रानीसती मंदिर : पहली बार निकाली मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने भव्य शोभायात्रा

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-वरिष्ठ संवाददाता। शहर में रानी ती मंदिर प्रबंधन की ओर से मांग सिरवादी नवमी महोत्सव पर मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने भव्य शोभायात्रा निकाली, जिसमें हाथी-घोड़ा, बैंड बाजा के साथ महिलाओं का अनुशासित काफिला पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा में सिर पर कलश लिए हुए नगरपरिक्रमा पूरी कर मंदिर प्रांगण में वापस लौटीं। पूजा की नई परंपरा की नींव मारवाड़ी समाज ने पहली बार डाली और शहर में अपनी उपस्थिति का सामूहिक प्रदर्शन किया। मारवाड़ी समाज का अपनी पुरखा देवी रानीसती यानी दादीजी की स्मृति में मनाया जा रहा तीन दिवसीय त्योहार एक दिसम्बर को समाप्त होगा। मारवाड़ी समाज ने जगह-जगह तोरणद्वार दादीजी के नाम पर बनाया है।
महिलाओं के साथ हाथों में पताका लिए बच्चे भी शामिल थे। शोभायात्रा को आकर्षक और संगीतमय बनाने के लिए शहर के बाहर से भजनगायक जोड़ी को आमंत्रित किया गया था। उनकी गायकी पर शोभायात्रा की महिलाएं भी अनु-गान कर रही थीं, जिनके सामूहिक स्वर से पूरा शहर गुनगुना-झनझना उठा था। रानीसती मंदिर परिसर पर देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आमंत्रित राजस्थानी कलाकारों ने प्रस्तुत किया। भव्य शोभायात्रा का आयोजन मारवाड़ी समाज के मीना झुनझुनवाला, पवन झुनझुनवाला, अशोक जोशी, पुरषोत्तम सुनील कुमार अग्रवाल आदि ने किया।

 

एकजुटता के बगैर लाभ नहीं और एक होने के लिए राजनीतिक सक्रियता जरूरी

शिवसागर (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। शिवसागर प्रखण्ड के रायपुरचोर में जरासंध जयंती समारोह का आयोजन हरेंद्र चन्द्रवंशी की अध्यक्षता में ने किया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि चन्द्रवंशी राजनीतिक चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्य अति पिछड़ा आयोग के पूर्व सदस्य प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी ने किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी ने कहा कि बिखरे होने की वजह से राजनीतिक पहचान नहीं बनती है और एकजुटता के लिए राजनीतिक रूप से सक्रियता जरूरी है। एकजुटता के अभाव में राजनीतिक पार्टियां चंद्रवंशी समाज को महत्व नहीं देतीं हैं। उन्होंंने आह्वान किया कि जो समाज की कसौटी पर खरा उतरने वाले नेताओं को ही लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में वोट दें। उन्होंने बताया कि एक ऐतिहासिक काल में मगध जैसे बड़े जनपद के सम्राट जरासंध थे। कालांतर में जरासंध के वंशज दास-दासी की भूमिका में आकर जीवनयापन करने लगें। आज लोकतंत्र का जमाना है और लोकतंत्र से अनेक तरह के दरवाजों के ताले खोले जा सकते हैं।
कार्यक्रम को चन्द्रवंशी राजनीतिक चेतना परिषद के रूपेश चन्द्रवंशी, बिन्दा चन्द्रवंशी, अशोक चन्द्रवंशी, विनोद चन्द्रवंशी, मदन चंद्रवंशी, डोरा देवी, शोभा देवी आदि ने सम्बोधित किया।

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