डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जीवन में खेल का बड़ा महत्व है, खासकर युवाओं के लिए, क्योंकि यह शारीरिक-मानसिक क्षमता को बढ़ाने वाला योगाभ्यास भी है। यह विज्ञान सिद्ध है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मतिष्क का निर्माण होता है। खेल का सांस्कृतिक महत्व भी है, क्योंकि यह एक परंपरा की तरह सबको जोडऩे का सामाजिक काम भी करती है। इसीलिए शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाले खेलकूद की महत्ता कायम है। यह बातें नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह संस्थान के वार्षिक स्थापना समारोह (सृजन-2018) का उद्घाटन करते हुए कही।
आउटडोर और इनडोर खेल चलेंगे, समापन समारोह 20 दिसम्बर को
23 नवम्बर से आरंभ हुआ सृजन-2018 विभिन्न तरह के खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का सामूहिक संयोजन है। इसके आउटडोर गेम में क्रिकेट, वालीबाल, बैंटमिंटन और एथेलेटिक्स शामिल हैं, जो दो दिसम्बर तक चलेगा। जबकि इनडोर गेम में टेबल टेनिस, शतरंज, फाइन आर्ट, फोटग्राफी, रंगोली, मेंहदी, वाद-विवाद और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल हैं। सृजन-2018 का समापन 20 दिसम्बर को गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर मेंं भव्य रंगारंग (सांस्कृतिक) कार्यक्रम के साथ संपन्न होगा।
मेडिकल कालेज के अध्यापक-अधिकारी संभाल रहे हैं अलग-अलग जिम्मेदारी
नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के प्राचार्य डा. विनोद कुमार और वरिष्ठ प्राध्यापक डा. दिलीप यादव ने इस अवसर पर अपनी बातें रखीं। सृजन-2018 की शुरुआत एमबीबीएस के छात्रों के क्रिकेट खेल से हुई। आरंभ में प्राचार्य टीम के खिलाडिय़ों से औपचारिक परिचय प्राप्त किया। सृजन-2018 के कोर्डिनेशन के लिए डा. अशोककुमार देव संयोजन सचिव और डा. प्रभात कुमार को संयुक्त सचिव बनाए गए हैं। सृजन-2018 के लिए कालेज के संबंधित फैकल्टी के अध्यापकों-अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।
(रिपोर्ट एवं तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में झारखंड में क्रिकेट और फुटबाल प्रतियोगिता
उंटारी, पलामू (झारखंड)-सोनमाटी संवाददाता। जयप्रकाश जनता दल की झारखंड राज्य इकाई की ओर से उंटारी हाई स्कूल में क्रिकेट और फुटबाल प्रतियोगिता का उद्घाटन जयप्रकाश जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव शशि सिंह और झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने किया। यह आयोजन लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में किया गया।
शिक्षा और खेती पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत
शशि सिंह ने कहा कि आज देश-समाज को धुर विरोध-प्रतिरोध और विरोध के लिए ही विरोध की राजनीति के बजाय साकारात्मक राजनीति की जरूरत है। किसानों की समस्याओं समाज के सभी कमजोर तबके की शिक्षा पर तो खास फोकस करने की जरूरत है। विनोद कुमार सिंह ने कहा कि भारत आज भी बड़े हद तक कृषि प्रधान देश है। इसलिए पूंजी वाली नीति के बजाय खेती-किसानी के लिए परिणामपरक कार्यक्रम लागू करने से देश की सौ फीसदी बेरोजगारी दूर होगी, गांवों से पलायन रुकेगा और यथायोग्य विकास भी होगा। समारोह को राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिंह सोलंकी, झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष कमल किशोर पांडे, पलामू जिला अध्यक्ष विजय कुमार, अनवर हुसैन आदि ने भी संबोधित किया।