस्ताव प्रस्तुत करने की मांग की। इस अवसर पर वरिष्ठ विज्ञान लेखक और सोनमाटी मीडिया समूह के संपादक कृष्ण किसलय ने हिमांशु शेखर और एआर वर्मा को नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘सुनो मैं समय हूं’ को भेंट करते हुए बताया कि यह हिंदी भाषा में अपने विषय-वस्तु की पहली पुस्तक है। कृष्ण किसलय ने समारोह-स्थल की अनौपचारिक वार्ता में शासकीय समापक हिमांशु शेखर से रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के भवन-जमीन का उपयोग कारखाना, अस्पताल, विद्यालय या तकनीकी शिक्षण संस्थान के लिए करने का आग्रह किया, ताकि रोहतास इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों की तीसरी-चौथी पीढ़ी को अपने घर में रोजगार मिल सके। आरंभ में हिमांशु शेखर का अभिनंदन एआर वर्मा और डालमियानगर परिसर में कार्यरत कर्मचारियों मुद्रिका प्रसाद सिंह, श्रीनिवास सिंह, रविमोहन सिन्हा, बलिराम तिवारी, सीआर घोष, महात्म दुबे आदि ने पुष्पगुच्छ, माल्यार्पण से किया गया। अंत में डालमियानगर कारखाना के पूर्व श्रमिकों और अन्य असहाय-निरुपाय स्त्री-पुरुषों के बीच कोरोना से बचाव की सामग्री वितरित की गई। इस मौके पर प्रो. अजीत सिंह, चंद्रगुप्त मेहरा, गया शर्मा, ललित श्रीवास्तव, नागेश्वर सिंह, आरके सिन्हा, पारस दुबे आदि शिक्षाविद, श्रमिक नेता, राजनीतिक कार्यकर्ता, समाजसेवी, पत्रकार, कार्यरत कर्मचारी उपस्थित थे।

शासकीय समापक ने किया फोन, प्राप्त की जमीनी जानकारी :

(हिमांशु शेखर)

डालमियानगर से पटना पहुंचने के बाद शासकीय समापक सह कंपनी रजिस्ट्रार हिमांशु शेखर ने फोन पर सोनमाटी संपादक को बताया कि रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के कई भूखंड सहित माडल स्कूल परिसर भी बिक्री की प्रक्रिया में है। माडल स्कूल परिसर और इस स्कूल से संबंधित मामला उच्च न्यायालय के कंपनी जज के सुनवाई-संज्ञान की प्रक्रिया में है। याचिकाएं कोरोना संक्रमण एहतियात के कारण लंबित-बाधित हैं। उन्होंने बताया कि बतौर शासकीय समापक उनकी अनुशंसा रिपोर्ट इस बात के लिए संलग्न है कि माडल स्कूल परिसर के बिकने के बावजूद वहां भविष्य में भी स्कूल बना रहे। उन्होंने कहा कि इच्छुक अनुभवी स्कूल संचालकों-शिक्षाविदों को डालमियानगर माडल स्कूल परिसर सौंपा जाएगा। हिमांशु शेखर ने कृष्ण किसलय से फोन पर संपर्क कर सोन अंचल में औद्योगिक, व्यावसायिक परिदृश्य और इस अंचल के डालमियानगर में रोहतास इंडस्ट्रीज की स्थापना से संबंधित जानकारी साझा करते हुए कहा कि जिस विषम परिस्थिति में डालमियानगर के एशिया प्रसिद्ध कारखाने बंद हुए, मशीनें कबाड़ के भाव बिकीं, इस बात से उन्हें व्यक्तिगत दुख है। कृष्ण किसलय ने उन्हें जानकारी दी कि सोनमाटी का एक विशेषांक रोहतास इंडस्ट्रीज पर ‘तिल-तिल मरने की दास्तां’ शीर्षक से प्रकाशित हो चुका है, जिसमें स्थापना से अवसान तक की कहानी है।

रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज (प्रबंध संपादक, सोनमाटीडाटकाम)

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