डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) में इसके स्थापन दिवस सप्ताह के अवसर पर मरीजों के लिए विशेष सुविधा का प्रावधान किया गया है। एनएमसीएच मे सभी तरह के सामान्य आपरेशन, बेड, चिकित्सा परामर्श और नर्सिंग के चार्ज पूरी तरह शुल्क रहित हैं। इन सबका का कोई चार्ज नहींलिया जाएगा। यह सुविधा 19 दिसम्बर तक जारी रहेगी।
एनएमसीएच में पैथोलाजी और रेडियोलाजी विभागों की जांच में भी मरीजों के लिए विशेष छूट दी गई है। इस सुविधा से रोहतास जिला के डेहरी-आन-सोन, डालमियानगर, सासाराम जैसे शहरों के साथ इसके ग्रामीणों इलाके और औरंगाबाद, कैमूर व झारखंड राज्य के पाश्र्ववर्ती जिले के भी मरीजों को लाभ मिल रहा है। एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह के अनुसार, इससे बीपीएल परिवार को काफी राहत मिलेगी।
एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह के अनुसार, इस अस्पताल (एनएमसीएच) को भारत सरकार की जन-आरोग्य कार्यक्रम की ध्वजवाहक योजना आयुष्मान भारत के लिए बिहार सरकार ने सूचीबद्ध भी लिया है। इससे आयुष्मान योजना के तहत गोल्डेन कार्डधारक मरीजों का इलाज भी एनएमसीएच में होगा।
सीमांत बिहार में रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में एनएमसीएच का अस्पताल ही विविध और विस्तृत आधुनिक चिकित्सा संसाधन से लैस है। यह इस इलाके का एकमात्र सबसे बड़ा अस्पताल है। एनएमसीएच के सभी विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद हैं और विशेष आधुनिक चिकित्सा उपकरण हैं। विभिन्न तरह के मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड हैं।
इलाज के विभिन्न सुपर स्पेशलिटी विभागों हृदय रोगों के लिए कार्डियोलाजी, तंत्रिका-तंत्र के रोगों के लिए न्यूरोलाजी, मूत्राशय संबंधी बीमारी के लिए यूरोनोलाजी, गैस के लक्षण वाले पेट के रोगों के लिए गैसट्रोलाजी आदि के कारण गोपालनारायणसिंह विश्वविद्यालय परिसर के अंतर्गत कार्यरत एनएमसीएच ने विश्वसनीय चिकित्सा और बेहतर चिकित्सकीय संधासन के जरिये सौ किलोमीटर से अधिक के दायरे में अपना भरोसा स्थापित कर लिया है।
(रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेन्द्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
उधर, डेहरी-आन-सोन से विशेष प्रतिनिधि के अनुसार, जीटी रोड (डिलियां) स्थित गीतांजलि नर्सिंग होम में भी कई तरह के मरीजों से चिकित्सक का परामर्श शुल्क नहीं लिया जाता है। सैनिकों या उनके आश्रितों के साथ दिव्यांगों और कैैंसर के मरीजों से परामर्श शुल्क नहीं लिया जाता है। यहां डा.गीता सिंह, डा. अवधबिहारी सिंह, डा. कंचन सिंह और डा. अमिताभ सिंह की टीम बैठती है। डा. अवधविहारी सिंह ने सोनमाटीडाटकाम को व्हाट्सएप पर बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर उड़ी घटना के बाद की ओर से उनके अस्पताल (क्लिनिक) में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
शहर (डेहरी-आन-सोन) की सीमा पार ग्रामीण क्षेत्र (बीएमपी गेट से आगे नारायरणपुर) में भी लक्ष्मीनारायण अस्पताल (क्लिनिक) परिसर में हर रविवार को समाज के सबसे कमजोर वर्ग के परिवार के मरीज के लिए मुफ्त चिकित्सा और दवा (जितना उपलब्ध रहेगा) की भी फ्री व्यवस्था है। यहां एक बार ही मरीज से रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता है। यहां नवयुवा एमबीबीएस चिकित्सक डा. अविनाश कृष्ण मरीजों को चिकित्सा-स्वास्थ्य परामर्श देते हैं। इस अस्पताल (क्लिनिक) के व्यवस्थापक उत्तराखंड के सेवानिवृत्त अध्यापक प्रो. कन्हैया सिंह है। प्रो, कन्हैया सिंह के अनुसार, यहां पंजीकृत मरीजों से जीवन भर चिकित्सक का परामर्श शुल्क नहींलिया जाएगा। पंजीयन शुल्क फिलहाल 50 रुपये ही रखा गया है।
डेहरी-आन-सोन के पाली रोड स्थित मोहिनी परिसर में दंत चिकित्सा क्लिनिक ब्राइट स्माइल में भी मरीज का एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद डाक्टर की फीस आजीवन नहींलेने की व्यवस्था है। इस क्लिनिक (अस्पताल) में दांत के विशेषज्ञ चिकित्सक डा. अभिषेक सिद्धार्थ और डा. सुप्रिया भारती दोनों ही पटना से आकर सप्ताह में नियत समय देते हैं।
(रिपोर्ट व तस्वीर : निशांत राज)