(प्रसंगवश/कृष्ण किसलय) : गया विष्णुपद मंदिर का प्रबंध अब पंडा समाज के हाथ में नहीं !

-0 प्रसंगवश 0-
गया विष्णुपद मंदिर का प्रबंध अब पंडा समाज के हाथ में नहीं !
-कृष्ण किसलय (संपादक, सोनमाटी)

बिहार के गया में फल्गू नदी तट पर हिन्दू समाज अपने पुरखों के मोक्ष के लिए पिंडदान का धार्मिक अनुष्ठान हजारों सालों से करता रहा है। पिंडदान और पित्तरों को तर्पण के बाद पुण्यप्राप्ति के लिए गयाधाम के विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के पदचिह्नï के दर्शन करने की मान्यता रही है। हर साल आस्था रखने वाले देश-दुनिया के हिन्दू पितृपक्ष में पिंडदान करने बड़ी संख्या में गया पहुंचते हैं। विष्णुुपद विश्व का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान विष्णु के पदचिह्नï की पूजा होती है। फिर भी मंदिर भूतकाल में दुरावस्था में बना रहा। इस बहुख्यात मंदिर का जिर्णोद्धार 18वींसदी में मालवा साम्राज्य, इंदौर की रानी और सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव की पत्नी महारानी अहिल्याबाई होलकर (1725-1795) ने कराया था।
विष्णुपद मंदिर का प्रबंध गया का पंडा समाज करता रहा है। मगर अब गया जिला सत्र न्यायालय के फैसले के बाद इस मंदिर का प्रबंध राज्य सरकार द्वारा गठित बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (बोर्ड) के हाथ में होगा, जो राज्य के सार्वजनिक महत्व के अधिग्रहीत मंदिरों की देख-रेख करती है। गया जिला अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है, किसी विशेष वर्ग या व्यक्ति की नहीं। जबकि विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधारलाल पाठक का कहना है कि कई पुराणों में विष्णुपद वेदी की भगवान ब्रह्म्ïाा द्वारा देख-रेख का कार्य गयापाल पंडा को सौंपने का उल्लेख है। विष्णुपद मंदिर के रख-रखाव में सार्वजनिक शिकायत पर 53 साल पहले 1968 में राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने गयापाल पंडा को मंदिर न्याससमिति गठित करने की नोटिस भेजी। इसके बाद फिर 1977 में विष्णुपद मंदिर प्रबंध न्यास परिषद का गठन कर राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने इसकी अधिसूचना जारी की। तब गयापाल पंडा ने जिला न्यायालय में बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के विरुद्ध वाद दायर किया। जिला न्यायालय ने अपने निर्णय में न्यायालय ने 14 दिसंबर 2020 को मंदिर को सार्वजनिक संपत्ति बताया और राज्य धार्मिक न्यास परिषद को मंदिर का प्रबंध कार्य करने को कहा। इस फैसले से संबंधित हाई कोर्ट में दायर एक अपील पर हाईकोर्ट ने दिशा-निर्देश के साथ मामला निष्पादन के लिए जिला न्यायालय को ही भेज दिया।
इस बीच विष्णुपद मंदिर परिसर के प्रबंध को लेकर एक याचिकाकर्ता गौरव कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता सुमित सिंह ने हाईकोर्ट में याचना दायर की। इस याचिका पर सुनवाई में हाईकोर्ट ने भी कहा कि मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है, जिसका प्रबंध राज्य धार्मिक न्यास परिषद की जिम्मेदारी है। राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अधिवक्ता गणपति त्रिवेदी ने हाईकोर्ट को बताया कि विष्णुपद मंदिर के विकास की पूरी योजना का कार्यान्वयन बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद कर सकती है, पर राज्य के मंदिरों का रख-रखाव का कार्य करने वाली यह संस्था पांच साल से भंग है। तब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के गठन का निर्देश दिया। इसके बाद 04 जनवरी को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश राजीवरंजन प्रसाद की खंडपीठ द्वारा की गई भौतिक सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने यह बताया कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का गठन पूर्व विधि सचिव अखिलेश कुमार जैन की अध्यक्षता में कर लिया गया है, जिसकी अधिसूचना भी राज्यपाल ने जारी कर दी है। हाईकोर्ट ने विष्णुपद मंदिर का प्रबंध देश के ख्यात मंदिरों वैष्णव देवी, बालाजी आदि की तरह करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट की ओर से मंदिर प्रबंध के विवाद को निपटाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर को सौंपते हुए यह कहा है कि विष्णुपद मंदिर से संबंधित सभी पक्षों की बैठक में विवाद का निस्तारण करें और निस्तारण में विष्णुपद मंदिर के पुजारियों के हितों का भी ध्यान रखें। अब गजाधारलाल पाठक का कहना है कि निचली अदालत के निर्णय को लेकर गया का पंडा समाज अपने अधिकार के लिए जरूरत पडऩे पर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगा और अपील करेगा।

संपर्क : सोनमाटी-प्रेस गली, जोड़ा मंदिर, न्यू एरिया, डालमियानगर-821305, जिला रोहतास (बिहार) फोन 9523154607, 9708778136
ई-मेल : sonemattee@gmail.com

Share
  • Related Posts

    सर्वाधिक महत्वपूर्ण है सावन का सोमवार

    सनातन संस्कृति में वर्ष ‘ मास ‘ पक्ष और दिन का विशेष महत्व है। सावन मास में चन्द्र वासर (सोमवार ) को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे तो सावन…

    Share

    सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने रेत पर बनायीं 108 शिवलिंग महादेव की तस्वीर, मांगी शांति का पैगाम

    पटना-कार्यालय प्रतिनिधि। सावन माह के पहली सोमवारी के पूर्व संध्या पर देश चर्चित इंटरनेशनल सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने एक बार फिर से बिहार के गंगा की सोंधी रेत को…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    जीएनएसयू में तीन दवसीय हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भूमि प्रबंधन परियोजना कार्यक्रम का आयोजन

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    भाजपा की कार्यशाला में बूथ स्तर पर संगठन को सशक्त करने पर जोर

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह

    डब्ल्यूजेएआई की भागलपुर इकाई के अध्यक्ष हुए श्यामानंद सिंह