रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच
कला और संगीत कौशल को विस्तार देती है : सिद्धेश्वर
पटना(सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। कला चाहे जिस भी क्षेत्र का हो,चित्रकला संगीत कला या फिर अन्य। यह प्रत्येक व्यक्ति के भीतर पाया जाता है। लेकिन चित्रकार या कलाकार बन जाना अनुवांशिक देन है। और यह प्रवृत्ति एक पीढ़ी से आगे की पीढ़ी तक चलते रहती है। लगातार अभ्यास से परिपक्व होती रहती है। रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच कला और संगीत कौशल को विस्तार देती है।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वधान में , फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर ऑनलाइन हेलो फेसबुक कला एवं संगीत सम्मेलन का संचालन करते हुए संयोजक सिद्धेश्वर ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया। उन्होंने विस्तार से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर संगीत और कला के प्रति रुझान रहती है, इसलिए भी वे चित्रकार या कलाकार या संगीतकार न होते हुए भी, इन कलाओं के प्रति आकर्षित रहते हैं। यह कहा भी गया है कि कला और संगीत एक अच्छी शिक्षा का अभिन्न अंग हैं और बच्चों के समग्र विकास में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच इस तरह के कौशल में सुधार से लेकर भावनात्मक बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने तक, कला और संगीत शिक्षा के कई और दूरगामी लाभ हैं।
हेलो फेसबुक चित्रकला
इस सम्मेलन में विज्ञान व्रत, डॉ. पूनम श्रेयसी, डॉ. सुधा पांडे, सिद्धेश्वर, दिव्या श्री, डॉ. कृष्णमणि श्री मैसूर कर्नाटक, निर्मल कर्ण, प्रियदर्शनी, राज प्रिया रानी द्वारा प्रदर्शित कलाकृतियों में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र राज प्रिया रानी की पहली चित्रकला बनी रही। सिद्धेश्वर की लिखी गजल को संगीतमय प्रस्तुति दिया नरेश कुमार आस्टा ने। ऋतु मिश्रा ने भजन गाकर श्रोताओं का मन मोह कर लिया।
विश्व विख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा की स्मृति में आयोजित इस हेलो फेसबुक संगीत एवं कला सम्मेलन का अवलोकन करते हुए मुरारी मधुकर ने कहा कि लोक गायकी की नींव को मजबूत करने वाले पूर्वी गीतों के प्रणेता महेंद्र सिंह की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली होनहार शिष्या थी शारदा सिन्हा, जिन्होंने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है l इस अवसर पर अनीता मिश्रा सिद्धि ने अपनी लिखी छठ गीत को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया l सदाबहार गीत पर अभिनय करने वालों में डॉ. पूनम श्रेयसी, दीनानाथ गुप्ता, राज प्रिया रानी और सिद्धेश्वर ने प्रस्तुति दिया l14 वर्षीय जलज नचिकेत की कलाकृति भी शामिल की गई l
प्रस्तुति : बीना गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना
मोबाइल : 9234 760365