

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। पीएसएम भारतीय संघ के राज्य स्तरीय 13वीं वार्षिक सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ शुक्रवार को नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के देव मंगल सभागार में हुआ। इस अवसर पर “किशोर स्वास्थ्य: किशोरावस्था से वृद्धावस्था तक” की थीम पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एजी कुलकर्णी ने अपने संबोधन में किशोर वय के लोगों के लिए खान-पान की आदतों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि आज चिकित्सा विज्ञान सैकड़ों वर्ष पुराने खान-पान व्यवस्था को अपनाने की ओर इसलिए इशारा कर रहा है क्योंकि हम व्यावहारिक रूप में खान-पान की आदतों से अपना स्वास्थ्य बिगाड़ रहे हैं।
उन्होंने विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि जंक फूड एवं अन्य तैलीय और मसालेदार पदार्थों के अधिकतम सेवन की आदतों से किशोर वय से ही लोग मधुमेह और रक्तचाप जैसी समस्याओं के चक्कर में पड़ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से विभिन्न प्रकार की दवाओं का प्रयोग करने से भी इस प्रकार की समस्याओं से निजात नहीं मिल पाता है जबकि खान-पान की आदतों में सुधार करके एवं अधिकांश रूप से घर में बने हुए भोजन की आदत डालने से कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिल सकती है।

उललेखनीय है कि दो दिनों तक चलने वाले इस सेमिनार में राज्य के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय से आए हुए शिक्षकों एवं छात्र-छात्राएं इस राज्य स्तरीय सेमिनार में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। आयोजन समिति द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में 280 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं तथा स्वास्थ्य के महत्व पर ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दे रहे हैं। उद्घाटन सत्र के अवसर पर संस्थान के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह, कुलपति डॉ. प्रोफेसर महेंद्र कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, अखिल भारतीय पीएसएम संघ के अध्यक्ष डॉ. एजी कुलकर्णी, सचिव डॉ. पुरुषोत्तम गिरी, राज्य संघ के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, नारायण मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हीरालाल महतो, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. निपेन्द्र आनंद, डॉ. नवीन कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग अध्यक्ष द्वारा सभी आगतों का स्वागत किया गया जबकि कार्यक्रम के अंत में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के शिक्षक एवं आयोजन समिति के सूत्रधार डॉ. राहुल चंद्रा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
(रिपोर्ट : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)