– द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में किया आह्वान – असगर वजाहत बने राष्ट्रीय अध्यक्ष, चंचल चौहान कार्यकारी अध्यक्ष और मुरलीमनोहर प्रसाद सिंह महासचिव
– हसपुरा (औरंगाबाद) में नौकुण्डीय गायत्री महयज्ञ
सदियों के संघर्ष से जो हासिल किया उसे बचाए रखना जरूरी
धनबाद (झारखंड) से लौटकर शम्भूशरण सत्यार्थी। सदियों के ब्राह्मणवाद विरोधी संघर्ष, दो सदी के साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष और 70 सालों की आजादी के बाद हमने जो हासिल किया उसे बचाए रखना जरूरी है। आज हिंसाइयों, हत्यारों और लम्पटों की अनदेखी हो रही है। यह बात द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने झारखंड के धनबाद में आयोजित जनवादी लेखक संघ के नौंवे राष्ट्रीय सम्मेलन में संस्कृति का रणक्षेत्र और हमारी चुनौतियां विषय पर आयोजित व्याख्यान में कही।
उन्होंने कहा कि आज संवैधानिक रास्ते का उपयोग करने के बजाय हमलावर तरीके से संविधान के मूल को, उसकी आत्मा को नष्ट किया जा रहा है। देश का न्यायिक स्वरूप, चुनाव आयोग और आजाद ख्याल विश्वविद्यालय भी महफूज नहीं हैं। मीडिया को अपने पक्ष में बने रहने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। लेखक-कलाकार-पत्रकार साम्प्रदायिक ताकतों के निशाने पर पर हैं। कोई देश अपने इतिहास को संभाल कर ही आगे बढ़ता है, उसे बदलने की कोशिश कर नहीं। सिद्धार्थ वरदराजन ने मौजूदा माहौल में निडर होने, अभिव्यक्ति के बेहतर दमदार तरीका (शिल्प) विकसित करने और सियासी मतभेद के बावजूद अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
राजनीति और समाज बदतर स्थिति में – रावसाहब कस्बे
सम्मेलन के मुख्य अतिथि मराठी के लेखक-विचारक रावसाहब कस्बे ने कहा किर राजनीति और समाज बदतर स्थिति में जा चुकी हैं। हिंदुस्तान में पोलिटिकल डेमोक्रेसी के बावजूद कास्ट मेजॉरिटी ही कामयाब है। राजनीतिक और सांस्कृतिक राष्ट्र के अंतर को समझना होगा। भारत को राजनीतिक राष्ट्र बनाने का व्यापक महात्मा गांधी ने किया था। हालांकि उन्होंने कहा कि जो अपनी भूमिका नहीं अदा करेगा, वह लेखक नहीं है।
सम्मेलन के व्याख्यान सत्र का संचालन जनवादी लेखक संघ के उप महासचिव संजीव कुमार ने किया। विषय व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता चंचल चौहान, चंद्रकला पाण्डेय, डॉ मृणाल और डॉ अली इमाम खान के अध्यक्ष मण्डल ने की।
राष्ट्रीय सम्मेलन ने सर्वसम्मति से असगर वजाहत अध्यक्ष, चंचल चौहान कार्यकारी अध्यक्ष, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह महासचिव चुने गए। आरंभ में सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष डॉ पूर्णेन्दु शेखर ने स्वागत भाषण दिया। अंत में जनवादी लेखक संघ के दिवंगत अध्यक्ष दूधनाथ सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष जुबैर रिजवी और उपाध्यक्ष अफ्फाक अहमद को श्रद्धांजलि के बाद झारखंड राज्य के सचिव गोपाल प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
नौकुण्डीय गायत्री महयज्ञ
हसपुरा (औरंगाबाद)-सोनमाटी समाचार। स्थानीय आदर्श नगर स्थित छोटी खेल मैंदान में चार दिवसीय नौकुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन जलभरी कलश शोभायात्रा के बाद किया गया। शोभा कलशयात्रा में 351 कन्याओं ने भाग लिया, जिसमें छठी अहरा सूर्य मंदिर के तालाब से कलश में जलारोहण किया गया। शान्ति कुंज (हरिद्वार, उत्तराखंड) के प्रतिनिधियों गौतम कुमार, दिनेश कुमार, मुकेश कुमार ने अपने धार्मिक संबोधन में कहा कि गायत्री महामंत्र रहन-सहन का ज्ञान सिखाता है। यज्ञ का आयोजन आयोजन नवल प्रसाद केशरी (अध्यक्ष), सुनील खत्री (उपाध्यक्ष), अभिनंदन शर्मा (सचिव), राजेन्द्र प्रसाद ( कोषाध्यक्ष), अनिल आर्य (प्रचार मंत्री) और अन्य सदस्यों की संयोजन समिति द्वारा किया गया।