अरुण दिव्यांश की कविता : दीपावली का त्यौहार
चल रहा स्वच्छता अभियान ,
चल रही है चहुंओर सफाई ।
घर के बाहर व घर के भीतर ,
हर्षित मन होकर चित्तलाई ।।
आ गया है अब महा त्यौहार ,
माता लक्ष्मी को बुलाने की ।
समस्त जीवों से प्यार बढ़ाने ,
और ईर्ष्या द्वेष ये भुलाने की ।।
अंतर्मन का तू तम मिटा ले ,
अंतर्मन में तू ज्योत जगा ले ।
आत्मा में परमात्मा बसा है ,
दुर्विचार औ दुष्कर्म भगा ले ।।
कर ले तू अंतर्मन की सफाई ,
अंतर्मन में तुम चंद्र बसा लो ।
साॅंस साॅंस में प्रेम रच जाए ,
अंतर्मन से ऐसी ही श्वसा लो ।।
शीतल चाॅंदनी देता चाॅंद ही ,
टिमटिमा कर रह जाते तारे ।
तारों से ये प्रकाश नहीं होता ,
तिमिर हटा सकते नहीं तारे ।।
लक्ष्मी पूर्व गणेश ये बसा लो ,
फिर लक्ष्मी को बुलाना तुम ।
बिन गणेश आतीं न लक्ष्मी ,
लक्ष्मी पूर्व गणेश लाना तुम ।।
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