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पुरखे की याद में 45 साल बाद समारोह

– केेंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- अब्दुल क्यूम ने किया था देश की आजादी के लिए शीर्ष संघर्ष
– बिहार मोमिन कांफ्रेन्स ने की भारतरत्न देने की मांग

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-सोनमाटी समाचार। 45 साल बाद शहर डेहरी-आन-सोन ने अपने ऐतिहासिक पुरुष प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय अब्दुल क्यूम अंसारी को समारोह के साथ याद किया। अब्दुल क्यूम अंसारी की 45वींपुण्यतिथि पर नगर भवन में बिहार मोमिन कान्फ्रेन्स (क्यू) की ओर से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केेंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि देश की आजादी के शीर्ष संघर्ष और आजादी के बाद की व्यापक कर्मठता के मद्देनजर स्वर्गीय अंसारी को भारत रत्न जैसा शिखर नागरिक सम्मान मिलना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि डालमियानगर के मृत रोहतास उद्योगसमूह परिसर में जल्द ही रेलवे का कारखाना खुलेगा।

समारोह को केरल के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार सिंह, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, पूर्व विधायक हुलास पांडेय, पूर्व विधायक श्यामबिहारी राम ने संबोधित करते हुए स्वर्गीय अब्दुल क्यूम अंसारी को अपने समय का डेहरी-आन-सोन, बिहार और देश का चमकता सितारा बताया।
बिहार स्टेट मोमिन कांफ्रेन्स (क्यू) के अध्यक्ष तनवीर ने केेंद्र सरकार से स्वर्गीय अंसारी को भारत रत्न देने, डेहरी-आन-सोन रेलवे स्टेशन का नाम अब्दुल क्यूम अंसारी के नाम पर करने और इनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग रखी। समारोह की अध्यक्षता पूर्व विधायक खालिद अनवर अंसारी ने की और संचालन साबिक रोहतासवी ने किया। इस मौके पर फलक सुलतानपुरी ने स्वर्गीय अंसारी की याद में गजल गायन किया।
परिसर खाली कराने की गुहार
इसी बीच, अब्दुल क्यूम अंसारी के पोते तनवीर अंसारी ने रोहतास के पुलिस को पत्र लिखकर अपने दादा के पैतृक आवास तारबंगला स्थित अंसारी बिल्डिंग (साफिया मसकन) के परिसर को खाली कराने की गुहार लगाई है, जहां स्वर्गीय अंसारी का जन्म हुआ था। तनवरी अंसारी का कहना है कि डेहरी नगर थाना द्वारा जब्त वाहनों को उस भवन परिसर में लगाया जाता है, जिससे इस भवन की निजता प्रभावित होती रही है।

पत्रकारिता से शुरू किया था अपना करियर
स्वर्गीय अंसारी ने अपना आरंभिक करियर पत्रकार-प्रकाशक-संपादक के रूप में अपने पैतृक शहर डेहरी-आन-सोन में शुरू किया था। तब पत्रकारिता प्रोफेशन नहीं, मिशन थी। देश में आजादी की जंग के उस दौर में स्व. अंसारी ने अपनी मेहनत, कर्मठता व मेधा के बल पर भारतीय समाज में मुस्लिम लीग और द्विराष्ट्रवाद के कट्टर विरोधी व अखंड राष्ट्रीयता के पोषक के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। संपूर्ण देश (भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश) के अग्रणी राष्ट्रवादी मुस्लिम नेताओं अब्दुल गफ्फार खान और मौलाना हुसैन मदनी के बाद इनके नाम की गणना होती थी। इन्होंने मुस्लिम लीग के विरोध में 80 साल पहले मोमिन आंदोलन की शुरुआत की थी। इन्होंने अपने को मोमिनों के राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित किया था। भारत के आजाद होने के बाद वे बिहार सरकार में कारा मंत्री बनाए गए और राज्य का प्रथम कारा विद्यालय की स्थापना की थी। उनकी मृत्यु 68 साल की उम्र में 18 जनवरी 1973 को डेहरी विधानसभा क्षेत्र के अमियावर में हुई थी।
डेहरी-आन-सोन में स्थापित किया पहला छापाखाना
आज इस बात की जानकारी उंगली पर गिने जाने वाले लोगों को ही है कि अब्दुल क्यूम अंसारी डेहरी-आन-सोन के प्रथम पत्रकार थे, जिन्होंने 1925 में पहला छापाखान स्थापित किया था और मासिक पत्रिका (अल इस्लाह) का प्रकाशन किया था। तब डालमियानगर रोहतासउद्योग का नामोनिशान मौजूद नहीं था और इसकी स्थापना के लिए रामकृष्ण डालमिया के अपनी घुड़सवार बेटी रमा जैन के साथ कोलकाता से यहां आकर डेहरी बाजार स्थित कला निकेतन वाले भवन में ठहरने मेें तब आठ साल का समय बाकी था। उस वक्त डेहरी-आन-सोन की एनिकट स्थित सोननहर प्रणाली देश-विदेश तक प्रसिद्ध थी, जिसमें पांच हजार मोटरबोट (करीब साढ़े चार हजार मालवाहक और करीब पांच सौ यात्री वाहक) चलते थे। आज मृत रोहतास उद्योगसमूह (लिक्विडेशन में जा चुके डालमियानगर के एशिया प्रसिद्ध कारखाने) की तरह ही मोहनजोदड़ो-हड़प्पा बन गई सोननहर प्रणाली के उस वैभव काल की जानकारी पाकर दांतोंतले उंगली दबाई जा सकती है, जिनके अवशेष व स्मृतियां ही बची हुई हैं।
स्मृति में पत्रकारिता सम्मान श्रृंखला
अब्दुल क्यूम अंसारी की स्मृति को पत्रकार संसद ने अपनी आंचलिक पत्रकारिता सम्मान श्रृंखला में स्थान दिया था और इनके नाम पर सोनघाटी क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्टून पत्रकारिता के लिए औरंगाबाद के तत्कालीन नवयुवा कार्टूनिस्ट रूपेश को अब्दुल क्यूम अंसारी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया था। तब मार्च 1997 में पत्रकार संसद द्वारा आयोजित दो दिवसीय सोनघाटी क्षेत्र आंचलिक पत्रकार सम्मेलन केअवसर पर सोनघाटी (शाहाबाद, मगध) में पत्रकारिता के क्षेत्र में अग्रणी व श्रेष्ठ कार्य करने वाले पत्रकारों नवेन्दु (आरा, पटना) को स्थल रिपोर्टिंग के लिए महेश्वरी प्रसाद आंचलिक पत्रकारिता सम्मान और स्वर्गीय सुनील ज्वाला (सासाराम) को विजयबहादुर सिंह आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार खेल पत्रकारिता के लिए दिया गया था। तब रोहतास के पुलिस अधीक्षक विभूतिभूषण प्रधान इस सम्मान श्रृंखला की प्रवर समिति के अध्यक्ष और विश्वनाथ प्रसाद सरावगी (जयहिंद टाकिज काम्पलेक्स) वरिष्ठ सदस्य थे। तब नवभारत टाइम्स के जिला संवाददाता व राष्ट्रीय नवीन मेल के डेहरी स्थित शाहाबाद कार्यालय के ब्यूरो प्रमुख रहे कृष्ण किसलय पत्रकार संसद के अध्यक्ष, हिन्दुस्तान के स्थानीय संवाददाता स्व. रामबचन पांडेय उपाध्यक्ष, आर्यावर्त व राष्ट्रीय नवीन मेल के संवाददाता रहे उपेन्द्र मिश्र सचिव, आज के संवाददाता रहे कुमार बिंदु उप सचिव, आज के संवाददाता जगनारायण पांडेय कोषाध्यक्ष और हिन्दुस्तान के डालमियानगर संवाददाता रहे सतीश मिश्र सांस्कृतिक संयोजक थे।
(सोनमाटीडाटकाम में वेब रिपोर्टिंग व तस्वीर : वरिष्ठ संवाददाता वारिस अली और प्रबंध संपादक निशांत राज)

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