27 साल बाद कदवन जलाशय को स्वीकृति

सोन नहरों का होगा उद्धार, नौ जिलों को लाभ, 450 मेगावाट बिजली भी

सासाराम, रोहतास (बिहार)। सरकारी फाइलों में 27 सालों से धूल फांक रही बिहार की एक महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना कदवन (इंद्रपुरी) जलाशय को अब जाकर स्वीकृति मिली है। कदवन जलाशय का शिलान्यास 1990 में कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने किया था। उसके बाद राज्य में कांग्रेस के अत्यंत कमजोर हो जाने से यह योजना खटाई में पड़ गई। मिश्र सरकार के बाद आई किसी भी सरकार ने इस योजना पर ध्यान नहींदिया। 27 साल बाद इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके निर्माण के लिए मंजूरी दी। अब इस योजना के निर्माण के लिए सर्वेक्षण का कार्य आरंभ हुआ है।

सवा सौ साल से अधिक पुरानी सोन नहर प्रणाली बिहार के नौ जिलों रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, गया और पटना के लिए करोड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा है, जिससे इन जिलों में सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था होती है। 19वींसदी के उत्तराद्र्ध में डेहरी-आन-सोन में सोन नदी के दोनों पाटों पर एनिकट (वीयर) बनाकर ऊंचा उठाया गया और इसके दोनों सिरों (पूरब व पश्चिम) से मुख्य नहरें निकाली गईं। 20वीं सदी में निकट में बालू भर जाने से जबसोन नहरों में पानी प्रवाह कम हो गया, तब आठ किलोमीटर ऊपर (दक्षिण में) इंद्रपुरी में बैराज बनाकर और इससे लिंक नहर निकाल कर एनिकट स्थित पुराने मुख्य नहर से जोड़ा गया।
इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के वाणसागर में जलाशय बनाकर सोन का पानी रोक लेने से इंद्रपुरी बैराज में बरसात के मौसम मेंंभी पर्याप्त मात्रा में पानी नहींआ पाता है। तब इंद्रपुरी से ऊपर सोन के तट पर कदवन में पानी भंडारण के लिए जलाशय निर्माण की योजना बनाई गई। योजना बनने के करीब 10 साल बाद बिहार के बंटवारा होने पर सोन के दायें तट पर स्थित कदवन झारखंड का हिस्सा बन गया। इस कारण इस योजना के क्रियान्वयन में गतिरोध बना रहा। अब इस योजना का केेंद्र स्थल रोहतास जिले का दक्षिणी सीमांत गांव मटियांव है और इसका नाम इंद्रपुरी जलाशय परियोजना (शिविर मटिआंव) कर दिया गया है।
इस जलाशय के तहत 68.916 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पानी का जमाव होगा। इतने बड़े क्षेत्र में पानी के जमा होने के लिए 17425 वर्ग हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसके लिएवन विभाग का भी 2061 हेक्टेयर क्षेत्र अधिग्रहण होगा। इससे दक्षिण बिहार के नौ जिले रोहतास, औरंगाबाद, गया, बक्सर, भोजपुर, जहानाबाद, कैमूर, अरवल और पटना लाभान्वित होंगे। इस योजना के लिए बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के 90 गांव विस्थापन से प्रभावित होंगे। इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता रामेश्वर चौधरी के अनुसार, कदवन (इंद्रपुरी) जलाशय योजना के तहत पानी जमा होने के लिए समुद्र तल से 173 मीटर ऊंचा बांध (डैम) बनेगा। सर्वेक्षण का कार्य पूरा होने के बाद इस परियोजना के निर्माण के लिए डीपीआर बनेगी और निविदा की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू होगा। इस जलाशय से 450 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा। इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण का कार्य करने वाली कंपनी राडिस कंसलटेंसी के उपाध्यक्ष आलोक कुमार पाठक के मुताबिक, कंपनी निर्धारित समय में सर्वे पूरा कर उसकी रिपोर्ट और वन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र सरकार को सौंपेगी।

वेब रिपोर्टिंग :  ददन पांडेय

  • Related Posts

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ और कॉपर टिकट पर बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार द्वारा माय स्टाम्प का विमोचन पटना- कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने गुरुवार…

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    पटना /सोनपुर – कार्यालय प्रतिनिधि। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, पटना द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न महत्वाकांक्षी  योजनाओं के माध्यम से देश को…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी : महालेखाकार

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण