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समाचारसोन अंचल

अल्जाइमर : तेजी से बढ़ रहा स्मृतिदोष की बीमारी का दायरा

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। अल्जाइमर यानी स्मृतिदोष और भूलने की बीमारी है, जिसका दायरा देश और दुनिया में लगातार तेजी से बढ़ रहा है। चिंता की बात यह है कि यह रोग अब युवाओं में भी बड़े पैमाने पर देखा जाने लगा है। यह जानकारी देते हुए बीएचयू के फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर डा. रामप्रकाश मोदी ने स्मृतिदोष या स्मृतिहीनता की बीमारी अल्जाइमर के आरंभिक लक्षण, कारण और उपचार के बारे मेंं विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस रोग पर प्राकृतिक उपचार से बहुत हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। पहले यह माना जाता था कि यह बीमारी (अल्जाइमर) बूढ़ों में ही होने वाली बीमारी है, जो बढ़ती उम्र के कारण है। मगर भारत सहित अनेक देशों में विभिन्न समाज और समुदायों पर किए गए शोध से यह बात सामने आई है कि अब इसकी चपेट में युवा वर्ग भी है। डा. मोदी ने जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के अंतर्गत संचालित नारायण फार्मेसी कालेज में कालेज के विद्यार्थियों और अध्यापकों को अल्जाइमर के बारे में अपने अतिथि व्याख्यान में विस्तार से जानकारी दी। आरंभ में नारायण फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डा. विनोद तिवारी ने डा. मोदी का परिचय देते हुए स्वागत किया और अंत में जीएनएसयू के अंतर्गत संचालित नारायण चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एसएन सिन्हा ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।

समय-पूर्व प्रसव पर चिकित्सा महाविद्यालय में संगोष्ठी

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। दवा निर्माता कंपनी जुवेंट हेल्थ केयर के सहयोग से जमुहार स्थित नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में समय-पूर्व प्रसव पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा, स्त्री एवं प्रसूती रोग विभाग के अध्यक्ष डा. रामाधार तिवारी, डा. रीता सिन्हा, शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डा. जेपीएन वर्णवाल और पीएसएम विभाग के अध्यक्ष डा. दिलीप कुमार यादव ने अपने अनुभव और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के शोध-पर्यवेक्षण के आधार पर अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डा. नदीम ने किया।

संगोष्ठी में बताया गया कि समय-पूर्व प्रसव होने पर जच्चा (मां) और बच्चा (नवजात शिशु) को क्या-क्या परेशानी हो सकती है? समय-पूर्व पैदा होने के कारण नवजात शिशु को भविष्य में क्या बीमारी हो सकती है और ऐसी मां को किस तरह की समस्या से सामना करना पड़ सकता है? वक्ता चिकित्सकों ने यह सलाह भी दी कि चिकित्सा की दृष्टि से क्या-क्या उपाय अपनाया जाना चाहिए और कौन-कौन सी दवाओं का कब-कब उपयोग किया जाना चाहिए?
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)

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